गठबंधन ने बनाया मोदी के खिलाफ सैनिक तेजबहादुर को अपना उम्मीदवार

Update: 2019-04-29 11:19 GMT

मोदी के खिलाफ बनारस से गठबंधन की टिकट पर ताल ठोक रहे तेजबहादुर वही सैनिक हैं जिन्होंने 9 जनवरी 2017 के शुरू में सेना में जवानों को मिल रहे खाने को सार्वजनिक कर पूरे देश की राजनीति में उबाल ला दिया था...

जनज्वार। बीएसएफ के जवान रहे तेज बहादुर यादव को सोशल मीडिया पर सेना के मेस में मिल रहे घटिया खाने का मुद्दा उठाने पर बर्खास्त कर दिया गया था। वही तेज बहादुर यादव वाराणसी सीट से सपा—बसपा—रालोद गठबंधन के प्रत्याशी हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव मैदान में हैं।

गौरतलब है कि इस सीट पर पहले गठबंधन ने समाजवाद पार्टी की शालिनी यादव को टिकट दिया था, मगर नामांकन के आखिरी दिन सेना के बर्खास्त सिपाही तेज बहादुर को टिकट देकर मोदी के खिलाफ चुनाव मैदान में उतार मुकाबले को दिलचस्प बना दिया है।

गौरतलब है कि मोदी के खिलाफ बनारस से गठबंधन की टिकट पर ताल ठोक रहे तेजबहादुर वही सैनिक हैं जिन्होंने 9 जनवरी 2017 के शुरू में सेना में जवानों को मिल रहे खाने को सार्वजनिक कर पूरे देश की राजनीति में उबाल ला दिया था। हरियाणा के रेवाड़ी के तेज बहादुर यादव ने वीडियो में सैनिकों को परोसे जाने वाले खाली हल्दी और नमक वाली दाल और साथ में जली हुई रोटियां दिखाते हुए सैनिकों के खाने की क्वालिटी को कटघरे में खड़ा किया था।

जानवरों से भी बदतर सैनिकों को परोसे जाने वाले खाने की हकीकत दिखाते हुए तेजबहादुर यादव ने कहा था कि पाकिस्तान से सटी नियंत्रण रेखा समेत कई जगहों पर हम सैनिकों को इसी तरह का खाना परोसा जाता है और कई बार तो जवानों को भूखे पेट सोना पड़ता है। यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था।

वीडियो सामने आते ही प्रधानमंत्री कार्यालय ने केंद्रीय गृह मंत्रालय और बीएसएफ से मामले की रिपोर्ट मांगी थी। वीडियो शेयर करने के बाद तेजबहादुर ने सेना से वीआरएस के लिए अप्लाई कर दिया था, जिसे यह कहते हुए रिजेक्ट कर दिया गया था कि जब तक इस मामले में जांच पूरी नहीं हो जाती वह बीएसएफ नहीं छोड़ सकते। वीआरएस रिजेक्ट होने के विरोध में तेज बहादुर राजौरी स्थित मुख्यालय में भूख हड़ताल पर बैठे थे, जिसके बाद उन्हें 19 अप्रैल, 2017 को बीएसएफ से बर्खास्त कर दिया गया। उन पर सीमा सुरक्षा बल का अनुशासन तोड़ने को लेकर जांच बिठाई गई थी।

वीएसएफ से बर्खास्त किए जाने के बाद तेजबहादुर यादव ने फौजी एकता न्याय कल्याण मंच एनजीओ बनाया था। अभी थोड़े दिन पहले उन्होंने बनारस से निर्दलीय प्रत्याशी के बतौर प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने की तैयारियां शुरू कर दी थीं, जिसके बाद आज 29 अप्रैल को गठबंधन ने उन्हें अपना प्रत्याशी घोषित किया है।

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