यूपीपीएससी पेपर लीक मामले में पुलिस ने छात्रों पर बरसाईं लाठियां, कुल 10 भर्ती परीक्षाएं टलीं

Update: 2019-06-01 13:05 GMT

एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती ही नहीं, यूपीपीएससी कई साल से परीक्षाओं में खिलवाड़ कर उन अभ्यर्थियों का भविष्य बर्बाद कर रहा है जो दिन रात मेहनत करके तैयारी करते हैं और घोटालों के कारण नहीं मिलती उन्हें नौकरी...

वरिष्ठ पत्रकार जेपी सिंह की रिपोर्ट

एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक होने से भड़के अभ्यर्थियों के संगठनों ने उप्र लोकसेवा आयोग (यूपीपीएससी) का सामूहिक घेराव किया, जमकर बवाल काटा, पुलिस ने लाठियां भांजी, प्रदर्शनकारियों ने पथराव किया। इस बीच एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती के पेपर लीक प्रकरण में परीक्षा नियंत्रक अंजूलता कटियार की गिरफ्तारी के बाद दो दिन में “अपरिहार्य कारणों” से लोकसेवा आयोग की कुल 10 भर्ती परीक्षाएं टाल दी गयी हैं। लोकसेवा आयोग में पूरी तरह अफरातफरी का माहौल है और परीक्षा नियंत्रक अंजूलता कटियार की गिरफ्तारी के बाद भय का माहौल है कि पता नहीं कौन कब इस घोटाले की बलि चढ़ जायेगा।

लोकसेवा आयोग पर विरोध प्रदर्शन करीब साढ़े तीन घंटे तक चला। आयोग में प्रोफेसर अनिरुद्ध सिंह की अध्यक्षता में बोर्ड की आकस्मिक बैठक चलती रही। झुलसाती गर्मी के बीच छात्र-छात्राएं सड़क पर डटे रहे। उनकी मांग थी कि एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती ही नहीं, यूपीपीएससी कई साल से परीक्षाओं में खिलवाड़ कर उन अभ्यर्थियों का भविष्य बर्बाद कर रहा है जो दिन रात मेहनत करके तैयारी करते हैं और नौकरी न मिलने की दशा में किसी तरह से गुजारा कर रहे हैं।

आरोप लगाया कि सभी परीक्षाओं में सीटें पूंजीपतियों के हाथ बेची जा रही हैं। कहा कि परीक्षा नियंत्रक अंजू कटियार की कारगुजारी ने उनके कार्यकाल की सभी भर्तियों से भरोसा खत्म कर दिया है, इसलिए भर्तियां निरस्त कर नए सिरे से कराई जाएं। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने धारा 144 लागू होने की जानकारी देते हुए प्रदर्शनकारियों को सड़क से हट जाने की चेतावनी दी। न हटने पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। छात्रों ने पथराव भी किया। बाद में पुलिस के तेवर देख प्रदर्शनकारी भाग निकले।

शुक्रवार 31 मई को यूपीपीएससी ने सहायक अभियोजन अधिकारी (प्रारंभिक) परीक्षा-18 समेत जुलाई से दिसंबर के बीच प्रस्तावित आठ अन्य भर्ती परीक्षाएं भी स्थगित कर दी हैं। एपीओ प्री-18 की परीक्षा नौ जून को होने वाली थी। 30 मई को लोक सेवा आयोग ने 17 जून से प्रस्तावित पीसीएस तथा एसीएफ एवं आरएफओ मुख्य परीक्षा 2018 स्थगित कर दी थी।

इस प्रकार दो दिन में “अपरिहार्य कारणों” से कुल 10 भर्ती परीक्षाएं टाली गईं हैँ। 20 मई को जारी कैलेंडर के अनुसार जुलाई से दिसंबर के बीच कुल आठ भर्ती परीक्षाएं होनी थी। इसमें आयोग की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा पीसीएस प्री 2019 भी इस विवाद की भेंट चढ़ गई है। आयोग के कैलेंडर के मुताबिक डिप्टी कलेक्टर, डिप्टी एसपी समेत अन्य प्रशासनिक पदों पर चयन के लिए पीसीएस-19 प्रारंभिक परीक्षा 20 अक्टूबर को प्रस्तावित थी।

पिछले साल की तरह इस वर्ष भी सहायक वन संरक्षक एवं क्षेत्रीय वन अधिकारी (एसीएफ/आरएफओ) 2019 की प्रारंभिक परीक्षा भी पीसीएस प्री 2019 के साथ ही आयोजित होनी थीं, लेकिन दिसंबर तक का पूरी चयन प्रक्रिया रोक दी गई। जुलाई से दिसंबर तक की जो आठ परीक्षाएं स्थगित की गई हैं उनमें चार परीक्षाएं पहली छमाही (जनवरी से जून तक) की हैं।

एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती पेपर लीक कांड से उप्र लोकसेवा आयोग की प्रस्तावित परीक्षाओं का पूरा शेड्यूल ही बिगड़ गया है। यूपीपीएससी ने एक और बड़ा निर्णय लेते हुए 2019 की दूसरी छमाही का परीक्षा कैलेंडर ही स्थगित कर दिया है। अब जुलाई से दिसंबर माह तक यूपीपीएससी की परीक्षाएं होंगी या नहीं, अभी स्पष्ट नहीं है। यही नहीं, नौ जून को प्रस्तावित एपीओ भर्ती 2018 की प्रारंभिक परीक्षा भी टाल दी गई है।

गौरतलब है कि 29 जुलाई 2018 को वाराणसी में आयोजित एलटी ग्रेड परीक्षा के हिंदी व सामाजिक विज्ञानं का पेपर आउट हुआ था। कोलकाता निवासी अशोक देव चौधरी से पश्चिम बंगाल सीआईडी को मिली इस जानकारी के आधार पर यूपी एसटीएफ ने 27 मई को कोलकाता निवासी प्रिंटिंग प्रेस मालिक कौशिक कुमार को चोलापुर से गिरफ्तार किया।

एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा का पेपर आउट होने के मामले में यूपी लोक सेवा आयोग की परीक्षा नियंत्रक अंजू कटियार को क्राइम ब्रांच और पुलिस की संयुक्त टीम ने 30 मई को वाराणसी से गिरफ्तार कर लिया, जिसके बाद उन्हें पुलिस अभिरक्षा में साढ़े आठ बजे विशेष न्यायधीश भ्रष्टाचार निवारण लालचंद्र के आवास पर पेश किया गया, जहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जिला जेल भेज दिया गया।

इस बीच एलटी ग्रेट परीक्षा का पेपर लीक मामले को लेकर 30 मई को समाजवादी युवजन सभा के पदाधिकारियों ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के गेट पर चिलम आयोग लिखकर नया विवाद पैदा कर दिया। चिलम आयोग लिखने वाले तीन लोगों सिविल लाइंस पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। सपा शासन काल में तीन वर्ष पहले लोकसेवा आयोग में भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रतियोगी छात्रों ने बड़ा आंदोलन किया था। उस दौरान ‘अहिर सेवा आयोग लिख दिया गया था।

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