Lakhimpur Violence: 5000 पन्नों की तिकुनियां कांड चार्जशीट CBI ने की दाखिल, मंत्रीपुत्र आशीष टेनी मुख्य आरोपी

तीन अक्तूबर को तिकुनिया कस्बे में हुई हिंसा में चार किसानों और एक पत्रकार सहित आठ लोगों की जान गई थी। तिकुनिया कांड में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र का बेटा आशीष मिश्र मोनू समेत 13 आरोपी जिला कारागार में बंद है...

Update: 2022-01-03 04:46 GMT

(तिकुनियां कांड की तैयार हुई चार्जशीट)

Lakhimpur Violence: लखीमपुर खीरी के चर्चित तिकुनिया कांड (Tikuniya Case) मामले में सीबीआई टीम ने आज 5000 पन्नों की चार्जशीट दाखिल कर दी है। इस चार्जशीट में अजय मिश्रा टेनी के सुपुत्र आशीष टेनी को मुख्य आरोपी बताया गया है। बता दें कि इस घटना के तीन महीने भी आज सोमवार 03 जनवरी को पूरे हो रहे हैं।

वहीं सात अक्तूबर को पहली गिरफ्तारी के बाद 90 दिन पूरे होने से पहले ही हर हाल में छह जनवरी तक न्यायालय में चार्जशीट दाखिल होनी है। आपको बता दें कि यह अदालती नियम होता है जिसके तहत 90 दिन के बीतर कोर्ट में चार्जशीट दाखिल करनी होती है।

क्या था मामला?

तीन अक्तूबर को तिकुनिया कस्बे में हुई हिंसा में चार किसानों और एक पत्रकार सहित आठ लोगों की जान गई थी। तिकुनिया कांड में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र का बेटा आशीष मिश्र मोनू समेत 13 आरोपी जिला कारागार में बंद है। आशीष मिश्र की गिरफ्तारी भले ही 10 अक्तूबर को हुई थी, मगर उससे पहले सात अक्तूबर को आशीष मिश्र के करीबी लवकुश और आशीष पांडेय को गिरफ्तार कर लिया गया था। दोनों को आठ अक्तूबर को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजा गया था। 

चार्जशीट का कानून

कानून के जानकारों के मुताबिक हत्या जैसे जघन्य मामले में विवेचक को न्यायिक अभिरक्षा के पहले दिन से से 90 दिनों के भीतर जांच मुकम्मल कर चार्जशीट दाखिल करने की बाध्यता होती है। अगर ऐसा नहीं हो पाता है तो अभियुक्त को इसी आधार पर जमानत पर छोड़ना पड़ेगा। 90 दिन का समय छह जनवरी को पूरा हो रहा है। 

लिहाजा शीतकालीन अवकाश के दौरान ही चार्जशीट दाखिल करने से पहले कानूनी कसौटी और तकनीकी बिंदुओं पर निर्णायक संस्तुति देने के लिए में ही जांच टीम ने लीगल टीम को प्रस्तावित चार्जशीट भेज दी है। इस पर लगभग सहमति बन चुकी है।

तिकुनियां कांड का प्रभाव

देश की राजनीति की दशा और दिशा को प्रभावित करने वाले तिकुनिया कांड पर आम जन के साथ ही राजनीतिक पंडितों की भी नजर है। इसकी वजह केंद्रीय मंत्री के बेटे का इस मामले में आरोपी होना है। मामला हाईप्रोफाइल होने की वजह से मीडिया की सुर्खियों में रहा है। 

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