UP में कोरोना का टीका लगते ही 1800 स्वास्थ्यकर्मी हो गए लापता, जतायी जा रही ये आशंका

जब वैक्सीनेशन के बाद गिनती शुरू हुयी तो 1800 से अधिक स्वास्थ्यकर्मियों का पता ही नहीं चल पा रहा रहा। वैक्सीनेशन का पहला चरण पूरा हो गया है और अब तक 24289 स्वास्थ्यकर्मियों का ही रिकार्ड सरकार को भेजा जा चुका है....

Update: 2021-02-06 05:43 GMT

जनज्वार। उत्तर प्रदेश में कोरोना टीके के वैक्सीनेशन का पहला राउंड पूरा होते ही 1800 से अधिक स्वास्थ्यकर्मी रिकॉर्ड में लापता पाये गये। स्वास्थ्य विभाग की तरफ से 26,292 कर्मचारियों का डाटा सरकार को भेजा गया था, मगर अब तक सिर्फ 24,289 स्वास्थ्यकर्मियों का आंकड़ा सामने आ पाया है। यह आंकड़ा सामने आने के बाद शासन—प्रशासन में हड़कंप मच गया है, मगर इसी बीच यह भी आशंका है कि कहीं न कहीं स्वास्थ्यकर्मियों का रिकॉर्ड बनाने में ही गड़बड़ी की गयी है।

कोविड-19 का टीका सबसे पहले हेल्थ वर्कर को लगाया गया है। इसी के बाद योगी सरकार ने सभी जनपदों से उन हेल्थ वर्कर की सूची प्रशासन से मांगी है, जिनका कोरोना वैक्सीनेशन हो चुका है। इसी लिस्ट में 1800 स्वास्थ्यकर्मी मिसिंग पाये गये हैं।


गौरतलब है कि कोरोना वैक्सीनेशन में जिन स्वास्थ्यकर्मियों को शामिल किया गया है, उनमें सरकारी और निजी अस्पतालों के सभी कर्मचारी शामिल हैं। दैनिक हिंदुस्तान में प्रकाशित एक खबर के मुताबिक जो सूची शासन को भेजी गई थी, उसमें 26292 स्वास्थ्यकर्मी शामिल थे। कहा जा रहा है कि जब वैक्सीनेशन के बाद गिनती शुरू हुयी तो 1800 से अधिक स्वास्थ्यकर्मियों का पता ही नहीं चल पा रहा रहा। वैक्सीनेशन का पहला चरण पूरा हो गया है और अब तक 24289 स्वास्थ्यकर्मियों का ही रिकार्ड सरकार को भेजा जा चुका है।

इस मामले में जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ आरएन सिंह का कहना है कि कोविड वैक्सीनेशन का पहला चरण पूरा होने के बाद करीब 1800 स्वास्थ्यकर्मी कम मिले। इससे संभावना है कि कई स्वास्थ्यकर्मियों के नाम दो या अधिक बार पोर्टल पर अपलोड किये गये होंगे। ये भी हो सकता है कि कई ऐसे लोगों के नाम भी अपलोड हुए हों, जो इस मानक में आते ही न हों।

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