रेमडेसिविर की कालाबाजारी करता पकड़ा गया BHU छात्र, बोला- 'ऑनलाइन क्लास के लिए जुटा रहा था पैसे'

पुलिस के मुताबिक, युवक को एक कोविड अस्पताल से ये इंजेक्शन मिलते थे, उसके बाद वो बाजार में इन्हें ऊची कीमतों में बेचा करता था....

Update: 2021-04-29 09:33 GMT

जनज्वार डेस्क। कोरोना महामारी से जान बचाने के लिए इस समय जब परिजन भागे-भागे फिर रहे हैं तो दूसरी तरफ जीवन रक्षक दवाओं की जमकर कालाबाजारी चल रही है। बीएचयू के एक छात्र को भी इस सिलाइले मे गिरफ्तार किया गया है ।

वाराणसी पुलिस ने रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वाले बीएचयू छात्र को गिरफ्तार किया है। पुलिस पूछताछ में आरोपी सुनील ने बताया कि ऑनलाइन क्लासेस के लिए पैसे इकट्ठा करने के लिए वो रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करता था। कोविड मरीजों के परिजनों को इंजेक्शन की एक वॉयल 15 हजार में बेचता था।

सुनील पटेल ने बताया कि कोविड हॉस्पिटल के बाहर इंजेक्शन के लिए परेशान मरीजों को ये इंजेक्शन वो महंगे कीमतों पर बेचा करता था।

बीएचयू के छात्र के पास से मिले रेमडेसिविर इंजेक्शन को लेकर वाराणसी का एक कोविड अस्पताल संदेह के घेरे में है। पुलिस के मुताबिक, युवक को एक कोविड अस्पताल से ये इंजेक्शन मिलते थे। उसके बाद वो बाजार में इन्हें ऊची कीमतों में बेचा करता था। BHU का ये स्टूडेंट अब तक 5 रेमडेसिविर इंजेक्शन को बेच चुका है।

भेलूपुर इंस्पेक्टर अमित मिश्रा ने बताया कि कालाबाजारी के खेल में कोविड हॉस्पिटल की भी संलिप्तता भी सामने आई है। पुलिस अभी उस अस्पताल की संलिप्तता को लेकर जांच कर रही है। जल्द ही इस मामले में शामिल कुछ और लोगो के नाम भी सामने आ सकते हैं।

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