'लोगों को कोरोना से मरने देना चाहती है केंद्र सरकार', दिल्ली हाईकोर्ट ने फिर लगाई फटकार

केंद्र सरकार की ओर से जारी नए प्रोटोकॉल के मुताबिक रेमडेसिविर इंजेक्शन उन लोगों को ही दिया जाएगा, जो ऑक्सीजन के सपोर्ट पर हैं। इस पर अदालत ने कहा, 'यह गलत है....

Update: 2021-04-28 14:29 GMT

जनज्वार डेस्क। दिल्ली हाईकोर्ट ने एक बार फिर केंद्र सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार शायद कोरोना संक्रमण से लोगों को मरने देना चाहती है। रेमडेसिविर इंजेक्शन को देने के प्रोटोकॉल को देखते हुए तो ऐसा ही लगता है। 

केंद्र सरकार की ओर से जारी नए प्रोटोकॉल के मुताबिक रेमडेसिविर इंजेक्शन उन लोगों को ही दिया जाएगा, जो ऑक्सीजन के सपोर्ट पर हैं। इस पर कोर्ट ने कहा, 'यह गलत है। यह पूरी तरह से दिमाग को इस्तेमाल न किए जाने जैसा है। अब उन लोगों को रेमडेसिविर इंजेक्शन नहीं मिलेगा, जो ऑक्सीजन सपोर्ट पर नहीं हैं।'

कोर्ट ने कहा कि इस नियम से ऐसा लगता है कि आप लोगों को मरने देना चाहते हैं। जस्टिस प्रतिभा एम. सिंह ने कहा कि ऐसा लगता है कि सरकार ने उपलब्धता को बढ़ाने की बजाय प्रोटोकॉल में ही बदलाव कर दिया है ताकि इंजेक्शन की कमी को छिपाया जा सके। अदालत ने कहा कि यह पूरी तरह से मिसमैनेजमेंट है।

कोरोना संक्रमण के शिकार एक अधिवक्ता की ओर से दायर की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने यह टिप्पणी की है। वकील ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से कहा कि उन्हें 6 इंजेक्शनों की जरूरत थी, लेकिन तीन ही मिल पाए। हालांकि अदालत के दखल के बाद उन्हें मंगलवार शाम को बाकी बचे इंजेक्शन मिल सके।

इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने ऑक्सीजन की कमी को लेकर दिल्ली सरकार पर भी कड़ी टिप्पणी की थी। कोर्ट ने केजरीवाल सरकार को फटकार लगाते हुए कहा था कि ऐसा लगता है कि आपका सिस्टम पूरी तरह से फेल हो चुका है। बीते कुछ दिनों में सुप्रीम कोर्ट से लेकर देश के कई उच्च न्यायालयों ने कोविड प्रोटोकॉल के पालन, ऑक्सीजन की कमी और रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी को लेकर कड़ी टिप्पणियां की हैं। 

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