Covid 19 Vaccination : कोविशील्ड की जगह लगा दिया कुत्ते के काटने का इंजेक्शन, वैक्सीनेशन ड्राइव के दौरान बड़ी लापरवाही

Covid 19 Vaccination : आरोपी नर्स और कोविड वैक्सीनेशन ड्राइव के इंचार्ज को किया गया सस्पेंड

Update: 2021-09-29 10:03 GMT

(ठाणे : नर्स ने कोविशील्ड की जगह लगा दिया एंटी रैबीज का इंजेक्शन। प्रतीकात्मक तस्वीर)

जनज्वार। कोविड 19 वैक्सीनेशन (Covid 19 vaccination) के नाम पर लापरवाही के मामले थमने के नाम नहीं ले रहे हैं जो लोगों के जीवन को खतरे में डाल रहे हैं। ताजा मामला ठाणे (Thane) से सामने आया है। यहां मंगलवार 28 सितंबर को वैक्सीनेशन ड्राइव चल रहा था। इसी दौरान नर्स ने एक व्यक्ति को एंटी रैबीज (Anti Rabbies) (कुत्ते के काटने पर लगने वाला इंजेक्शन) का इंजेक्शन लगा दिया। वहीं इसकी सूचना मिलते ही स्वास्थ्य विभाग (Health Department) के निर्देश पर आरोपी नर्स और इस ड्राइव के प्रभारी को संस्पेंड कर दिया गया है।

इस मामले को लेकर ठाणे नगर निगम के एडिशनल कमिश्नर संदीप मालवी (Sandeep Malvi) ने बताया कि घटना ठाणे के कलावा इलके के हेल्थ सेंटर की है। हमने एंटी रैबीज का इंजेक्शन लगाने वाली नर्स और डॉक्टर (Nurse And Doctor) को सस्पेंड कर दिया है। इस पूरे मामले पर जांच करवाई जा रही है और जिसे टीका लगाया गया है उसे डॉक्टर की निगरानी में रखा गया है।

एडिशनल कमिश्नर (Additional Commissioner) मालवी ने बताया कि हेल्थ सेंटर पर राजकुमार यादव कोविशील्ड वैक्सीन (Covishield) की डोज लेने आए थे लेकिन गलती से जाकर उस कतार में लग गए जहां एंटी रैबीज इंजेक्शन (Anit Rabbies Injection) लगाया जाता है। वहीं हेल्थ सेंटर की नर्स कीर्ति पोपरे ने राजकुमार यादव के केस पेपर को देखे बिना ही इंजेक्शन लगा दिया। संदीप ने आगे कहा कि टीका लगाने से पहले मरीज के केस पेपर की जांच करना नर्स का फर्ज था।

बता दें कि यह वैक्सीनेशन के दौरान लापरवाही का पहला मामला नहीं है। इसी साल के मार्च माह में उत्तर प्रदेश के शामली में भी ऐसी लापरवाही देखने को मिली थी। जहां तीन महिलाओं को कोरोना की जगह एंटी रैबीज का इंजेक्शन लगा दिया गया था। इनमें सत्तर साल की एक महिला की तबियत खराब होने के बाद मामले का खुलासा हुआ था। तीनों महिलाओं की उम्र साठ साल से ज्यादा थी।

खबरों के मुताबिक कांधला के मोहल्ला सरावज्ञान निवासी सरोज (70 वर्षीय), जगदीश नगर के रेलवे मंडी निवासी अनारकली (72 वर्षीय) और सत्यवती (62 वर्षीय) के साथ  सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कोरोनारोधी वैक्सीन की पहली डोज लगवाने गईं थीं। 

वहां बिना जानकारी किए ही तीनों महिलाओं से बाहर से सिरिंज मंगाकर उन्हें एंटी रैबीज का टीका लगाकर घर भेज दिया। घर आने पर सरोज को तेज चक्कर आने और घबराहट पर परिजन निजी चिकित्सक के पास ले गए थे। अस्पताल की ओपीडी का पर्चा देखने पर पता लगा कि तीनों महिलाओं को एंटी रैबीज लगाया गया है।

जानकारी के अभाव में तीनों वृद्ध महिलाएं ओपीडी (OPD) से पर्चा बनवाकर बिना किसी चिकित्सक से परामर्श लिए एंटी रैबीज वैक्सीन टीकाकरण कराने वालों की लाइन में खड़ी हो गईं थीं। वहां सीएचसी के फार्मासिस्ट नरेश शर्मा मौजूद नहीं थे। उनके स्थान पर जन औषधि केंद्र पर कार्यरत कर्मचारी ताहिर हुसैन थे जिन्होंने तीनों महिलाओं को बिना ओपीडी स्लिप देखे जल्दबाजी में एंटी रैबीज लगा दिया।

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