जिस अस्पताल में काम करती थी महिला कर्मचारी, वहीं 6 घंटे तक लावारिस पड़ा रहा शव

ग्वालियर के मुरार जिला अस्पताल की कर्मचारी मंगला दो दिन पहले कोविड संक्रमित हुई थी, रविवार को उनकी मौत हो गई...

Update: 2021-04-26 11:08 GMT

जनज्वार डेस्क। कोरोना महामारी ने मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार का भी हाल-बेहाल कर रखा है। इस बीच ग्वालियर से दर्दनाक तस्वीर सामने आ रही है। यहां जिंदगीभर जिस अस्पताल में जिंदगी भर ड्यूटी के दौरान महिला कर्मचारी ने लोगों ने लोगों की सेवा की, उसी अस्पताल की गली में उसका शव छह घंटे तक शव लावारिश पड़ा रहा। महिला की कोरोना वायरस के कारण मौत हुई।

खबरों के मुताबिक ग्वालियर के मुरार जिला अस्पताल की कर्मचारी मंगला दो दिन पहले कोविड संक्रमित हुई थी। रविवार को उनकी मौत हो गई। पड़ोसी लगातार गुहार करते रहे कि उनके शव को मर्चुरी में रखवा दिया जाए, लेकिन छह घंटे तक शव लावारिस पड़ा रहा। दोपहर तीन बजे के बाद शव वाहिका से महिला का शव मर्चुरी पहुंचाया गया।

मंगला का परिवार इंदौर में रहता है। फिलहाल उनका बेटा भी इंदौर में कोविड पॉजिटिव होने के कारण हॉस्पिटल में भर्ती है। आदर्श नगर गली नंबर एक निवासी मंगला बुरारे स्वास्थ्य विभाग में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी थीं। उनकी पदस्थापना मुरार प्रसूति गृह में थी।

मंगला नौकरी के चलते ग्वालियर में रह रही थीं। दो दिन पहले रात को जब वह बीमार हुई, तो पड़ोसियों ने दरवाजा तोड़कर उन्हें बाहर निकाला और जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। ताज्जुब यह कि स्टाफ की सदस्य होने के बाद भी अस्पताल के डॉक्टर उन्हें भर्ती करने के लिए तैयार नहीं थे। कलेक्टर समेत वरिष्ठ अधिकारी जब अस्पताल आए, तब महिला को भर्ती किया जा सका था।

अगले दिन मंगला की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई और रविवार सुबह 9 बजे उनकी मौत हो गई। इसके बाद स्टाफ ने शव को स्ट्रेचर पर रखा और जिला अस्पताल की गैलरी में छोड़कर चले गए।सूचना के बाद पड़ोसी वहां पहुंचे। पड़ोसी लगातार जिम्मेदारों को फोन लगा रहे थे, लेकिन शव को ले जाने के लिए वाहन की व्यवस्था नहीं हो सकी। छह घंटे तक शव गैलरी में पड़ा रहा। शाम 3 बजे के बाद शव वाहिका वाले ने फोन करके शव लेने आने की सूचना दी है। इसके बाद शव जिला अस्पताल से हट सका।

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