राजधानी लखनऊ में कोरोना संक्रमित दिव्यांग बाप-बेटे की मौत, आइसोलेशन में 4 दिन तक सड़ती रही लाश

शनिवार 1 मई की देर शाम तकरीबन आठ बजे पुलिस कंट्रोल रूम में सूचना मिली कि मकान नंबर 215 से काफी बदबू आ रही है। सूचना पर पहुंची पुलिस ने पड़ोसियों की मदद से दरवाजा तोड़ा, तो अंदर अलग-अलग कमरों में पिता और पुत्र के शव पड़े मिले...

Update: 2021-05-02 06:32 GMT

जनज्वार, लखनऊ। राजधानी लखनऊ के कृष्णानगर थानाक्षेत्र कानपुर रोड स्थित एलडीए कालोनी डी-1 में 60 वर्षीय दिव्यांग अरविंद गोयल और उनके 25 वर्षीय बेटे आशीष गोयल की मौत हो गई। दोनों के शव घर के अंदर पड़े मिले। दोनो बाप बेटे आइसोलेशन में थे। पुलिस के मुताबिक, यह परिवार चार दिनों से घर के बाहर नहीं निकला। परिवार में अरविंद की दिव्यांग पत्नी ही जीवित है। जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। 

प्रभारी निरीक्षक कृष्णा नगर महेश दुबे के मुताबिक, कानपुर रोड एलडीए कॉलोनी के मकान नंबर 215 में अरविंद गोयल अपने परिवार के साथ रहते थे। परिवार में पत्नी और 25 साल का बेटा आशीष गोयल है। पुलिस के मुताबिक, आशीष मानसिक रूप से कमजोर था। वहीं अरविंद गोयल और उनकी पत्नी दिव्यांग थे। पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। मामले की जांच की जा रही है।

शनिवार 1 मई की देर शाम तकरीबन आठ बजे पुलिस कंट्रोल रूम में सूचना मिली कि मकान नंबर 215 से काफी बदबू आ रही है। सूचना पर पहुंची पुलिस ने पड़ोसियों की मदद से दरवाजा तोड़ा, तो अंदर अलग-अलग कमरों में पिता और पुत्र के शव पड़े मिले। आसपास के लोगों के मुताबिक, पिछले चार दिनों से अरविंद गोयल के परिवार को किसी ने घर के बाहर नहीं देखा। 

पड़ोसियों ने बताया कि परिवार आर्थिक रूप से कमजोर था। मदद के लिए अरविंद की मां जो आशियाना में रहती हैं, वही आकर कुछ रुपये दे जाती थीं। वह भी काफी दिनों से नहीं आई हैं। बताया गया कि अरविंद की पत्नी चलने-फिरने में असमर्थ हैं। वह घर से बाहर नहीं निकलती हैं। अक्सर अरविंद और उनका बेटा ही बाहर निकलता था। चार दिनों से लोग घर से बाहर नहीं दिखे और शनिवार दोपहर से  बदबू आ रही थी। संदेह हुआ तो पुलिस को सूचना दी गई। 

चार दिनों से दिव्यांग मां, अपने बेटे और पति के शव के साथ घर में ही कैद रही। उसकी चीख-पुकार भी पड़ोसियों ने नहीं सुनी। प्रभारी निरीक्षक महेश दुबे ने बताया कि दोनों की मौत कोरोना संक्रमण से हुई है। उन्होंने कहा कि कई दिनों से पूरा परिवार संक्रमित होने के कारण होम आइसोलेशन में था। 

हालांकि पड़ोसियों के मुताबिक, इस तरह की कोई सूचना किसी को नहीं थी कि पूरा परिवार संक्रमित है और होम क्वारंटीन है। न ही प्रशासन ने घर को सील किया। पड़ोसियों का यह भी कहना है कि मौके पर सिर्फ दो सिपाही आए थे। उन्होंने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। अन्य कोई जिम्मेदार मौके पर पहुँचा ही नहीं। 

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