'आप अंधे हो सकते हो, हम नहीं' दिल्ली को पूरी ऑक्सीजन न दिये जाने पर कोर्ट की मोदी सरकार को कड़ी फटकार
दिल्ली उच्च न्यायालय ने केंद्र से कहा कि आज पूरा देश ऑक्सीजन के लिए रो रहा है, अगर आप से ऑक्सीजन आपूर्ति का सही प्रबंधन नहीं हो रहा तो आप आईआईटी और आईआईएम को क्यों नहीं जिम्मेदारी सौंपते....
जनज्वार। दिल्ली हाईकोर्ट ने ऑक्सीजन आपूर्ति को लेकर एक बार फिर केंद्र की मोदी सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। आज 4 मई को हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा है कि हर हाल में आज से ही 700 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की सप्लाई दिल्ली को की जाए।
दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र की मोदी सरकार से यह भी पूछा है कि ऑक्सीजन की आपूर्ति पर आदेश की तामील नहीं कर पाने के लिए उसके खिलाफ अवमानना कार्यवाही क्यों नहीं शुरू की जाए?
हाईकोर्ट ने अपनी टिप्पणी में यह भी कहा है कि 'सुप्रीम कोर्ट का आदेश है, अब हम भी कह रहे हैं केंद्र किसी भी हाल में, हर दिन दिल्ली को 700 मीट्रिक टन ऑक्सीजन दे। सुप्रीम कोर्ट के 30 अप्रैल के आदेश से साफ है कि उसने केंद्र को दिल्ली को 700 मीट्रिक टन ऑक्सीजन मुहैया कराने का निर्देश दिया है, न कि महज 490 मीट्रिक टन।'
कोविड-19 मरीजों के उपचार में ऑक्सीजन की कमी पर दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र की मोदी सरकार को फटकारते हुए कहा, 'आप शुतुरमुर्ग की तरह रेत में सिर छिपा सकते हैं, हम ऐसा नहीं करेंगे।'
दिल्ली उच्च न्यायालय ने केंद्र से कहा कि आज पूरा देश ऑक्सीजन के लिए रो रहा है। अगर आप से ऑक्सीजन आपूर्ति का सही प्रबंधन नहीं हो रहा है तो आप आईआईटी और आईआईएम को क्यों नहीं जिम्मेदारी सौंपते हैं। अगर आप ऑक्सीजन टैंकरों का प्रबंधन आईआईटी या आईआईएम को सौंपते हैं तो आप से ज्यादा बेहतर काम करेंगे।
हाईकोर्ट ने मोदी सरकार की उस दलील को खारिज कर दिया कि मौजूदा चिकित्सकीय ढांचे के आलोक में दिल्ली 700 मीट्रिक टन चिकित्सकीय ऑक्सीजन की हकदार नहीं है।
सुनवाई के दौरान दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि हम हर दिन इस खौफनाक हकीकत को देख रहे हैं कि लोगों को अस्पतालों में ऑक्सीजन या आईसीयू बेड नहीं मिल रहे, कम गैस आपूर्ति के कारण बेड की संख्या घटा दी गई है।
केंद्र को कटघरे में खड़ा करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने फटकार लगायी, 'लगता है कि आप नहीं देख पा रहे हैं, आप अंधे हो सकते हैं, हमें दिख रहा है, हम अपनी आंख बंद नहीं कर सकते।'