विकासशील देशों को नहीं दिया जाना चाहिए वैक्सीन का फॉर्मूला, बिल गेट्स ने दिया भारत को झटका
बिल गेट्स ने कहा कि दुनिया में वैक्सीन बनाने वाली बहुत सी फैक्ट्रियां हैं। लोग टीके की सुरक्षा को लेकर बहुत ही गंभीर हैं। फिर भी दवा का फार्मूला साझा नहीं किया जाना चाहिए....
जनज्वार डेस्क। कोरोना महामारी की दूसरी लहर ने देश में तबाही मचाई है। कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा रोजाना तीन लाख पार हो रहा है। मृतकों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है। भारत की कुल आबादी के करीब पांच प्रतिशत हिस्से को ही वैक्सीन लग पाई है। इस बीच माइक्रोसॉफ्ट के सह-संस्थापक बिल गेट्स ने कहा है कि कोरोना वैक्सीन का फॉर्मूला विकासशील देशों को नहीं दिया जाना चाहिए।
ब्रिटिश न्यूज चैनल स्काई न्यूज ने एक इंटरव्यू में विकासशील देशों में वैक्सीन बनाने को लेकर बिल गेट्स से एक सवाल पूछा कि वैक्सीन से इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट की सुरक्षा हटा ली जाए और इसे दुनिया के देशों के साथ साझा किया जाए तो क्या इससे सब तक टीका पहुंचाने में मदद मिलेगी?
बिल गेट्स ने कहा, 'नहीं।'उन्होंने आगे कहा, 'दुनिया में वैक्सीन बनाने वाली बहुत सी फैक्ट्रियां हैं। लोग टीके की सुरक्षा को लेकर बहुत ही गंभीर हैं। फिर भी दवा का फार्मूला साझा नहीं किया जाना चाहिए।'
उन्होंने इसके बाद भारत में अमेरिकी फॉर्मूले पर बनने वाली वैक्सीन का उदाहरण देते हुए कहा, 'मिसाल के तौर पर अमेरिका की जॉन्सन एंड जॉन्सन की फैक्ट्री से भारत की फैक्टी में वैक्सीन बनने के लिए भेजना एक नया और अलग मामला है। यह हमारे अनुदान और विशेषज्ञता की वजह से मुमकिन हो पाया है।'
बिल गेट्स ने आगे कहा, 'इस मामले में हमें जो चीज पीछे खींच रही है वह इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी नहीं है। ऐसा नहीं है कि दुनिया में कहीं भी आम फैक्ट्री लगी हुई है जिसके पास सारे अप्रूवल हैं और वह जादुई तरीके से एक सुरक्षित वैक्सीन बना देगी। इसके लिए बहुत चीजों के ट्रायल करने होते हैं। उत्पादन के हर तरीके को बारीकी और सावधानी से देखना पड़ता है।'