'हमारी बात सुनते तो कोरोना की सुनामी न आती', गुजरात हाईकोर्ट ने रूपाणी सरकार को फिर फटकारा

हाईकोर्ट ने कहा, 'आशंका है कि आने वाले दिनों में स्थिति और भी खराब हो सकती है, इस अदालत ने फरवरी में कुछ सुझाव दिए थे, हमने और कोविड-19 समर्पित अस्पतालों को तैयार करने को कहा था.....

Update: 2021-04-16 14:07 GMT

जनज्वार डेस्क। कोरोना संक्रमण के लगातार बढ़ते मामलों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गृहराज्य त्रस्त है। इस बीच गुजरात हाईकोर्ट ने एक बार फिर राज्य की रूपाणी सरकार को एक बार फिर फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा कि राज्य कोरोना वायरस के संक्रमण के मामलों में सुनामी का सामना कर रहा है क्योंकि उसने पूर्व में अदालत और केंद्र द्वारा दिए गए सुझावों पर अमल नहीं किया। साथ ही उतनी सतर्कता नहीं बरती गई जितनी बरती जानी चाहिए थी।

गुजरात हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति भार्गव करिया की खंडपीठ ने राज्य सरकार द्वारा बिस्तरों की उपलब्धता, जांच सुविधा, ऑक्सीजन, रेमडेसिविर इंजेक्शन संबंधी दावों पर भी आशंका जताई।

पीठ ने कहा, 'आशंका है कि आने वाले दिनों में स्थिति और भी खराब हो सकती है। इस अदालत ने फरवरी में कुछ सुझाव दिए थे। हमने और कोविड-19 समर्पित अस्पतालों को तैयार करने को कहा था। हमने कहा था कि पर्याप्त बिस्तर उपलब्ध होने चाहिए। जांच की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए। सुनिश्चत करें कि लोग मास्क पहले और सार्वजनिक स्थलों पर सख्त निगरानी रखी जाए।'

पीठ ने आगे कहा, 'लेकिन, ऐसा लगता है कि राज्य सरकार ने हमारी सलाह पर विचार नहीं किया। इसी वजह से आज कोरोना वायरस महामारी की सुनामी देखी जा रही है। चूंकि, केंद्र लगातार राज्य को इसकी याद दिला रहा था लेकिन सरकार उतनी सतर्क नहीं थी जितनी होनी चाहिए।'

कोर्ट ने यह टिप्पणी कोरोना वायरस महामारी की स्थिति और लोगों की समस्या पर पिछले सप्ताह स्वत: संज्ञान लेते हुए दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए की। इसके जवाब में महाधिवक्ता कमल त्रिवेदी ने अदालत को आश्वस्त किया कि राज्य सरकार मामले में गंभीर थी और हर संभव प्रयास कर रही है।

रेमडेसिविर इंजेक्शन की उपलब्धता के बारे में उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में स्थिति में सुधार होगा क्योंकि केंद्र सरकार ने गुजरात सरकार के अनुरोध पर इनके निर्यात पर रोक लगा दी है।

जब कोर्ट ने जांच सुविधा के बारे में पूछा तो त्रिवेदी ने सूचित किया कि डांग जिले को छोड़ राज्य के सभी जिलों में आरटी-पीसीआर जांच प्रयोगशाला है। हालांकि, न्यायमूर्ति करिया ने त्रिवेदी को सरकार के दावे की दोबारा जांच करने को कहा और रेखांकित किया कि आणंद जिले में प्रयोगशाला नहीं है और नमूने अहमदाबाद लाए जाते हैं। पिछली सुनवाई में दिए गए निर्देश के मुताबिक त्रिवेदी ने पीठ के सामने हलफनामे के जरिये स्थिति रिपोर्ट भी सौंपी।

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