UP में बिना बैंड-बाजे के होगी शादी, 100 लोगों के अलावा बुजुर्ग या बीमार पर भी पाबंदी

नये नियम के उल्लंघन पर मुकदमा होगा। शादी में बुजुर्ग, बीमार को आमंत्रित नहीं किया जाएगा, कोरोना प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने पर धारा 144 और 188 के तहत कार्रवाई की जाएगी....

Update: 2020-11-23 09:28 GMT

(MP के कई शहरों में फर्जी लुटेरी दुल्हनों का गैंग सक्रिय)

लखनऊ, जनज्वार। योगी सरकार ने कोरोना के बढ़ते मामलों को ध्यान में रखते हुए शादी और अन्य सामाजिक समारोह में 100 मेहमानों की सीमा को फिर लागू कर दिया है। योगी सरकार ने शादी समारोहों के लिए नई गाइडलाइन जारी की है। इसके मुताबिक शादी समारोह में 100 से अधिक लोग शामिल नहीं हो सकेंगे। इसके अलावा शादी में बैंड और डीजे पर भी रोक लगा दी गई है।

नई गाइडलाइन के मुताबिक अगर मैरिज हाउस की क्षमता 100 की है तो वहां आयोजित होने वाले कार्यक्रम में सिर्फ 50 लोग ही शामिल होंगे। इस नये नियम के उल्लंघन पर मुकदमा होगा। शादी में बुजुर्ग, बीमार को आमंत्रित नहीं किया जाएगा। कोरोना प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने पर धारा 144 और 188 के तहत कार्रवाई की जाएगी।

राहत की बात यह है कि शादी में जिला प्रशासन से कोई अनुमति नहीं लेनी होगी, लेकिन नजदीकी थाने को जरूर सूचित करना होगा। शादी समारोह में लोगों की सीमित संख्या को लेकर नए नियम शुरुआत में नोएडा व ग़ाज़ियाबाद में लागू किया गया। मुख्य सचिव ने इसकी समीक्षा करके लागू करने के लिये कहा है। सभी महत्वपूर्ण ज़िलों मे बैठक के बाद इसे सख्ती से लागू किया जायेगा।

राजधानी लखनऊ में जिलाधिकारी नई गाइडलाइन लागू करने के लिए समीक्षा बैठक करेंगे। नोएडा व गाजियाबाद से सटे दिल्ली में बढ़ते संक्रमण के मामलों के चलते यह नियम पहले ही लागू किया जा चुका है। कहा गया है कि प्रदेश में जहां भी हालात गम्भीर हैं, वहां इन नियमों को लागू किया जा सकता है।

बीते 15 अक्टूबर को राज्य सरकार ने उचित सुरक्षा प्रोटोकॉल के साथ शादी व अन्य समारोहों में 200 मेहमानों के शामिल होने की अनुमति दी थी, लेकिन हाल-फिलहाल के त्योहारी सीजन के बाद कोविड के मामलों में फिर से वृद्धि हुई है, जिसे देखते हुए राज्य सरकार मामलों को नियंत्रित करने के लिए प्रयासरत है।

गौरतलब है कि 25 तारीख से शादी समारोह तिथियां तय हो चुकी हैं। प्रदेश में बड़े पैमाने पर होटल व गेस्ट हाउसों की बुकिंग हो चुकी हैं। ऐसे में सरकार कोरोना महामारी को लेकर कोई रिस्क नहीं लेना चाहती, जिसके चलते प्रदेश की योगी सरकार ने यह अहम कदम उठाया है।

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