कोरोना पॉजिटिव पिता की लाश के साथ रातभर सोती रही बच्ची, वीडियो कॉल पर बताया 'सो रहे हैं मेरे पापा'

बच्ची के पिता के दोस्त ने वीडियो कॉल करके पूछा कि उसके पापा कहां हैं तो बच्ची ने बताया कि वह सो रहे हैं, जब उसने कहा कि कैमरे से पिता को दिखाये तो देखा शरीर में कोई हरकत नहीं है, हालत देखने के बाद दोस्त ने कोविड हेल्पलाइन के नंबर पर फोन किया...

Update: 2021-04-29 14:00 GMT

जनज्वार, पटना। कोरोना की भयावहता और बढ़ती मौतों के आंकड़ों के बीच कुछ ऐसी हृदय विदारक खबरें सामने आ रही हैं, जो डरा दे रही हैं। अब बिहार की राजधानी पटना से एक ऐसी खबर सामने आयी है, जो झकझोर कर रख देती है।

मीडिया में आई खबरों के मुताबिक पटना में 6 साल की बच्ची रातभर अपने पिता की लाश के साथ सोती रही। बुधवार 28 अप्रैल की सुबह उठने पर उसने बिस्किट खाया और पिता के मोबाइल पर खेलना शुरू कर दिया। उसे यही लग रहा था कि उसके पिता सो रहे हैं। बच्ची यह तक नहीं जानती थी उसके पिता अब इस दुनिया में नहीं रहे। बच्ची के पिता की मौत का तब खुलासा हुआ जब उनके एक दोस्त ने वीडियो कॉल किया और पिता की शक्ल दिखाने को कहा।

बच्ची के पिता के दोस्त ने वीडियो कॉल करके पूछा कि उसके पापा कहां हैं तो बच्ची ने बताया कि वह सो रहे हैं। जब उसने कहा कि कैमरे से पिता को दिखाये तो देखा शरीर में कोई हरकत नहीं है।हालत देखने के बाद दोस्त ने कोविड हेल्पलाइन के नंबर पर फोन किया। सूचना मिलने पर पुलिस और प्रशासन की टीम पहुंची और कोरोना प्रोटोकॉल के तहत लाश का अंतिम संस्कार किया। मां की गैरमौजूदगी में पुलिस प्रशासन ने बच्ची को मकाल मालिक को देखभाल के लिए सौंपा।

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जानकारी के मुताबिक यह मामला पटना के रामकृष्ण नगर थाना क्षेत्र के मधुबन कॉलोनी का बताया जा रहा है। मृतक की पहचान नालंदा के इस्लामपुर निवासी प्रभात कुमार के बतौर हुई। इसे कोरोना से मौत का मामला माना जा रहा है, क्योंकि उसमें कोरोना के लक्षण थे।

शुरुआती जानकारी में सामने आया कि मृतक प्रभात कुमार की पटना जंक्शन पर हार्डवेयर की दुकान थी। पति और पत्नी के बीच आपस में मनमुटाव चल रहा था, जिस कारण पत्नी लड़ाई के बाद अपने मायके बिहटा में रहने लगी। प्रभात अपनी छह साल की बच्ची के साथ अकेले रहते थे।

3 दिन पहले मृतक प्रभात ने अपने दोस्त को बताया कि उसकी तबीयत ठीक नहीं है। उसे बुखार बना हुआ है और सांस लेने में बहुत परेशानी भी हो रही है। दोस्त ने प्रभात को घर पर ही आराम करने की सलाह दी थी, मगर उसे उसकी तबीयत की चिंता बनी हुयी थी।

पुलिस को जांच में पता चला कि मृतक के मकान मालिक मंगलवार 27 अप्रैल को जब प्रभात के कमरे में पहुंचे तो देखा उसकी बेटी गेम खेल रही थी। उसने पूछने पर बताया कि उसके पापा सो रहे हैं और मकान मालिक बच्ची को बिस्किट देकर वापस चले गए।

बुधवार 28 अप्रैल को मकान मालिक फिर से प्रभात का हाल जानने पहुंचे तो प्रभात बेड पर लेटा हुआ था। बुधवार 28 अप्रैल की दोपहर को प्रभात के दोस्त ने जब उसका हालचाल जानने के लिए फोन किया तो बच्ची ने बताया उसके पापा सो रहे हैं और अब वो जगाने पर उठ नहीं रहे। इस बात पर प्रभात के दोस्त को शक हुआ तो उसने बच्ची से कहा कि अपने पापा की तरफ कैमरा करके दिखाये। प्रभात के दोस्त को लगा कि उसके शरीर में कोई हरकत नहीं हो रही है। वीडियो कॉल से बात करने पर भी शरीर में कोई हरकत न होते देख प्रभात के दोस्त ने कोविड हैल्पलाइन नंबर पर फोन करके उसके घर का पता दिया।

वहां जब पुलिस पहुंची तो प्रभात की लाश पड़ी हुयी थी, और बच्ची इस सबसे बेखबर थी।  

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