बजट सत्र में कोरोना टेस्ट के बिना यूपी के विधायकों और एमएलसी को विधानसभा में 'नो एंट्री'
विधानसभा के सचिवालय ने सभी विधायकों और एमएलसी के लिए बजट सत्र की शुरुआत से पहले कोरोना टेस्ट कराना अनिवार्य होने संबंधी सर्कुलर जारी किया है, सभी जिला मजिस्ट्रेटों और मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को अपने-अपने जिलों में विधायकों के लिए कोरोना परीक्षणों की व्यवस्था करने के लिए निर्देश जारी किए गए हैं....
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के विधायक जिन्होंने 14 फरवरी को या उसके बाद अपना कोविड परीक्षण नहीं करवाया है, उन्हें गुरुवार 18 फरवरी से शुरू होने वाले राज्य विधानसभा के बजट सत्र में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी। स्पीकर हृदय नारायण दीक्षित ने कहा कि विधानसभा के सचिवालय ने सभी विधायकों और एमएलसी के लिए बजट सत्र की शुरुआत से पहले कोरोना टेस्ट कराना अनिवार्य होने संबंधी सर्कुलर जारी किया है।
सभी जिला मजिस्ट्रेटों और मुख्य चिकित्सा अधिकारियों (सीएमओ) को अपने-अपने जिलों में विधायकों के लिए कोरोना परीक्षणों की व्यवस्था करने के लिए निर्देश जारी किए गए हैं। असेंबली स्टाफ का भी टेस्ट किया गया है।
यदि कोई विधायक पॉजिटिव निकलता है तो इस संबंध में राज्य सरकार ने भी विशेष व्यवस्था की है। कोरोना पॉजिटिव सदस्यों के लिए एसजीपीजीआई और केजीएमयू में बेड आरक्षित किए गए हैं। उनके पास डॉक्टरों और विशेषज्ञों की देखरेख में खुद को घर पर क्वांरटीन करने का विकल्प भी होगा।
स्पीकर ने कहा कि यह एक हाइब्रिड सत्र होगा और विधायकों के पास इसे ऑनलाइन या इसमें व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का विकल्प होगा। बजट सत्र 18 फरवरी से राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के संबोधन के साथ दोनों सदनों के संयुक्त सत्र से शुरू होगा।
लगातार दूसरी बार मीडियाकर्मियों को प्रेस गैलरी तक पहुंचने की अनुमति नहीं होगी। तिलक हॉल में दो एलईडी स्क्रीन लगाई जा रही हैं, जहां से वे कार्यवाही देख सकते हैं।
चूंकि बजट इस बार पेपरलेस होगा, इसलिए बजट की मुद्रित प्रतियां उपलब्ध नहीं होंगी। सभी विधायकों को अपने आईपैड पर बजट मिलेगा और बजट लिटरेचर केवल वित्त विभाग के ऐप और यूपी विधानसभा की वेबसाइट के माध्यम से उपलब्ध होगा। इस बीच, बजट सत्र के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।