बेटी को ऑनलाइन कोचिंग के लिए पैसे के अभाव में नहीं दिलवा पाया स्मार्टफोन, दिहाड़ी मजदूर पिता ने की आत्महत्या

सुकुमार दिहाड़ी मजदूरी करके अपने परिवार का पेट पालता था, जिसमें 3 बच्चे, उसकी पत्नी और खुद वो शामिल था। उसकी रोजमर्रा की कमाई कोरोनावायरस के कारण हुए लॉकडाउन के बाद कम हो गई थी...

Update: 2020-07-02 14:47 GMT

सुजीत चक्रवर्ती की रिपोर्ट

अगरतला/गुवाहाटी। त्रिपुरा में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। एक दैनिक मजदूर अपनी बेटी को उसकी ऑनलाइन पढ़ाई के लिए एक एंड्रॉएड स्मार्टफोन देने में असफल रहा, तो उसने पश्चिमी त्रिपुरा में अपने घर पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।

सिपाहीजला जिले के पुलिस प्रमुख कृष्णेंदु चक्रवर्ती ने कहा कि 45 वर्षीय सुकुमार भौमिक ने अपनी 15 वर्षीय सबसे बड़ी बेटी द्वारा एंड्रॉएड स्मार्टफोन के लिए दबाव डाले जाने के बाद एक साधारण मोबाइल फोन खरीदा।

पुलिस प्रमुख कृष्णेंदु चक्रवर्ती ने गुरुवार को आईएएनएस को बताया, "जब सुकुमार ने अपनी बेटी को नया मोबाइल फोन दिया, तो उसने इसे स्वीकार करने से इनकार कर दिया, क्योंकि उसे अपनी ऑनलाइन कोचिंग के लिए एंड्रॉएड स्मार्टफोन की जरूरत थी। सुकुमार की पत्नी और बेटी ने भी उसे झिड़क (डांटना) दिया था।"

अधिकारी ने कहा कि सुकुमार ने अपनी पत्नी और बेटी को शांत करने की कोशिश की और उन्हें बताया कि उनके पास महंगा एंड्रॉएड फोन खरीदने के लिए पैसे नहीं हैं, लेकिन वे उसे परेशान करते रहे। उनकी बेटी ने नया मोबाइल फोन जमीन पर फेंक कर तोड़ दिया।

सुकुमार के करीबी रिश्तेदारों ने कहा कि अपनी बेटी और पत्नी द्वारा उन पर किए गए दुर्व्यवहार से अपमानित महसूस करते हुए उसने बुधवार 1 जुलाई की तड़के पश्चिमी त्रिपुरा के सिपाहीजला जिले के मधुपुर स्थित अपने घर में बंद कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।

सुकुमार की एक करीबी रिश्तेदार मनिका भौमिक ने कहा, "सुकुमार दिहाड़ी मजदूरी करके अपने परिवार का पेट पालता था, जिसमें तीन बच्चे, उसकी पत्नी और खुद वो शामिल था। उसकी रोजमर्रा की कमाई कोरोनावायरस के कारण लगे प्रतिबंधों के कारण कम हो गई थी।"

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