कोरोना महामारी में दिवालिया हुईं 280 से अधिक कंपनियां, लोकसभा में अनुराग ठाकुर ने दी जानकारी
सरकार ने सीआईआरपी प्रक्रिया को धारा 7, 9 और 10 के तहत छह महीने की अवधि के लिए अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया, अथवा बाद में इसकी अधिकतम अवधि 25 मार्च, 2020 से एक वर्ष के लिए कर दिया....
नई दिल्ली। पिछले साल राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की घोषणा के बाद देशभर में नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) ने कोविड महामारी के दौरान कुल 283 कंपनियों को दिवालिया घोषित कर दिया। लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कॉरपोरेट मामलों के राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि 1 अप्रैल, 2020 और 31 दिसंबर, 2020 की अवधि के दौरान कुल 76 कॉर्पोरेट इन्सॉल्वेंसी रिजॉल्यूशन प्रोसेस (सीआईआरपी) पूरे किए गए। 128 सीआईआरपी को निकासी या अपील या निपटान के कारण बंद कर दिया गया और 189 कंपनियां परिसमापन (लिक्विडेशन) में चली गईं।
इसके अलावा सरकार ने सीआईआरपी प्रक्रिया को धारा 7, 9 और 10 के तहत छह महीने की अवधि के लिए अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया, अथवा बाद में इसकी अधिकतम अवधि 25 मार्च, 2020 से एक वर्ष के लिए (इससे अधिक नहीं) कर दिया। बहरहाल, इस निलंबन का लाभ उन सभी कंपनियों पर लागू होता है जिन्होंने 25 मार्च 2020 से निलंबन की अवधि समाप्त होने तक कॉर्पोरेट देनदारी में चूक (डिफॉल्ट) की है।
सीआईआरपी प्रक्रिया शुरू करने के उद्देश्य से 25 मार्च 2020 से निलंबन की अवधि पूरी होने तक कॉर्पोरेट देनदारी में चूक (डिफॉल्ट) को 'अस्तित्व में नहीं' के रूप में ही रखा जाएगा।
कोविड महामारी के दौरान दिवालिया घोषित हुईं 280 से अधिक कंपनियों का डिफॉल्ट 25 मार्च, 2020 से पहले के हैं।