'आपसे नहीं संभल रहा तो सेना को सौंप दें स्वास्थ्य सेवा', पटना हाईकोर्ट ने नीतीश सरकार को फटकारा

पटना हाईकोर्ट ने कहा कि बार-बार आदेश के बाद भी स्थिति में सुधार नहीं होना शर्म की बात है। कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि इस स्थिति में राज्य की स्वास्थ्य सेवा को सेना को सौंप दी जानी चाहिए....

Update: 2021-05-04 14:48 GMT

जनज्वार डेस्क। कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बीच पटना हाईकोर्ट ने बिहार की नीतीश सरकार को फटकार लगायी है। कोविड मैनेजमेंट को लेकर कोर्ट ने कहा कि बार-बार आदेश के बावजूद स्थिति में सुधार नहीं है। ये शर्म की बात है। अगर हालात नहीं सुधर रहे तो स्वास्थ्य सेवा को सेना को सौंप दें। 

पटना हाईकोर्ट मंगलवार को कोरोना के बढ़ते प्रभाव को लेकर सुनवाई कर रही थी। इस दौरान बिहार सरकार ने लॉकडाउन लगाने की जानकारी दी। सरकार ने कोर्ट को बताया कि राज्य में 5 से लेकर 15 मई तक लॉकडाउन लगाने का निर्णय लिया गया है। इस दौरान कोर्ट ने राज्य सरकार के कोरोना से निपटने में असफल होने पर गहरी नाराजगी जताई। 

जस्टिस सीएस सिंह की खंडपीठ ने कहा कि बार-बार आदेश के बाद भी स्थिति में सुधार नहीं होना शर्म की बात है। कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि इस स्थिति में राज्य की स्वास्थ्य सेवा को सेना को सौंप दी जानी चाहिए। इतना कहकर कोर्ट ने सुनवाई 6 मई तक टाल दी। अब इस मामले में दो दिन बाद यानी 6 मई को सुनवाई होगी।

इस बाबत मीडिया से बातचीत में एडवोकेट जनरल ललित किशोर ने कहा कि 'अभी लिखित रूप से कुछ नहीं कहा गया है। लेकिन मुझे कहा जरूर गया है कि हमारी समझ से आपलोग फेल्योर हो रहे हैं तो क्यों नहीं सेना को बिहार की कोविड मैनेजमेंट की जिम्मेदारी सौंप दी जाए?'

ललित किशोर ने बातचीत में कहा कि 'ऑब्जर्वेशन के दौरान ये सवाल उठाया गया था, जिसपर हमने अपना पक्ष रखा कि आप किस आधार पर कोविड मैनेजमेंट की जिम्मेवारी सेना को देने की बात कर रहे हैं? अगर यहां ग्राउंड रियलिटी सही है तो क्या आपके नहीं लगने से आप ये जिम्मेदारी सेना को सौंप सकते हैं?'

एडवोकेट जनरल ने मीडिया को बताया कि अंतिम समय में कोर्ट द्वारा बोला गया कि अभी इस विषय को लेकर कोई निर्णय नहीं लिया गया है, पहले आप अपना सारा डिटेल सौंप दें। उसके बाद इस पर विचार किया जाएगा।' उन्होंने बताया कि अभी उन्हें डिटेल फाइल करने के लिए कहा गया है और इसके लिए कल तक का समय दिया गया है और फिर गुरुवार को इसपर आगे सुनवाई होगी।

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