पीएम-सीएम करते हैं हवाई बातें, वैक्सीन की किल्लत के बीच आखिर कैसे मनेगा टीकोत्सव
इस सब दिक्कतों के बावजूद स्टूडियो में बैठकर या ANI को बयान देकर प्रधानमंत्री सहित सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ 11 अप्रैल से लेकर 14 अप्रैल तक टीकोत्सव मानने की बात कर रहे हैं। जब केन्द्रों में टीके हैं ही नहीं तो टीकोत्सव किस बात का मनाया जाएगा यह वही जाने...
जनज्वार, लखनऊ। देश के प्रधानमंत्री के बाद कल शुक्रवार को सीएम योगी ने 11 से 14 अप्रैल तक टीकोत्सव मनाने की घोषणा कर दी है। इन तैयारियों के बीच प्रदेश के तमाम जिलों में हफ्ते भर से वैक्सीन की कमी से टीकाकरण की व्यवस्था ठहर गई है। वैक्सीन की कमी के कारण कानपुर, कानपुर देहात, नोएडा, गाजियाबाद सहित आस-पास के जिलों के लोगों में वैक्सीन की कमी को लेकर हंगामे जैसे हालात दिखे।
सरकार हर एक योजना का ढ़िंढ़ोरा भर पीट देती है व्यवस्थाएं बाद में होती हैं और नहीं भी होती हैं। कानपुर के उर्सला में शुक्रवार 9 अप्रैल की सुबह से ही हंगामे जैसी नौबत रही। यहां सुबह आठ बजे से ही लोग 300 से अधिक की संख्या में टीका लगवाने पहुँच गए। लाईन में लगे रहने के बाद 9 बजे पता चला की इन लोगों के लिए पर्याप्त डोज ही नहीं हैं। टीकाकरण में दूसरी डोज वालों को प्राथमिकता दिए जाने को लेकर कई लोग सिस्टम को कोसते हुए लौट गए।
अपर निदेशक स्वास्थ का कहना है कि शनिवार 10 अप्रैल को शहर सहित कानपुर मंडल को अन्य जिलों के लिए वैक्सीन मिलने की उम्मीद है। वैक्सीन लखनऊ के राज्य स्टोर अथवा आगरा के स्टोर में मिलेगी। वैक्सीन कितनी मात्रा में आएगी यह शनिवार को ही पता चलेगा। वैक्सीन आते ही उन्हें मण्डल के जिलों में भेज दिया जाएगा। ऐसा स्वास्थ विभाग का कहना है।
हालांकि केन्द्र ने टीके की कमी ना होने का हवाला देते हुए राज्यों को जिम्मेदार ठहराया है। कानपुर में हफ्ते भर से कोविड-19 वैक्सीन की कमी से टीकाकरण की व्यवस्था धड़ाम रही। वैक्सीन की कमी के कारण शुक्रवार को उर्सला, जागेश्वर व कृष्णानगर अस्पताल सहित 10 टीकाकरण केन्द्रों पर हंगामाे जैसे हालात रहे। कानपुर देहात में भी 10 सरकारी स्वास्थ केन्द्रों पर वैक्सीन खत्म होने के बाद लोग मायूस होकर घर लौट जाने को मजबूर दिखे।
इस सब दिक्कतों के बावजूद स्टूडियो में बैठकर या ANI को बयान देकर प्रधानमंत्री सहित सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ 11 अप्रैल से लेकर 14 अप्रैल तक टीकोत्सव मानने की बात कर रहे हैं। जब केन्द्रों में टीके हैं ही नहीं तो टीकोत्सव किस बात का मनाया जाएगा यह वही जाने।