पोंजी स्कीम के मास्टरमाइंड जेके राणा की कोरोना से मौत, 5 साल तक तलाश ही करती रही पुलिस

एसएसपी मथुरा गौरव ग्रोवर ने बताया कि राणा के खिलाफ आईपीसी की धारा 420 और 406 के तहत कुल 46 एफआईआर दर्ज हैं...

Update: 2021-04-18 07:24 GMT

जनज्वार ब्यूरो, मथुरा। पोंजी स्कीम से लोगों को लगभग 500 करोड़ रुपये का चूना लगाने वाले पोंजी सरगना और कल्पतरु ग्रुप ऑफ कंपनीज के मालिक जय किशन सिंह राणा की कोविड-19 संक्रमण से मौत हो गई। वह करीब 50 चिट फंड और रियल एस्टेट मामलों में वांटेड चल रहा था। पुलिस 2016 से राणा की तलाश में लगी थी। 54 वर्षीय राणा ने शुक्रवार रात मथुरा के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में दम तोड़ दिया।

हॉस्पिटल स्टॉफ के मुताबिक राणा को शुक्रवार 16 अप्रैल की सुबह अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां करीब 1 बजे उसकी मौत हो गई। डॉक्टर ने कहा कि जब उसे अस्पताल में लाया गया था तो उसकी हालत नाजुक थी। राणा को जेके सिंह के नाम से अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

एसएसपी मथुरा गौरव ग्रोवर ने बताया कि राणा के खिलाफ आईपीसी की धारा 420 और 406 के तहत कुल 46 एफआईआर दर्ज हैं।

फराह थाने के इंचार्ज रमेश भारद्वाज ने बताया कि राणा कई सालों से फरार चल रहा था। 2018 में उसके सिर पर 15,000 रुपये का इनाम घोषित किया गया था। उसे भगोड़ा घोषित किया गया था और उसके खिलाफ कोर्ट में 23 मामलों में चार्जशीट दाखिल की गई थी। उस पर पोंजी इनवेस्टमेंट स्कीमों और फ्लैट दिलाने के नाम पर लोगों के साथ धोखाधड़ी करने के आरोप थे।

पुलिस सूत्रों की अगर माने तो राणा ने एक प्रमुख बैंक से लोन भी लिया था और जब वह इसे लौटा नहीं पाया तो मथुरा में उसके बंगले को नीलाम कर दिया गया था। साथ ही उस पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के भी 80 करोड़ रुपये बकाया थे।

एसपी क्राइम आरएस राय ने कहा कि दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट ने वहां दर्ज कुछ मामलों में राणा की संपत्ति कुर्क करने का आदेश दिया था। कई लोगों ने राणा के प्रोजेक्ट्स में पैसे लगाए थे और उसके बदले में कंपनी ने उन्हें जमीन और फ्लैट देने का वादा किया था। राणा का नेटवर्क पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात और उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों में फैला था।

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