अब पंजाब में ऑक्सीजन का भारी संकट, मोदी सरकार गैर भाजपा शासित राज्यों को कर रही तंग?
पंजाब के सीनियर अधिकारियों का कहना है ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए वह बार बार मोदी सरकार से आग्रह कर रहे हैं, अभी तक कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिला है, केंद्र की प्रमुखता में वह राज्य नहीं हैं जहां गैर भाजपा सरकार है...
मनोज ठाकुर की रिपोर्ट
चंडीगढ़, जनज्वार। दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार के बीच ऑक्सीजन की आपूर्ति को लेकर चली खींचतान कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद कुछ हद तक खत्म होती नजर आ रही है, मगर अब पंजाब ऑक्सीजन की दिक्कत का सामना कर रहा है। पंजाब को ऑक्सीजन का 227 मीट्रिक टन कोटा दिया गया था, इसमें से 195 मीट्रिक टन अन्य राज्यों से लेनी पड़ रही है। समस्या यह आ रही है कि तेजी से ऑक्सीजन पंजाब तक नहीं पहुंच रही है।
पंजाब कोविड नोडल अधिकारी अजय शर्मा का कहना है, पंजाब वायु सेना के साथ मिल कर ऑक्सीजन को लाने की कोशिश कर रहा है, लेकिन मौसम की वजह से इसमें भी दिक्कत आ रही है। 11 व 12 मई को मौसम खराब होने का अंदेशा जताया जा रहा है, इसका असर भी ऑक्सीजन की आपूर्ति पर पड़ सकता है। यदि ऐसा हुआ तो पंजाब ऑक्सीजन को लेकर अलग थलग पड़ सकता है।
पंजाब में बोकारो से ऑक्सीजन मंगाई जा रही थी। पहले दो टैंकर आ रहे थे, लेकिन अब दो मई से एक टैंकर ही हवाई मार्ग से से ऑक्सीजन का आ रही है। शर्मा ने बताया कि हमने केंद्र से गुजारिश की कि कम से कम तीन टैंकर ऑक्सीजन प्रतिदिन भारतीय वायुसेना के जहाज से भेजे जाए। यदि ऐसा संभव नहीं तो कम से कम दो टैंकर तो भेजने की व्यवस्था की जानी चाहिए।
सरकार की ओर बताया गया कि, हम ऑक्सीजन का पूरा कोटा अपने दम पर पंजाब तक लाने में सक्षम नहीं है। राज्य केवल 70 से 80 मीट्रिक टन ऑक्सीजन ही अपने दम पर ला सकता है।
पंजाब सरकार की ओर से केंद्र को बताया गया कि उनके पास 21 टैंकर है, इसमें से पांच टैंकर राज्य के भीतर ऑक्सीजन को अस्पताल तक ले जाने के काम में लगे हुए हैं। इसलिए केंद्र सरकार से आग्रह किया गया था कि उन्हें कम से कम 20 टैंकर उपलब्ध कराए जाए, लेकिन इसमें से जिनमें से केवल दो टैंकर ही अभी तक मिले हैं। इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन के यह दोनों टैंकर भी खराब होने की वजह से दो दिन से बंद है।
इधर पंजाब में कोविड के केस लगातार बढ़ रहे हैं। अभी यहां 71,948 मरीज अस्पताल में हैं। इसमे से 9,086 ऑक्सीजन पर हैं और 288 वेंटिलेटर पर।
पंजाब सरकार का कहना है कि ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए उन्हें केंद्र से जल्द से जल्द मदद चाहिए। यदि ऐसा नहीं होता तो उनके सामने दिक्कत आ सकती है। पंजाब के सीनियर अधिकारियों के मुताबिक इसके लिए वह बार बार केंद्र से आग्रह कर रहे हैं। अभी तक कोई सकारात्मक जवाब केंद्र की ओर से नहीं मिल रहा है। इनका कहना है कि ऐसा लग रहा है कि केंद्र सरकार की प्रमुखता में वह राज्य नहीं है, जहां गैर भाजपा सरकार है।
इधर चंडीगढ़ ने भी केंद्र से ऑक्सीजन का कोटा बढ़ाने की गुजारिश की थी, लेकिन इस पर भी अभी तक केंद्र की ओर से कोई जवाब नहीं आया है। चंडीगढ़ प्रशासन अब आपात स्थिति से निपटने के लिए पंजाब व हरियाणा से ऑक्सीजन लेने की तैयारी कर रहा है। चंडीगढ़ के ऑक्सीजन सप्लाई के नोडल अधिकारी यशपाल शर्मा ने बताया कि गैस की किल्लत को देखते हुए कोविड सेंटर स्थापित करने वाले संगठनों से अपील की कि वह अपने स्तर पर ऑक्सीजन की व्यवस्था कर लें।
चंडीगढ़ ने केंद्र से आग्रह किया कि ऑक्सीजन का कोटा 20 से 35 मीट्रिक टन कर दिया जाए, जिससे ऑक्सीजन की कमी को पूरा किया जा सके। चंडीगढ़ को हिमाचल के बरोटीवाला मैन्युफैक्चरिंग प्लांट से ऑक्सीजन मिल रही है। लेकिन अब जिस तरह से केस बढ़ रहे हैं, इससे देखते हुए चंडीगढ़ प्रशासन की मांग है कि आक्सीजन का कोटा बढ़ा दिया जाए।
ऑक्सीजन की कमी को देखते हुए पंजाब व हरियाणा उच्च न्यायालय ने आदेश जारी किए कि ऑक्सीजन खत्म होने से पहले केंद्र चंडीगढ़, पंजाब व हरियाणा में तुरंत ऑक्सीजन उपलब्ध कराए। कोर्ट ने कहा कि जो कोटा ऑक्सीजन का तीनों जगह के लिए निर्धारित किया गया है, वह कोटा हर हालत में उपलब्ध कराया जाना चाहिए।
न्यायमूर्ति राजन गुप्ता व न्यायमूर्ति करमजीत की खंडपीठ ने कहा कि ऑक्सीजन गैस की सप्लाई में देरी से राज्य चिंतित है। इधर सॉलिसिटर जनरल सत्यपाल जैन ने कोर्ट को बताया कि आक्सीजन का कोटा देश में बराबर बांट दिय गया है। राज्यों से किसी तरह का भेदभाव नहीं किया जा रहा है। लेकिन एमिकस क्यूरी रूपिंद्र खोसला ने बताया कि चंडीगढ, पंजाब व हरियाणा में तय कोटे की ऑक्सीजन या तो सप्लाई नहीं हो रही है, या इसमें जान—बूझकर देरी की जा रही है।
हरियाणा में भी कई जगह ऑक्सीजन की किल्लत हो रही है। पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि प्रदेश सरकार बस दावे कर रही है। जमीन पर कुछ नहीं हो रहा है। न तो लोगों को इलाज मिल रहा है, न बीमारों को ऑक्सीजन ही मिल रही है। इस वजह से प्रदेश में गहरी निराशा का माहौल बना हुआ है। जो मरीज अस्पताल में हैं, उनके परिजन बस हर वक्त यहीं दुआ कर रहे हैं कि ऑक्सीजन मिलती रहे।
उन्होंने बताया कि रोहतक में ही ऑक्सीजन की कमी बार बार आ रही है। इस बाबत प्रदेश सरकार को कई बार अवगत कराया गया। इसके बाद भी इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रह है। सरकार बस दावा कर रही कि ऑक्सीजन प्लांट शुरू कर रहे हैं। लेकिन जरूरत तो अभी ऑक्सीजन की है।