कोविड सेवा जारी रखते हुए रेलवे कर्मचारियों ने देशभर में किया विरोध प्रदर्शन

ऐक्टू राष्ट्रीय सचिव डॉ कमल उसरी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने कई बार स्वयं अपने भाषण में रेल कर्मचारियों को कोरोना योद्धा कहा है लेकिन हमारे फेडरेशन ने रेल मंत्रालय को पत्र लिखकर सचमुच में रेल कर्मचारियों को सुविधाएं देने की मांग की गई तो कुछ नहीं किया....

Update: 2021-05-25 15:58 GMT

(अपनी मांगों को लेकर रेलवे कर्मचारियों ने देशभर में किया प्रदर्शन)

जनज्वार डेस्क। इंडियन रेलवे इम्प्लाइज फेडरेशन से जुड़े ऐक्टू के आह्वाहन पर आज रेलवे कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने  रेल मंत्रालय और सरकार द्वारा तय कोविड-19 दिशा-निर्देश का पालन करते हुए देशभर के रेलवे स्टेशन, वर्कशॉप, उत्पादन इकाई पर काली पट्टी बांधकर, प्लेकार्ड, झंडे बैनर के साथ विरोध प्रदर्शन किया।

विरोध प्रदर्शन को सम्बोधित करते हुए इंडियन रेलवे इम्प्लाइज फेडरेशन व आर सी एफ़ इम्प्लाइज यूनियन, कपूरथला, पंजाब के महासचिव सर्वजीत सिंह ने कहा कि रेलवे स्टेशन पर यात्रियों का सबसे पहले टिकट विंडो पर मिलने वाले बुकिंग क्लर्क, टिकट जांच कर्मियों से लेकर ट्रेनों और स्टेशनों की व्यवस्था संभालने वाले स्टेशन मैनेजर, ट्रैकमैन, ड्राइवर/गॉर्ड, गैंगमैन, नए डिब्बों व इंजनों के निर्माण व रखरखाव में लगे लगभग 2000 से भी अधिक रेल कर्मचारी अबतक अपनी जान गंवा चुके हैं।

उन्होंने कहा कि मार्च 2020 में लाकडाउन के बाद जब पूरा देश थम गया था, तब भी रेलवे कर्मचारी ही दिन-रात अपनी जान जोखिम में डालकर ऑक्सीजन, दवाएं, जरूरी खाद्य सामग्री एक जगह से दूसरी जगह पहुँचाते रहे है।

सर्वजीत ने आगे कहा कि आज हम मुख्य रूप से आठ मांगो के समर्थन में विरोध प्रदर्शन कर रहे है।

1- सरकार द्वारा सभी रेल कर्मचारियों को कोरोना योद्धा घोषित किया जाय

2- सभी रेल कर्मचारियों का 50 लाख रुपये का बीमा किया जाय

3- मार्च 2020 के बाद मृतक रेल कर्मचारियों के परिवारों को 50 लाख रुपये एक्स - ग्रेसिया का भुगतान किया जाय

4- NPS को तुरंत रद्द कर पुरानी पेंशन योजना बहाल करके PFRDA के पास जमा राशि कर्मचारी को वापिस किया जाय

5- महंगाई भत्ते की बकाया सभी किस्तें जारी किया जाय

6- रात्री ड्यूटी भत्ते पर रु. 43600 / - की लिमिट हटाया जाय

7- भारतीय रेलवे का निजीकरण बंद किया जाय

8- तीनों कृषि कानून और 4 श्रमिक कोड बिल वापस लिया जाय

उन्होंने कहा कि 6 महीनों से दिल्ली के बॉर्डर पर तीन कृषि विरोधी कानूनों को रद्द करवाने व एमएसपी पर कानून बनाने के लिए संघर्षरत किसानों द्वारा 26 मई 2021 को लोकतंत्र का काला दिवस का समस्त रेल कर्मचारियों की तरफ़ से समर्थन करते हुए रेलवे में भी ब्लैक डे मनाया जायेगा।

प्रयागराज मे ऐक्टू राष्ट्रीय सचिव डॉ कमल उसरी ने विरोध प्रदर्शन को सम्बोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने कई बार स्वयं अपने भाषण में रेल कर्मचारियों को कोरोना योद्धा कहा है लेकिन हमारे फेडरेशन ने रेल मंत्रालय को पत्र लिखकर सचमुच में रेल कर्मचारियों को कोरोना वैरीयर्स घोषित करते हुए सुविधाएं देने की मांग की गई तो सरकार ने कुछ नहीं किया।

उसरी ने आगे कहा कि रेल कर्मचारी रात दिन कोरोना वॉरियर्स के रूप में काम रहे है, लेकिन अभी तक सभी रेल कर्मचारियों और उनके परिवार को कोविड वैक्सीन की पहली डोज तक नही मिल पाई है, रेलवे की अस्पताल को राज्य सरकारो के हवाले कर दिया गया है, रेलवे कर्मचारी दर दर की ठोकरें खा रहे हैं।

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