रालोद प्रमुख चौधरी अजित सिंह का कोरोना से निधन, मेदांता में 2 दिन से थे वेंटिलेटर सपोर्ट पर

22 अप्रैल से कोरोना पॉजिटिव पाये जाने के बाद से अजित सिंह के फेफड़ों में संक्रमण बढ़ता चला गया, वह बीते दो दिन से वेंटिलेटर सपोर्ट पर थे...

Update: 2021-05-06 04:01 GMT

जनज्वार। कोरोना हर दिन अनगिनत लोगों को लील रहा है, इसमें अमीर—गरीब हर वर्ग शामिल है। 5-6  मई की रात राष्ट्रीय लोकदल प्रमुख चौधरी अजित सिंह को भी कोरोना ने निगल लिया। 20 अप्रैल से वो कोरोना पीड़ित थे। गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांसें ली।

जानकारी के मुताबिक दिग्गज राजनेता चौधरी अजित सिंह कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से कुछ दिन पहले गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में भर्ती थे, जहां उन्होंने 86 साल की उम्र में आखिरी सांस ली। बड़े जाट नेताओं में शुमार अजित सिंह के निधन से पूरे देश में शोक की लहर है।

अजित सिंह के बेटे और पूर्व सांसद जयंत चौधरी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट ट्विटर पर इसकी जानकारी देते हुए लिखा, 'चौधरी साहब नहीं रहे।' जयंत ने बताया कि अजित सिंह 20 अप्रैल को कोरोना संक्रमित हुए थे और 6 मई की सुबह उन्होंने इस बीमारी से लड़ते हुए दम तोड़ दिया।

पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के बेटे चौधरी अजित सिंह राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे हैं। वह पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बागपत से 7 बार सांसद रह चुके हैं। अजित सिंह मनमोहन सिंह की सरकार के कार्यकाल में केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री रह चुके हैं और अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में कृषि मंत्री। अजित सिंह के बेटे का नाम जयंत चौधरी है, जो 15वीं लोकसभा में मथुरा से सांसद रह चुके हैं।

आईआईटी खड़गपुर से कंप्यूटर साइंस में बीटेक अजित सिंह ने इलिनॉइस इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से मास्टर की डिग्री हासिल की थी। उनके बारे में प्रसिद्ध है कि 1960 के दशक में आईबीएम में काम करने वाले वह पहले भारतीय युवा थे।

रालोद मुखिया चौधरी अजित सिंह के बारे में जो खबर सामने आ रही है उसके मुताबिक वे 20 अप्रैल से कोरोना पॉजिटिव थे, जिसके बाद से ही धीरे-धीरे उनके फेफड़ों में संक्रमण बढ़ता चला गया। 4 मई को जब उनकी तबीयत ज्यादा खराब हो गई तो उन्हें गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया। वह बीते दो दिन से वेंटिलेटर सपोर्ट पर थे।

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