यूपी: पैसे न थे इसलिए कोरोना पॉजिटिव बेटे का इलाज नहीं करा सकीं माँ, बेड पर ही तड़प-तड़पकर मौत

मथुरा के शहर के कृष्णानगर स्थित बैंक कॉलोनी में युवक एक मकान में किराए पर रहता था और पास की ही दुकान पर काम करता था। 19 अप्रैल को तबीयत बिगड़ने पर जिला अस्पताल में कोरोना जांच कराई गई, लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने उसका इलाज करने की जगह घर जाने के लिए बोल दिया....

Update: 2021-04-24 06:01 GMT

(प्रतीकात्मक)

जनज्वार डेस्क। कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बीच एक के बाद एक दुखद खबरें सामने आ रही हैं। कहीं अस्पतालों में बेड की कमी से तो कहीं ऑक्सिजन की कमी से मरीज दम तोड़ रहे हैं, तो कहीं परिजन आर्थिक तंगी के चलते मरीजों का उपचार नहीं करवा पा रहे हैं।

उत्तर प्रदेश के मथुरा से ऐसे ही मामला सामने आया है जहां एक माँ शुक्रवार को पैसे न होने के चलते कोरोना संक्रमित बेटे का अस्पताल में उपचार न करवा सकीं। कमरे में एक बेड पर कोरोना से संक्रमित बेटे का शव पड़ा रहा और उसकी मां और बहन पूरे दिन शव के पास ही बैठकर रोती रही लेकिन कोई मदद के लिए नहीं आया। काफी देर तक इंतजार के बाद जब प्रभावशाली लोगों ने फोन किया तब कहीं जाकर रात को एम्बुलेंस पहुंची और शव को अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया।

मथुरा के शहर के कृष्णानगर स्थित बैंक कॉलोनी में युवक एक मकान में किराए पर रहता था और पास की ही दुकान पर काम करता था। 19 अप्रैल को तबीयत बिगड़ने पर जिला अस्पताल में कोरोना जांच कराई गई, लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने उसका इलाज करने की जगह घर जाने के लिए बोल दिया।

पड़ोस के लोगों ने आर्थिक सहयोग कर उसे इलाज के लिए शहर के एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया, लेकिन बाद में पैसे की कमी इलाज में रुकावट बन गई और उसकी मां उसे वापस घर ले आई।

बेबस मां बेटे का इलाज नहीं करा सकी, जिसके चलते बेटे ने कमरे के बेड पर ही दम तोड़ दिया। बाद में युवक की रिपोर्ट भी कोविड पॉजिटिव आ गई। बेटे के शव के पास बैठ कर दिन भर मां बिलखती रही, लेकिन कोई मदद को नहीं आया।

कई बार स्वास्थ्य विभाग को फोन किया गया, लेकिन ऐंबुलेंस नहीं पहुंची। शाम के वक्त कुछ प्रभावशाली लोगों के फोन करने पर स्वास्थ्य विभाग की ऐंबुलेंस पहुंची और शव को अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया।

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