बीमार पति को पत्नी मुँह से देती रही ऑक्सीजन, अस्पताल पहुँची तो डॉक्टरों ने घोषित किया मृत

ऑक्सीजन के बगैर महिला के पति को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। जिसके बाद पत्नी अपने मुंह से पति को ऑक्सीजन देने का प्रयास कर रही थी। बाद में उस महिला को फूट-फूटकर रोते देख हर किसी की आंखें भीग गईं क्योंकि लाख प्रयासों के बाद भी वह अपने पति की जान नहीं बचा पाई...

Update: 2021-04-24 08:06 GMT

जनज्वार ब्यूरो, लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अफवाह फैलाने वालों को गैंग्स्टर सहित एनएसए की कार्रवाई करने की बात कह रहे हैं, लेकिन मुख्यमंत्री को म़तकों के आंकड़े छुपाने वाले बाजीगर अफसरों के खिलाफ की जाने वाली कार्रवाई की बाबत भी कहना बताना चाहिए था। देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर के बीच राज्यों में ऑक्सीजन की भारी किल्लत हो रही है। इस बीच आगरा से झकझोर देने वाली तस्वीर सामने आई है। 

आगरा में शुक्रवार 23 अप्रैल की दोपहर लगभग 1 बजे एक महिला अपने बीमार पति को ऑटो में लेकर एसएन मेडिकल कॉलेज पहुंची। ऑक्सीजन के बगैर महिला के पति को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। जिसके बाद पत्नी अपने मुंह से पति को ऑक्सीजन देने का प्रयास कर रही थी। बाद में उस महिला को फूट-फूटकर रोते देख हर किसी की आंखें भीग गईं क्योंकि लाख प्रयासों के बाद भी वह अपने पति की जान नहीं बचा पाई। 

जनपद आगरा के आवास विकास सेक्टर-7 के रहने वाले 47 वर्षीय रवि सिंघल की अचानक तबीयत खराब हो गई। उन्हें सांस लेने में तकलीफ होने लगी। इस पर पत्नी रेनू सिंघल परिजनों के साथ रवि को लेकर श्रीराम हॉस्पिटल, साकेत हॉस्पिटल और केजी नर्सिंग होम पहुंचीं। बेड खाली न होने से मरीज को कहीं भर्ती नहीं किया गया। आखिरकार रेनू सिंघल ऑटो में बीमार पति को लेकर एसएन मेडिकल कॉलेज पहुंचीं। 

इस दौरान वह रास्ते में पति को बार-बार मुंह से सांस देने का प्रयास कर रही थी। एसएन मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों ने देखने के बाद मृत घोषित कर दिया। रेनू को जैसे सुनकर विश्वास नहीं हुआ। उनके आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे थे। रेनू सिंहल को जिसने भी रोता हुआ देखा उसकी आँखों की कोरें भीग गईं। 

आगरा में ऑक्सीजन संकट के कारण 34 निजी कोविड अस्पतालों में गंभीर मरीजों के लिए जीवन रक्षक उपकरण भी उपलब्ध नहीं हो रहे हैं। 34 कोविड अस्पतालों में हाई फ्लो ऑक्सीजन गैस नहीं मिलने से 350 से अधिक नेजल कैनुला, बाईपेप, वेंटिलेटर बंद हो गए हैं। मरीज को सीधे सिलिंडर से ऑक्सीजन दी जा रही है।

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