1000 डॉक्टर डबल वैक्सीन के बाद भी मर गए किस बात के डॉक्टर, बिना डिग्री मैं सबका डॉक्टर- स्वामी रामदेव
स्वामी रामदेव का एक वीडियो क्लिप सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। इस वीडियो में स्वामी रामदेव मंच पर उल्टा लेटकर योग दिखा रहे हैं। उनने किसी का जिक्र करते हुए कहा कि फलाने ने कहा मुझे डॉक्टर बनना है....
जनज्वार ब्यूरो। स्वामी रामदेव और विवादों का चोली दामन का साथ रह है। उनके यह विवाद इस कोरोना काल मे और भी खुलकर सामने आ रहे हैं। धार्मिक चैनल आस्था पर प्रसारित उनके एक कसरती वीडियो में स्वामी रामदेव ने जमकर डॉक्टरों का मजाक उड़ाया है। इस वीडियो में रामदेव कहते हैं 'डॉक्टर बनना है तो मुझ सा बन, जिसके पास कोई डिग्री नहीं है और सारे इलाज हैं।'
दरअसल स्वामी रामदेव का एक वीडियो क्लिप सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। इस वीडियो में स्वामी रामदेव मंच पर उल्टा लेटकर योग दिखा रहे हैं। उनने किसी का जिक्र करते हुए कहा कि फलाने ने कहा मुझे डॉक्टर बनना है। टर बनना है, टर.. टर..टर, डॉक्टर। स्वामी रामदेव ने अगले ही पल कहा कि '1000 डॉक्टर डबल वैक्सीन लगवाने के बाद भी मर गए।'
रामदेव ने मंच से यह बात दो बार बोली। रामदेव ने आगे कहा कि जो खुद अपनी जान ना बचा सके वो किस बात का डॉक्टर। उनने कहा कि 'डॉक्टर बनना है तो स्वामी रामदेव जैसा बन, जिसके पास कोई डिग्री नहीं है और सबका डॉक्टर है।' आगे रामदेव ने हंसते हुए अंग्रेजी में यह बात कही 'without any digree, with dignity i am a doctor'।
इससे पहले 8 मई को रामदेव ने हरिद्वार के योगग्राम में अपने योग शिविर के दौरान कोरोना मरीजों और डॉक्टरों का मजाक उड़ाते हुए कहा था कि 'लोग ऑक्सीजन के अभाव में मर रहे हैं जबकि भगवान ने मुफ्त में ऑक्सीजन दे रखी है। ऑक्सीजन की कमी पड़ गई है, भगवान ने सारा ब्रह्मांड भर रखा है ऑक्सीजन से, सही से ले तो ले बावड़े।'
इस वायरल वीडियो में रामदेव इतने पर ही नहीं रुके। वो आगे कहते हैं कि 'बाहर सिलेंडर-सिलेंडर करते फिर रहे हैं। दोनों नाकों को पकड़ कर वो कहते हैैं कि ये सिलेंडर देखो हुंह, सिलेंडर कम पड़ गए।' इसके बाद रामदेव ने एक बार फिर सनसनीखेज दावा करते हुए कह दिया है की 'जिनका ऑक्सीजन लेवल 70-80 तक आ गया था, मैंने उन्हें अनुलोम विलोम और योगाभ्यास से ठीक कर दिया।'
रामदेव के इस बयान को लेकर देश मे काफी किरकिरी हुई थी। जिसके बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन उन्हें महज अपने शब्द वापस लेने के लिए कह सके।
रामदेव ने बतौर माफी पत्र तो लिखा लेकिन पतंजलि और रामदेव की तरफ से लिखे गए इस पत्र में कहीं से भी यह नहीं झलकता की उन्हें अपने इस बयान को लेकर खेद है। बल्कि पत्र में ठीक से पढ़ने पर समझ आता है कि रामदेव अपने किये पर प्रशंशा चाह रहे हैं।
रामदेव के पत्र के जवाब में फिर डॉ. हर्षवर्धन ने लिखा- बाबा रामदेव जी ने एलोपैथिक चिकित्सा पर अपना बयान वापस लेकर जिस तरह पूरे मामले को विराम दिया है, वहस्वागतयोग्य व उनकी परिपक्वता का परिचायक है। हमें पूरी दुनिया को दिखाना है कि भारत के लोगों ने किस प्रकार डट कर कोविड 19 का सामना किया है। नि:संदेह हमारी जीत निश्चित है।
वहीं दूसरी ओर पतंजलि के आचार्य बालकृष्ण ने अपने ट्वीट मेकह रहे हैं- पूरे देश को क्रिश्चेनिएटी में कन्वर्ट करने के षड्यंत्र के तहत रामदेव जी को टारगेट करके योग एवं आयुर्वेद को बदनाम किया जा रहा है। देशवासियों, अब तो गहरी नींद से जागो नहीं तो आने वाली पीढ़ियां तुम्हें माफ नहीं करेंगी।