मोदी सरकार ने बेच दिया कनाडा की कंपनी को ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे, मीडिया में नहीं हुई कोई चर्चा
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ( NHAI ) की टोल ऑपरेट ट्रांसफर ( TOT ) परियोजना के तहत यह खरीद सरकार की संपत्ति मुद्रीकरण योजना ( AMP ) के तहत 2022 का सबसे बड़ा सौदा है।
नई दिल्ली। मोदी सरकार ने भारतीय रेल और कई पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग को बेचने के बाद देश की सड़कों को बेचने का काम चुपचाप शुरू कर दिया है। केंद्र की इस नीति की कड़ी का लाभ उठाते हुए कनाडा की पेंशन फंड सीडीपीक्यू ( CDPQ ) द्वारा भारत की सड़कों में निवेश के लिए बने प्लेटफॉर्म मैपल हाइवेज ( maple highways ) ने ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे ( Eastern Peripheral Expressway ) दिल्ली एनसीआर ( Delhi NCR) को 6,267 करोड़ रुपये की खरीद लिया है।
इस मामले में चौंकाने वाली बात यह है कि ईपीई को बेच दिया गया लेकिन कॉरपोरेट मीडिया घरानों ने इसकी चर्चा तक नहीं की। मीडिया घरानों के इस रुख से साफ है कि ये संस्थान जनहितैषी मसलों को उठाने से आगे भी परहेज करते रहेंगे।
सरकारी संपत्तियों को बेचने का 2022 का सबसे बड़ा सौदा
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ( NHAI ) की टोल ऑपरेट ट्रांसफर (टीओटी) परियोजना की यह खरीद सरकार की संपत्ति मुद्रीकरण योजना ( Asset Monetization Scheme ) के तहत इस साल का सबसे बड़ा सौदा है। 135 किलोमीटर लंबी 6 लेन की एक्सप्रेस हाइवे 2018 से परिचालन में है। इसकी डिजाइन दिल्ली में वाणिज्यिक वाहनों से सड़क जाम खत्म करने के लिए तैयार की गई थी। यह सड़क दिल्ली एनसीआर के पूर्वी हिस्से में हरियाणा और उत्तर प्रदेश से होकर गुजरती है।
सीडीपीक्यू दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा संस्थागत निवेशक
मैपल हाइवेज ( maple highways ) और सीडीपीक्यू ( CDPQ ) की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि हमारी कंपनी दीर्घावधि शेयरधारिता मूल्य की पेशकश के अवसरों को तलाशती रहेंगी और जिन सड़कों पर अच्छी आवाजाही है, नकदी की अच्छी आवक है, लंबे आवासीय इलाके हैं, ऐसी सड़कों में निवेश करेंगी। यहां पर आपको बता दें कि पूरी दुनिया में बुनियादी ढांचा क्षेत्र में निवेश करने के मामले में सीडीपीक्यू दूसरा सबसे बड़ा संस्थागत निवेशक है, जिसकी बुनियादी ढांचा क्षेत्र में शुद्ध परिसंपत्ति 45 अरब कनाडाई डॉलर है।
इसके साथ ही ही कनाडा पेंशन प्लान इन्वेस्टमेंट बोर्ड (CPP Investments) की 30 सितंबर 2022 को समाप्त वित्त वर्ष 23 की दूसरी तिमाही में शुद्ध संपत्ति 529 अरब डॉलर हो गई है, जो इसके पहले की तिमाही की समाप्ति पर 523 अरब डॉलर थी। कनाडा की इस फर्म ने कोटक इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट फंड (केआईआईएफ) की पहली बंदी के लिए 1,850 करोड़ रुपये की प्रतिबद्धता जताई है।
बता दें कि कोटक इन्वेस्टमेंट एडवाइजर्स द्वारा केआईआईएफ स्थापित किया जा रहा है जो भारत में बुनियादी ढांचा क्षेत्र की परियोजनाओं के लिए वित्तपोषण करेगा। इसने नेशनल हाइवे इन्फ्रास्ट्रक्चर ट्रस्ट में 357.5 करोड़ रुपये निवेश किया है जो भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा प्रायोजित बुनियादी ढांचा निवेश ट्रस्ट है।