Kanpur News: थाने में पिता ने मुझसे आखिरी बार कहा था- बहुत मारा है पूरा बदन टूट रहा है, कस्टडी में मरे दलित के बेटे की जुबानी
Kanpur News: जिस वक़्त देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदर दास मोदी ayodhya में प्रभू श्रीराम (Lord Shriram) का तिलक कर दिल्ली वापस भी नहीं पहुंचे थे उसी वक़्त kanpur के थाना बिधनू क्षेत्र में खेल चल रहा था।
Kanpur News: जिस वक़्त देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदर दास मोदी ayodhya में प्रभू श्रीराम (Lord Shriram) का तिलक कर दिल्ली वापस भी नहीं पहुंचे थे उसी वक़्त kanpur के थाना बिधनू क्षेत्र में खेल चल रहा था। खेल जिंदगी और मौत का। खेल कानपुर पुलिस का। खेल, जिसने किसी का पिता, किसी का पति और तमाम वो रिश्ते जो जिंदगीयत में जरूरी होते हैं उन्हें हमेशा हमेशा के लिए छीन लिया।\
कानपुर के थाना बिधनू की पुलिस पर एक दलित व्यक्ति की मौत का आरोप लगा है। पुलिस कह रही कि हिरासत में मौत की बात गलत है। मीडिया वाले गलत खबर चला रहे हैं, लेकिन यह बात उट रही की जब पुलिस के खिलाफ थाने में तहरीर दी गई तो मुकदमा दर्ज क्यों नहीं किया गया। बात उठ रही कि पुलिस ने अपनी गर्दन बचाने के लिए तहरीर ही बदल दी। सवाल तो यह भी है कि अपनी मर्जी से तहरीर लिखने के बाद पुलिस ने बेसुध पड़ी मृतक की पत्नी से अंगूठा क्यों लगवा लिया? इसी तहरीर के आधार पर मृतक के भाई पर मुकदमा क्यों लिखा गया?
बता दें कि थाना बिधनू में दलित अधेड़ उम्र व्यक्ति राजेंद्र कठेरिया की मौत होनी बताई जा रही है। कहा तो यह भी जा रहा है कि, जिन पुलिसकर्मियों पर मारपीट कर हत्या कराने का आरोप परिजनों ने लगाया है, उनके बचाव में पुलिस अफसर लग गए हैं। पुलिस के इस खेल के विरोध में दर्जनों लोगों ने सोमवार दोपहर थाने का घेराव किया था। परिजनों ने जमकर हंगामा भी खड़ा किया।
मृतक के पुत्र रजत का जो बयान जनज्वार के पास आया है उस मुताबिक, रात क़ो राजेंद्र का अपने भाई बबलू से विवाद हुआ था। 112 नंबर पर फोन करके उसने ही पुलिस को सूचना दी। जिसके बाद रात करीब 11 बजे पुलिसकर्मी वहां पहुंचे थे। वहाँ पहले राजेंद्र को पीटा और फिर थाने ले गए। पुत्र रजत कहता है कि जब वह थाने में पिता से मिलने गया थछा तो वे दर्द से कराह रहे थे। रजत से उसके पिता राजेंद्र ने आखिरी बार यही कहा था, की बहुत मारा है...पूरा बदन दर्द से टूट रहा है। इसके कुछ देर बाद राजेंद्र की तबीयत बिगड़ी और फिर हमेंशा के लिए वह खामोश हो गया। और अपने पीछे छोड़ गया बड़े सवाल, जिसका जवाब राजेंद्र की मोत के बाद शायद ही सामने आये।
राजेंद्र के बेटे रजत का कहना है कि, चाचा से झगड़े के बाद सुलह होे गई थी। पिता की मौत के बाद उसने पुलिसकर्मियों के खिलाफ तहरीर दी। पुलिस ने इस तहरीर पर केस दर्ज नहीं किया। इसके कुछ देर बाद में एक तहरीर बबलू पर हत्या का आरोप लगाकर लिखाई गई। इस पर राजेंद्र की पत्नी सुनीता का अंगूठा लगवाया गया। और फिर इसी तहरीर के आधार पर IPC 302 का केस दर्ज कर लिया गया। अब बताया जा रहा है की मामले की जांच आईजी रेंज को दी गई है। जांच में जो तथ्य सामने आएंगे उस आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
राजेंद्र की पत्नी सुनीता का साफ-साफ पुलिस पर आरोप है। वे कहती हैं कि, पुलिस वालों ने उनके पति की हत्या की है। उनके बेटे ने तहरीर भी दी लेकिन उस तहरीर पर क दर्ज नहीं की। बाद में पुलिस वालों ने खुद एक तहरीर लिखी। उस पर उनका अंगूठा लगवा लिया। सुनीता का कहना है कि वह रोते-रोते बेहोश हो गई थी, तब पुलिस ने अंगूठा लगवाया। वहीं मृतक के बेटे रजत के मुताबिक देर रात को थाने में पिता राजेंद्र से मिलने गया था। राजेंद्र ने उससे कहा था कि पुलिस वालों ने बहुत मारा है। पिटाई के बाद से सीने में दर्द हो रहा है। जब इस बारे में उसने पुलिस वालों को बताया तो कोई दवा खिला दी। इसके बाद हालत और बिगड़ती गई। जिससे, कुछ घंटों बाद राजेंद्र की मौत हो गई।
इस मामले को पहले आउटर पुलिस दबाने में जुटी रही। फिर, मसले ने सोशल मीडिया पर तूल पकड़ा जिसके बाद एसपी आउटर ने बयान जारी किया। इसमें उन्होंने पुलिसकर्मियों को क्लीन चिट दे दी। अब सवाल है कि मामूली विवाद के बाद राजेंद्र पुलिस की हिरासत में था, तो उसके भाई ने उनकी हत्या कैसे कर दी? पुलिस ने अपने दिये बयान में कहा है कि, कस्टडी में मौत जैसी कोई बात नहीं है। मीडिया गलत ढंग से मामले को दिखा-छाप रहा है। लेकि जो सवाल हैं उसका जवाब पुलिस नहीं दे रही है।