Breaking News : जेएनयू की दीवारों पर लाल रंग में लिखे गए ब्राह्मण विरोधी नारे! दी भड़काने वाली चेतावनी
Breaking News : जेएनयू के स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज की दीवारों पर असामाजिक तत्वों ने ब्राह्मण समुदाय के खिलाफ अमर्यादित नारे लिखे हैं।
JNU News : हमेशा में मुद्दों पर आधारित छात्र आंदोलनों के लिए चर्चित जवाहरलाल नेहरू विश्वविधालय ( Jawaharlal Nehru University ) एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। इस बार देश विरोधी नारे के आरोप में नहीं बल्कि जेनयू ( JNU ) कैंपस की दीवारों पर ब्राह्मणों ( Brahmins ) के खिलाफ नारे लिखे गए नारों की वजह से चर्चा में हैं। जेएनयू की दीवारों पर ब्राह्मणों के खिलाफ नारे लिखे गए हैं। जेएनयू के स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज की दीवारों पर असामाजिक तत्वों ने ब्राह्मण समुदाय के खिलाफ अमर्यादित नारे लिखे हैं।
जेएनयू ( Jawaharlal Nehru University ) की दीवारों पर ब्राह्मण कैंपस छोड़ो, रक्तपात होगा, ब्राह्मण भारत छोड़ो और ब्राह्मणों और बनिया, हम तुम्हारे पास बदला लेने आ रहे हैं। ये वो नारे हैं जो JNU परिसर की दीवारों पर लिखे गए हैं।
ABVP ने जातिवादी मानसिकता ( Castiest slogans ) से लिखे इन नारों के पीछे लेफ्ट विचारधारा के छात्रों को जिम्मेदार ठहराया है। VC ने इस मामले की कड़ी निंदा करते हुए जांच के आदेश दिए हैं। छात्रों ने दावा किया कि ब्राह्मण और बनिया समुदाय विरोधी नारों के साथ विरुपित किए जाने के साथ ही स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज-द्वितीय की इमारत में तोड़फोड़ की गई।
जेएनयू ( JNU ) की एबीवीपी ( ABVP ) इकाई के अध्यक्ष रोहित कुमार ने कहा कि नारे रातोंरात लिखे गए थे और आसपास कोई सीसीटीवी कैमरा नहीं था जिससे यह पता चल सके कि यह किसने किया है। संदेशों से यह स्पष्ट है कि यह कैंपस में वामपंथी झुकाव वाले छात्रों द्वारा डराने-धमकाने की रणनीति हैं। हमने शिकायत दर्ज की है और प्रशासन को इन संदेशों के खिलाफ एक ज्ञापन सौंपा है। उन्होंने कहा कि शैक्षणिक स्थानों का उपयोग बहस और चर्चा के लिए किया जाना चाहिए न कि समाज और छात्रों के समुदाय में ज़हर घोलने के लिए।
जेएनयू शिक्षक संघ ने की सख्त कार्रवाई की मांग
JNU News : वहीं, जेएनयू शिक्षक संघ ( JNUTA ) ने एक बयान में कहा कि वह रात में कई फैकल्टी कमरों में की गई तोड़-फोड़ की घटनाओं के बारे में सुनकर काफी दुखी हैं। जेएनयूटीए ने कहा कि जेएनयूटीए इस बेहद निंदनीय कृत्य की कड़े से कड़े शब्दों में निंदा करता हूं। यह न केवल संबंधित फैकल्टी के लिए दर्दनाक है, बल्कि सभी विचारों की विविधता और सहिष्णुता की भावना का भी उल्लंघन करता है जो जेएनयू की मूल प्रकृति है। संघ ने मांग की कि जेएनयू प्रशासन घटना की तुरंत जांच शुरू करे। दोषियों की पहचान करे और विश्वविद्यालय के नियमों के अनुसार उनके खिलाफ कार्रवाई करे।