योगी के रोजगार की असलियत : प्रतियोगी छात्र ने की आत्महत्या, लिखा 'नौकरी न मिलने के कारण यह कदम उठा रहा हूँ'

किसान अनिल सिंह का बेटा विकास मूल रूप से अंबेडकर नगर के मानिकपुर, जमूकला महाउबा गोला का रहने वाला था और कई सालों से शिवकुटी के नारायण आश्रम के पास किराये का कमरा लेकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा था, मगर रोजगार नहीं मिला...

Update: 2021-07-14 05:46 GMT
UP में रोजगार का हाल : बेरोजगारी ने ली प्रतियोगी छात्र की जान, लंबे समय से कर रहा था तैयारी (अब पंचायत सहायक का नया शिगूफा छोड़ा गया है, जिसमें सेलरी मनरेगा मजदूर जितनी) file photo

जनज्वार। इलाहाबाद के शिवकुटी स्थित नारायणी आश्रम मोहल्ले में रहने वाले 30 वर्षीय प्रतियोगी छात्र विकास कुमार सिंह ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली और सुसाइड नोट में लिखा कि नौकरी न मिलने के कारण मैं यह कदम उठा रहा हूं।

जानकारी के मुताबिक लंबे समय से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा अनिल सिंह का बेटा विकास मूल रूप से अंबेडकर नगर के मानिकपुर, जमूकला महाउबा गोला का रहने वाला था। विकास कई सालों से शिवकुटी के नारायण आश्रम के पास किराये का कमरा लेकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा था।

शुरुआती जानकारी के मुताबिक, मंगलवार 13 जुलाई की शाम को चार बजे तक जब उसका दरवाजा नहीं खुला तो आसपास के लोगों ने आवाज दी, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला, जिसके बाद डायल 112 को सूचना दी गयी। संबंधित थाने की पुलिस वहां पहुंची और दरवाजा तोडक़र देखा तो उसकी लाश फांसी के फंदे पर झूल रही थी।

इस मामले में सीओ अजीत सिंह ने बताया कि सुसाइड नोट में स्वेच्छा से जान देने  की बात लिखी है, लेकिन यह नहीं स्पष्ट हो सका कि वजह क्या थी। फिलहाल शव पोस्टमार्टम के लिए भेजकर जांच पड़ताल की जा रही है।

जबकि अब सोशल मीडिया पर विकास का जो सुसाइड नोट वायरल हो रहा है, उसमें साफ साफ लिखा है कि नौकरी न मिलने के कारण उसने आत्महत्या जैसा खतरनाक कदम उठाया है।

ट्वीटर पर विकास का सुसाइड नोट शेयर करते हुए योगिता इलाहाबादी ने लिखा है, 'इलाहाबाद शिवकुटी के नारायणी आश्रम मोहल्ले में रहने वाले प्रतियोगी छात्र विकास कुमार सिंह ने आत्महत्या कर ली और सुसाइड नोट में लिखा 'नौकरी न मिलने के कारण यह कदम उठा रहा हूँ' मुख्यमंत्री जी मुंह जुबानी रोजगार बांटने की बजाय जमीन पर रोजगार देते तो कइयों के घरों के चिराग़ न बुझते!'

हालांकि बाद में पुलिस ने भी स्पष्टीकरण दिया कि किसान अनिल सिंह का इकलौता बेटा जोकि प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहा था, शिवकुटी में नारायणी आश्रम के पास किराए पर रह रहा था। मंगलवार 13 जुलाई को वह कमरे से बाहर नहीं निकला तो उसके आसपास रहने वाले अन्य छात्रों ने शाम को विकास के कमरे का दरवाजा खटखटाया, लेकिन कोई आवाज नहीं आई। मकान मालिक भी वहां पहुंच गए। इस बीच उसके परिजनों ने भी फोन किया लेकिन फोन रिसीव नहीं हो रहा था। सूचना पर शिवकुटी पुलिस भी पहुंच गई। पुलिस ने दरवाजा तोड़ दिया। कमरे के अंदर विकास सिंह फांसी पर लटका मिला। यह देख छात्र सन्न रह गए। पुलिस को उसके कमरे की छानबीन में एक सुसाइड नोट मिला, जिसमें नौकरी न मिलने की परेशानी का जिक्र था।'

सुसाइड नोट में विकास ने लिखा था, 'मैं विकास सिंह पुत्र अनिल सिंह अपने पूरे होशोहवास में फांसी लगाने जा रहा हूं। नौकरी न मिलने के कारण मैं यह कदम उठा रहा हूं। मुझसे अगर कोई भूल हुई हो तो मुझे माफ कर दीजिएगा। आप सभी लोग लवली, शिवानी, मम्मी, पापा आपका अच्छा बेटा नहीं बन पाया मैं। कुछ इतने करीब हैं जिनके बारे में कभी गलत नहीं सोच सकता हूं। हम उनको विश्वास दिलाते हैं कि हम उनको खुद से ज्यादा मानते हैं।'

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