Ghaziabad News : 20 साल पुरानी वैन का बच्चों को स्कूल पहुंचाने में हो रहा इस्तेमाल, नोटिस के बाद भी कार्रवाई नहीं

Ghaziabad News : उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के गाजियाबाद (Ghaziabad) में 20 साल पुरानी वैन से बच्चों को स्कूल लाया जा रहा है, संभागीय परिवहन विभाग की जांच में यह खुलासा हुआ है...

Update: 2022-05-04 07:00 GMT

Ghaziabad News : 20 साल पुरानी वैन का बच्चों को स्कूल पहुंचाने में इस्तेमाल, नोटिस के बाद कार्रवाई नहीं

Ghaziabad News : उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के गाजियाबाद (Ghaziabad) में 20 साल पुरानी वैन से बच्चों को स्कूल लाया जा रहा है। संभागीय परिवहन विभाग की जांच में यह खुलासा हुआ है। इस तरह के वाहनों की परिवहन विभाग ने जब्त करना शुरू कर दिया है। साथ ही स्कूल वाहनों की भी चेकिंग में तेजी लाई जा रही है।

मोदीनगर स्कूल बस हादसे के बाद जांच शुरू

बता दें कि मोदीनगर स्कूल बस हादसे के बाद जनपद में स्कूल वाहनों की जांच कराई जा रही है। इसके लिए देहात और शहरी क्षेत्र में परिवहन विभाग के अलग-अलग टीमें बनाई गई है। सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन) खुद टीम के साथ वाहनों की जांच करने सुबह 7:00 बजे निकल रहे हैं। अनफिट वाहनों का चालान किया जा रहा है। साथ ही उन वाहनों को सीज किया जा रहा है, जिनका समय पूरा हो गया है। हालांकि परिवहन विभाग की सख्ती के बाद भी स्कूलों में 20 साल पुराने वाहन चल रहे हैं।

15 साल का समय पूरा होने के बाद वैन चलने लायक नहीं

संभागीय परिवहन विभाग की चेकिंग के दौरान खुलासा हुआ है कि जो वैन 15 साल से ज्यादा की हो गई, वह अब भी स्कूलों में चल रही है। इस तरह की वैन से बच्चों को स्कूल लाया जा रहा है। इनसे हादसा होने का खतरा है, क्योंकि ऐसे वाहनों का फिटनेस नहीं कराया जा सकता। इस तरह के वैन एक दम खटारा है। सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी राघवेंद्र सिंह ने बताया है कि कई स्कूलों में निजी वैन चल रही है। 15 साल का समय पूरा होने के बाद वैन चलने लायक नहीं होती है। वाहनों को जब्त करने का काम शुरू कर दिया है। सभी को पूर्व में नोटिस जारी किए थे। उन्होंने बताया कि स्कूल वाहनों की जांच जारी रहेगी। उन्होंने स्कूल प्रबंधकों से वाहनों की फिटनेस कराने के बाद ही चलाने के लिए कहा है। ऐसा नहीं करने पर वाहनों का चालान किया जाएगा। मियाद खत्म होने वाले वाहनों को सीज किया जा रहा है।

तेज गति से दौड़ाई जा रहे हैं खटारा वैन

खटारा वैन में ज्यादा बच्चों को बैठाने के बाद चालक उन्हें तेजी में दौड़ाते हैं। ऐसे में हादसा होने का खतरा रहता है। वैन की छत पर स्कूल बैग रहते हैं। तेज गति से कई बार बैग गिर जाते हैं। वैन में मानक के हिसाब से बच्चों को नहीं बताया जाता। बता दें कि कुछ दिन पहले मुरादनगर में स्कूल वैन का पहिया निकल गया था। उस बस में 15 बच्चे सवार थे।

नोटिस के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं

जनपद में पेट्रोल के 15 साल और डीजल के वाहन 10 साल तक ही चलाए जा सकते हैं। इसके बाद वाहन सड़कों पर चलने लायक नहीं होते। वाहनों का समय पूरा होने के बाद परिवहन विभाग की तरफ से नोटिस जारी किए जाते हैं। जनपद में करीब 90 हजार वाहन सड़कों पर ऐसे हैं, जिनकी मियाद पूरी हो गई है लेकिन विभाग की तरफ से नोटिस के अलावा कोई कार्यवाही नहीं की जाती।


(जनता की पत्रकारिता करते हुए जनज्वार लगातार निष्पक्ष और निर्भीक रह सका है तो इसका सारा श्रेय जनज्वार के पाठकों और दर्शकों को ही जाता है। हम उन मुद्दों की पड़ताल करते हैं जिनसे मुख्यधारा का मीडिया अक्सर मुँह चुराता दिखाई देता है। हम उन कहानियों को पाठक के सामने ले कर आते हैं जिन्हें खोजने और प्रस्तुत करने में समय लगाना पड़ता है, संसाधन जुटाने पड़ते हैं और साहस दिखाना पड़ता है क्योंकि तथ्यों से अपने पाठकों और व्यापक समाज को रू—ब—रू कराने के लिए हम कटिबद्ध हैं।

हमारे द्वारा उद्घाटित रिपोर्ट्स और कहानियाँ अक्सर बदलाव का सबब बनती रही है। साथ ही सरकार और सरकारी अधिकारियों को मजबूर करती रही हैं कि वे नागरिकों को उन सभी चीजों और सेवाओं को मुहैया करवाएं जिनकी उन्हें दरकार है। लाजिमी है कि इस तरह की जन-पत्रकारिता को जारी रखने के लिए हमें लगातार आपके मूल्यवान समर्थन और सहयोग की आवश्यकता है।

सहयोग राशि के रूप में आपके द्वारा बढ़ाया गया हर हाथ जनज्वार को अधिक साहस और वित्तीय सामर्थ्य देगा जिसका सीधा परिणाम यह होगा कि आपकी और आपके आस-पास रहने वाले लोगों की ज़िंदगी को प्रभावित करने वाली हर ख़बर और रिपोर्ट को सामने लाने में जनज्वार कभी पीछे नहीं रहेगा, इसलिए आगे आयें और जनज्वार को आर्थिक सहयोग दें।)

Tags:    

Similar News