गुजरात के शिक्षा मंत्री का विवादित बयान, कहा - जिन्हें यहां की शिक्षा नहीं पसंद वो जहां जाना चाहें जा सकते हैं

शिक्षा मंत्री जीतू वाघाणी ने विरोध करने की मानसिकता रखने वाले लोगों से कहा कि यदि उन्हें लगता है कि यहां सब कुछ खराब है तो यहां एक पल के लिए भी इंतजार न करें।

Update: 2022-04-07 02:04 GMT

अहमदाबाद। गुजरात में विधानसभा का चुनाव नवंबर में होना है लेकिन वहां पर पंजाब में आम आदमी पार्टी ( AAP ) की जीत का असर अभी से दिखाई देने लगा है। ऐसा इसलिए कि गुजरात के शिक्षा मंत्री जीतू वाघाणी ( Gujrat Education Education Minister Jitu Vaghani ) ने प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था ( Education System ) को लेकर आम आदमी की आलोचना को पचा नहीं पा रहे हैं। उन्होंने बुधवार यानि 6 अप्रैल को एक कार्यक्रम में आप नेताओं को निशाने पर लेते हुए कहा कि जिन लोगों को गुजरात के स्कूलों की शिक्षा ( Education ) पसंद नहीं है, उन्हें आलोचना करने के बजाए अपने बच्चों के प्रमाण-पत्र लेकर जिस राज्य या देश में जाना पसंद है, वहां चले जाना चाहिए।

गुजरात के शिक्षा मंत्री यह बयान राजकोट में एक स्कूल भवन का उद्घाटन करने के बाद एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि गुजरात में रहे और पले बढ़े लोग अब स्कूल की शिक्षा के मामले में अन्य राज्यों खुद को बेहतर पाते हैं।

गुजरात के शिक्षा मंत्री जीतू वाघाणी ( Jitu Vaghani ) ने कहा कि कुल लोग यहां रहे, यहीं पले-बढ़े, उनके बच्चे यहां पढ़े, उन्होंने कारोबार यहां पर किया। इसके बाद भी यदि उन्हें शिक्षा के मामले में कोई और राज्य या देश बेहतर लगे तो अपने बच्चे का प्रमाण पत्र लेकर वहां चले जाएं। 

सुधार के लिए सुझाव का स्वागत है

उन्होंने कहा कि केवल विरोध की मानसिकता वाले लोगों से कहना चाहता हूं कि यदि उन्हें लगता है कि यहां सब कुछ खराब है, तोयहां एक पल के लिए भी इंतजार नहीं करें। बिना समय बर्बाद किए यहां से जा सकते हैं। हां, गुजरात के लोग शिक्षा में सुधार के उपाय सुझा सकते हैं लेकिन सरकारी शिक्षा व्यवस्था ( Government Education System ) के बारे में ऐसा कुछ नहीं कहना चाहिए जिससे छात्रों के माता पिता बेबस महसूस करें।

आप ने दी थी बहस की चुनौती

दरअसल, दिल्ली सरकार ( Delhi Government ) में शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ( Manish Sisodia ) ने हाल ही में जीतू वाघाणी को गुजरात और दिल्ली की शिक्षा प्रणाली पर बहस के लिए चुनौती दी थी। भारतीय जनता पार्टी ( बीजेपी ) की प्रदेश इकाई ने अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार की शिक्षा प्रणाली की आलोचना करने वाले कई ट्वीट किए थे जिसके बाद सिसोदिया ने यह चुनौती दी थी। उसके बाद से भाजपा और आप नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है।

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