Surat Crime news : ऑफिस में छात्र से दुराचार करते प्रिंसिपल का वीडियो वायरल, गुरु पूर्णिमा के दिन किया शर्मसार
न्याय के लिए दर-दर भटकने के बाद भी जब दुराचार आरोपी प्रिंसिपल के खिलाफ किसी ने सुनवाई नहीं की तो गुजरात में सत्तासीन भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्यालय "कमलम" में शिकायत की गयी, लेकिन बजाय कार्रवाई के अभिभावकों को ही धमकाया जाने लगा...
दत्तेश भावसार की रिपोर्ट
Surat Crime news : गुजरात में सूरत शहर में नगर प्राथमिक शिक्षण समिति द्वारा संचालित एक सरकारी स्कूल में प्रधानाचार्य के द्वारा बच्चों के यौन शोषण की घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। बच्चे के साथ गुरु द्वारा दुराचार का खुलासा गुरु पूर्णिमा के दिन पूरी दुनिया के सामने हुआ और कलंकित गुरु का चेहरा भी सबके सामने आया।
आम आदमी पार्टी सूरत के शिक्षण समिति के सदस्य राकेश हिरपरा ने प्रेस कांफ्रेंस में वीडियो और फोटो के जरिए पूरी घटना को उजागर किया। उन्होंने बताया कि यह घटना 3 माह पहले की है, लेकिन आज तक पीड़ित छात्र को न्याय नहीं मिल पाया है। गुजरात शिक्षा मॉडल का यह वीडियो इतना आपत्तिजनक है कि इसे दिखाया नहीं जा सकता। मगर एक प्रिंसिपल ने ऐसा कुकृत्य किया।
बच्चे के साथ न सिर्फ प्रिंसिपल ने दुराचार किया, बल्कि उसे उसके बाद की भी प्रताड़ना झेलनी पड़ी। आम आदमी पार्टी ने जो वीडियो जारी किया है, उसमें दिखायी दे रहा है कि प्रिंसिपल की हवस का शिकार बना पीड़ित छात्र नंगी हालत में जब अपने कपड़े पहनने की कोशिश कर रहा है तो उसके गुप्तांगों को साथी छात्र भी छेड़ते हुए उसे चिढ़ा रहे हैं और वह मुश्किल से कपड़े पहन पा रहा है।
गौरतलब है कि 3 माह पहले सूरत शहर नगर प्राथमिक शिक्षण समिति के पास इस घटना की शिकायत दर्ज की गई थी, लेकिन उनके द्वारा कोई जांच नहीं किये जाने पर यह मामला सूरत के मेयर की संज्ञान में लाया गया। मेयर की तरफ से भी पीड़ित छात्र को न्याय दिलाने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की गयी तो अभिभावकों ने गांधीनगर शिक्षा मंत्री के पास अपनी शिकायत दर्ज करायी, लेकिन उनकी तरफ से भी कोई कार्यवाही नहीं हुई।
न्याय के लिए दर-दर भटकने के बाद भी जब यौन आरोपी प्रिंसिपल के खिलाफ किसी ने सुनवाई नहीं की तो गुजरात में सत्तासीन भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्यालय "कमलम" में शिकायत की गयी, लेकिन बजाय कार्रवाई के अभिभावकों को ही धमकाया जाने लगा। जब कहीं कोई कार्रवाई नहीं हुई तो इस मामले में एक फैक्ट फाइंडिंग कमेटी गठित की गई, लेकिन यह भी दीए तले अंधेरा ही साबित हुयी।
समिति ने प्रधानाचार्य को बचाने के सारे हथकंडे अपनाये। फैक्ट फाइंडिंग की बजाय यह प्रधानाचार्य बचाव समिति बनकर रह गई। सजा के तौर पर सिर्फ आरोप प्रधानाचार्य का ट्रांसफर कर दिया गया।
पीड़ित छात्र के अभिभावक इस कार्यवाही से संतुष्ट नहीं थे, इसलिए न्याय की उम्मीद में उन्होंने आम आदमी पार्टी से जुड़े लोगों से संपर्क किया, जिससे यह मामला पूरी तरह खुलकर सामने आया।
आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया कि स्कूल के प्रधानाचार्य अपनी ड्यूटी के समय के बाद अपने चेंबर में छात्रों से दुराचार करते हैं, तब भी फैक्ट फाइंडिंग टीम की तरफ से कभी उनसे नहीं पूछा गया कि वह ओवर टाइम में ये कैसा कृत्य कर रहे हैं? इसका सीधा मतलब यह होता है कि फैक्ट फाइंडिंग टीम के लोग भी प्रधानाचार्य से मिले हुए थे और शिक्षा मंत्री तक शिकायत होने के बावजूद मामले में FIR न होना आरोपी प्रधानाचार्य के रसूखदार लोगों से संबंध होना साबित करता है।
आम आदमी पार्टी ने चेतावनी दी है कि, दो-तीन दिनों में दुराचार आरोपी प्रिंसिपल के खिलाफ पुलिस कंप्लेंट दर्ज नहीं करेंगे तो आंदोलन किया जाएगा।
गुजरात में सरकारी स्कूलों की यह स्थिति देखकर शायद ही कोई अपने बच्चों को सरकारी स्कूल में भेजने की हिम्मत कर पाएगा। ऐसी ही घटनाओं के चलते पिछले कुछ समय में 6000 के करीब सरकारी स्कूल बंद करने की नौबत आ चुकी है और गुजरात में निजी शिक्षण संस्थान दिन दुगुनी और रात चौगुनी तरक्की कर रहे हैं।