उत्तराखण्ड पटवारी परीक्षा भर्ती पेपरलीक मामले में आयोग के अधिकारी समेत 4 गिरफ्तार, 22.50 लाख की नगदी हुई बरामद
Patwari Bharti paperleak SCAM : पटवारी भर्ती परीक्षा पेपर लीक घोटाले का प्रमुख अभियुक्त समझे जा रहे संजीव चतुर्वेदी राज्य लोक सेवा आयोग के अतिगोपन अनुभाग-3 में अनुभाग अधिकारी के पद पर तैनात हैं। संजीव चतुर्वेदी की बेटी हरिद्वार के जिस कॉलेज में पढ़ती हैं, उसी कॉलेज में दूसरा आरोपी राजपाल पढ़ाता था। कॉलेज आने-जाने के दौरान संजीव चतुर्वेदी की पहचान राजपाल से हुई...
Patwari Bharti paperleak SCAM : उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा आयोजित भर्ती परीक्षाओं में धांधली के बाद पटवारी भर्ती परीक्षा आयोजित कराने वाला राज्य लोक सेवा आयोग भी युवाओं के सपनों को धराशाई होने से नहीं रोक पाया। महज चार दिन पूर्व गुजरे रविवार 8 जनवरी को लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित कराई गई पटवारी भर्ती परीक्षा का पेपर लीक होने की न केवल पुष्टि हो चुकी है, बल्कि पेपर लीक करने के मामले में आयोग के ही एक वरिष्ठ अधिकारी सहित चार लोगों को गिरफ्तार करते हुए साढ़े बाइस लाख रुपए की नगदी भी बरामद हो चुकी है। पेपर लीक होने की अफवाह फैलने के बाद प्रदेशभर के युवाओं में हड़कंप मचने के बाद शनिवार को दोपहर बाद चार बजे एसटीएफ ने आधिकारिक तौर पर पत्रकार वार्ता आयोजित कर पेपर लीक होने की पुष्टि करते हुए घटना का सिलसिलेवार ब्यौरा साझा किया है।
एसएसपी एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने बताया कि लोक सेवा आयोग उत्तराखंड द्वारा बीती 8 जनवरी 2023 को आयोजित लेखपाल और पटवारी के एग्जाम पेपर तैयार करने में आयोग के अति गोपन कार्यालय में अनुभाग- 3 द्वारा कार्य किया गया था। इसमें अनुभाग में नियुक्त अधिकारी संजीव चतुर्वेदी ने अपनी कस्टडी से प्रश्नपत्र को अपनी पत्नी रितु के साथ मिलकर संजीव कुमार को उपलब्ध कराया। इस पेपरलीक की एवज में संजीव कुमार ने रितु को मोटी नकद धनराशि दी। इस प्रश्न पत्र को संजीव कुमार और राजपाल ने राजकुमार व अन्य के माध्यम से 35 अभ्यर्थियों को बांटा। इसके बाद उत्तर प्रदेश के बिहारीगढ़ स्थित माया अरुण रिजार्ट व ग्राम सेठपुर लक्सर हरिद्वार के साथ अन्य स्थानों में पढ़ाया। फार्म हाउस में 35 अभ्यर्थियों को पेपर सॉल्व कराया गया।
हरिद्वार व अन्य स्थानों पर भी अभ्यर्थियों को पेपर साल कराने की बात सामने आई है। एसटीएफ को पेपर लीक से जुड़ी जानकारी मिलने के बाद उनके द्वारा मामले की विस्तृत जांच की गई, जिसमें पेपर लीक होने की पुष्टि होने पर आज बृहस्पतिवार की दोपहर बाद हरिद्वार के थाना कनखल में भारतीय दण्ड संहिता की धारा 409, 420, 467, 468, 471, 120 बी व 3/4 उत्तर प्रदेश/उत्तराखंड सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) निवारण अधिनियम 1998 के तहत केज दर्ज कराया गया है। इस मामले में एसटीएफ ने लोक सेवा आयोग के अनुभाग अधिकारी संजीव चतुर्वेदी सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया है।
गिरफ्तार आरोपियों में मुख्य अभियुक्त संजीव चतुर्वेदी अनुभाग अधिकारी अतिगोपन अनुभाग-3 राज्य लोक सेवा आयोग उत्तराखंड, जनपद हरिद्वार के अलावा राजपाल पुत्र स्व. फूल सिंह निवाली ग्राम कुलचंदपुर उर्फ नथौडी थाना गागलहेडी जनपद सहारनपुर उ.प्र. हाल निवासी ग्राम सुकरासा अम्बूवाला थाना पथरी जनपद हरिद्वार, संजीव कुमार पुत्र स्व. मांगेराम निवासी ग्राम कुलचन्दपुर उर्फ नथौडी थाना गागलहेडी सहारनपुर उ.प्र. हाल निवासी फ्लैट नं. जी-407 जर्स कंट्री ज्वालापुर थाना ज्वालापुर जनपद हरिद्वार तथा रामकुमार पुत्र सुग्गन सिंह निवासी ग्राम सेठपुर, लक्सर, जनपद हरिद्वार शामिल हैं। गिरफ्तार किए गए संजीव चतुर्वेदी के पास से आउट प्रश्न पत्र की कॉपियां व प्रश्न पत्र लीक कर अवैध रूप से कमाये गये साढ़े बाइस लाख रुपए की नगदी भी बरामद की गई है। एसटीएफ इस पूरे मामले की जांच कर रही है। जांच के बाद अभी इस गिरोह के अन्य सदस्यों के नामों का भी खुलासा होने की उम्मीद है।
भ्रष्टाचार के इस ट्रांसफार्मर से कुछ इस तरह जुड़े आरोपियों के तार
प्रथमदृष्टया पटवारी भर्ती परीक्षा पेपर लीक घोटाले का प्रमुख अभियुक्त समझे जा रहे संजीव चतुर्वेदी राज्य लोक सेवा आयोग के अतिगोपन अनुभाग-3 में अनुभाग अधिकारी के पद पर तैनात हैं। संजीव चतुर्वेदी की बेटी हरिद्वार के जिस कॉलेज में पढ़ती हैं, उसी कॉलेज में दूसरा आरोपी राजपाल पढ़ाता था। कॉलेज आने-जाने के दौरान संजीव चतुर्वेदी की पहचान राजपाल से हुई।
इसके बाद इसी जान पहचान की बुनियाद पर पेपर लीक कांड की आधारशिला रखी गई। पत्रकार वार्ता में पूरा घटनाक्रम साझा करते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने लोगों से अपील की है कि यदि इस परीक्षा की अनियमितता के संबंध में कोई भी जानकारी है तो स्वयं या मोबाइल के द्वारा सूचना दे सकते हैं। जानकारी देने वाले की पहचान गोपनीय रखी जाएगी
लंबी फेहरिस्त है उत्तराखंड में भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक होने की
उत्तराखंड में भर्ती परीक्षाओं के प्रश्न पत्र लीक होने की एक शानदार परंपरा रही है, जिसने बेरोजगारी का दंश झेलते युवाओं के सुखद भविष्य के सपनों पर गहरी चोट की है। गुजरा पूरा साल तो पेपर लीक मामले में इतना चर्चाओं में रहा कि हर सप्ताह में एक बड़ी खबर इसी के नाम रही। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने ग्रेजुएट लेवल के 916 पदों के विज्ञापन निकालकर 4 और 5 दिसंबर 2021 को परीक्षा करायी थी।
परीक्षा में 1,90,000 अभ्यर्थी शामिल और 916 अभ्यर्थी चयनित हुये थे। इन पदों पर चयनित उम्मीदवारों की इससे पहले की भर्ती की जा सके उससे पहले ही इस परीक्षा में नकल व पेपर लीक होने की शिकायतें वायरल होने लगीं तो मामला मीडिया व राजनीतिक गलियारों की सुर्खियां बनता चला गया। बेरोजगार संगठनों एवं कई छात्रों ने इस परीक्षा में हुई अनियमितताओं के सबूत के तौर पर कुछ व्हाट्सएप स्क्रीनशॉट और कुछ तथ्य मुख्यमंत्री के सामने रखे तो मुख्यमंत्री ने तत्काल प्रभाव से इस मामले पर कार्रवाई के निर्देश दिए।
इसके बाद 22 जुलाई 2022 को रायपुर थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया। बाद में पुलिस ने इस मामले की जांच एसटीएफ को सौंपी। अभी इस मामले में करीब चार दर्जन लोग गिरफ्तार हो चुके हैं। आयोग के कई बड़े अधिकारी भी इस मामले में जेल की हवा खा रहे हैं।