NCERT Survey : परीक्षा परिणाम को लेकर खौफ में रहते हैं 81% छात्र, तनाव से दूर रहने के लिए करते हैं ये काम
NCERT Survey : एनसीईआरटी द्वारा 3.79 लाख बच्चों पर किए गए एक सर्वे में खुलासा हुआ है कि बच्चे परीक्षा, उसके बदलाव और ऑनलाइन स्टडी की वजह से दबाव में रहते हैं।
NCERT Survey : राष्ट्रीय शैक्षिक अनुंसधान और प्रशिक्षण परिषद के एक राष्ट्रव्यापी सर्वेक्षण ( NCERT survey ) में बड़ा खुलासा हुआ है। यह सर्वेक्षण ( NCERT survey ) 23 से 26 मार्च 2022 के बीच किया गया। मानसिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण के मुताबिक पढ़ाई, परीक्षा और परिणाम ( Exam result ) स्कूली छात्रों के बीच चिंता के प्रमुख प्रमुख कारण हैं। इसको लेकर वो हमेशा दबाव ( stress ) में रहते हैं। ऐसा कहने वाले विद्यार्थियों की संख्या 81 फीसदी है।
51% छात्र ऑनलाइन सामग्री नहीं सीख पाते
इसके अलावा सर्वेक्षण ( NCERT Survey ) में शामिल 51 फीसदी स्कूली विद्यार्थियों को आनलाइन सामग्री सीखने में दिक्कत होती है। 28 फीसदी से अधिक छात्र टीचर से प्रश्न पूछने में झिझकते हैं। कक्षा 6 से 12 तक के 73 फीसदी छात्र अपने स्कूली ( School Education ) जीवन से संतुष्ट हैं। जबकि 33 फीसद विद्यार्थी ज्यादातर समय दबाव में रहते हैं। वहीं 29 फीसदी स्कूली विद्यार्थियों में एकाग्रता का अभाव और 43 फीसदी विद्यार्थियों का मिजाज बदलता रहता है। एनसीईआरटी ( NCERT ) ने कहा कि नाम वाले कॉलम को वैकल्पिक बनाकर प्रतिभागियों की निजता सुनिश्चित की गई। ताकि छात्र सहजता से और स्वतंत्र तरीके से जवाब दे सकें।
6ठी से 8वीं के छात्र करते हैं इन समस्याओं का समना
6 जुलाई को जारी सर्वेक्षण रिपोर्ट में कहा गया है कि जब छात्र मध्य से माध्यमिक स्तर में प्रवेश करते हैं तब उनके व्यक्तिगत और स्कूली जीवन संबंधी संतुष्टि में गिरावट पाई गई। छात्र माध्यमिक स्तर में पहचान, संबंधी संकट, रिश्तों के प्रति संवेदनशीलता में वृद्धि, साथियों का दबाव, बोर्ड परीक्षा का डर, भविष्य में दाखिले एवं करियर को लेकर छात्रों को होने वाली चिंताओं तथा अनिश्चितता आदि चुनौतियों से जूझते हैं। सर्वेक्षण में यह भी पाया गया कि इसमें भाग लेने वाले 81 प्रतिशत छात्रों ने पढ़ाई, परीक्षा और परिणामों को खुद की चिंता का प्रमुख कारण बताया।
तनाव से दूर रहने के लिए छात्रों ने किए ये काम
सर्वेक्षण में पाया गया कि तनाव से निपटने के लिए छात्रों ने जिन रणनीतियों को सर्वाधिक अपनायाए उनमें योग एवं ध्यानए सोचने के तरीके को बदलने का प्रयास करना और पत्रिकाओं में लिखनाष्ष् प्रमुख रहीं। बता दें कि एनसीईआरटी ( NCERT ) के मनोदर्पण प्रकोष्ठ ने 36 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के 3.79 लाख छात्रों से मानसिक स्वास्थ्य और कल्याण से संबंधित पहलुओं पर उनके नजरिए को एक सर्वे के जरिए समझने की कोशिश की। जनवरी से मार्च 2022 के बीच संपन्न सर्वेक्षण में छठी से 12वीं कक्षा के छात्र-छात्राओं को शामिल किया गया था।