अलीगढ़ मुस्लिम विवि में कल्याण सिंह के निधन पर शोक जताने पर बवाल, वीसी के खिलाफ चस्पा किए पोस्टर

भाजपा नेता प्रेम शुक्ला ने कहा कि आखिर वाइस चांसलर के खिलाफ पोस्टर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के छात्रों ने ही लगाए हैं। जिन्ना का पोस्टर भी तो वहीं के लोगों ने लगाया और हटाने नहीं दिया....

Update: 2021-08-25 14:38 GMT

(अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के वीसी ने कल्याण सिंह के निधन पर जताया शोक, सियासी बयानबाजियां शुरु)

जनज्वार। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और बाबरी विध्वंस कांड में आरोपी रहे कल्याण सिंह की हाल ही मौत हो गई है। उनके निधन पर शोक जताना अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर (वीसी) तारिक मंसूर को महंगा पड़ गया है। वीसी के खिलाफ विश्वविद्यालय परिसर में पोस्टर लगाए गए हैं। इस मुद्दे को लेकर अब सियासी बयानबाजियां तेज हो गई हैं। भाजपा ने कहा है कि कुछ लोग परिसर में जिन्ना की तस्वीर हटाने नहीं देते लेकिन एक पूर्व मुख्यमंत्री के निधन पर शोक जताने पर वीसी का विरोध कर रहे हैं।

बता दें कि साल 2018 में अलीगढ़ विश्वविद्यालय के भीतर मौजूद जिन्ना की तस्वीर को लेकर खूब बवाल हुआ था। पथराव, फायरिंग की घटना भी हुई थी। हिंदू युवा वाहिनी और एबीपीवी के द्वारा जिन्ना का पुतला फूंका था। भाजपा सांसद सतीश गौतम ने जिन्ना की तस्वीर हटाए जाने की मांग को लेकर एएमयू के वीसी को पत्र लिखा था जिसके बाद यह बवाल हुआ था।

वाइस चांसलर तारिक मंसूर के खिलाफ पोस्टर लगाए जाने पर भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय ने कहा, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अच्छे तरीके से जानते हैं कि देश विरोधी और समाज विरोधी गतिविधियों में शामिल लोगों से कैसे निपटना है। ये लोग प्रधानमंत्री मोदी की विकास योजनाओं को रोकना चाहते हैं, लेकिन ये कभी सफल नहीं होंगे।

वहीं एक समाचार चैनल से बातचीत करते हुए भाजपा नेता प्रेम शुक्ला ने कहा कि आखिर वाइस चांसलर के खिलाफ पोस्टर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के छात्रों ने ही लगाए हैं। जिन्ना का पोस्टर भी तो वहीं के लोगों ने लगाया और हटाने नहीं दिया। भाजपा कार्यकर्ता प्रीति गांधी ने वीसी के खिलाफ चस्पा पोस्टर की तस्वीर पोस्ट करते हुए लिखा- "वीसी तारिक मंसूर द्वारा उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह जी के निधन पर शोक व्यक्त करने के बाद पूरे अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में घृणास्पद पोस्टर लगे हैं। ये वही छोटे दिमाग वाले लोग हैं जो दूसरों पर असहिष्णु होने का आरोप लगाते हुए घड़ियाली आंसू बहाते हैं। कड़ी निंदा !!"

इस मामले को लेकर एसडीपीआई के तस्लीन रहमानी ने कहा कि गोडसे गांधी की हत्या के बाद दिवंगत हो गए तो क्या उनको नमन करने लगें? इसमें क्या शक है कि कल्याण सिंह अपराधी थे, उन्हें कोर्ट ने सजा दी थी। योगी सरकार मुसलमानों के शिक्षण संस्थानों को निशाना बना रही है। चाहे वह रामपुर की जौहर यूनिवर्सिटी हो या अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, मुस्लिम शिक्षण संस्थाओं को निशाना बनाया जा रहा है।

वहीं माकपा नेता सुनील चोपड़ा ने कल्याण सिंह पर बाबरी कांड का दोषी होने का आरोप लगाया और कहा कि इतिहास उन्हें कभी माफ नहीं करेगा। हालांकि उन्होंने कहा वीसी के निधन पर शोक जताने पर कोई ऐतराज नहीं होना चाहिए। वहीं विश्वविद्यालय प्रबंधन पोस्टर लगाने वाले लोगों की तलाश के लिए परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाल रहा है।

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के प्रॉक्टर प्रो. मोहम्मद वसीम अली ने कहा, "अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में 23-24 अगस्त की दरम्यानी रात यूपी के पूर्व सीएम कल्याण सिंह के निधन पर शोक व्यक्त करने पर वीसी प्रोफेसर तारिक मंसूर के खिलाफ पोस्टर लगे थे। जब यह मेरी जानकारी में आया, तो मैंने पोस्टर हटा दिए।"

उन्होंने कहा, "विश्वविद्यालय स्थित जामा मस्जिद की बाहरी दीवार पर दो पोस्टर और दूसरी जगह दो-तीन पोस्टर पड़े मिले। मैं अपने सूत्रों के माध्यम से यह पता लगाने की कोशिश कर रहा हूं कि ये पोस्टर किसने लगाए हैं?"

बता दें कि लखनऊ की विशेष सीबीआई अदालत ने बीते साल 2020 में बाबरी विध्वंस के सभी 32 आरोपियों को निर्दोष करार दिया था। कोर्ट ने बताया था कि आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त मात्रा में सबूत नहीं हैं। इन आरोपियों में भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, कल्याण सिंह, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती और विनय कटियार जैसे नाम शामिल थे।

Tags:    

Similar News