छात्र और बेरोजगार युवा लगातार बड़ी संख्या में कर रहे आत्महत्या, युवा मंच ने राष्ट्रपति के नाम पत्र लिखकर जतायी चिंता

बेरोज़गारी से त्रस्त होकर 2018 में 2781, 2019 में 2851 और 2020 में 3548 युवाओं ने सुसाइड किया। देश में प्रतियोगी छात्रों के दो प्रमुख केन्द्र प्रयागराज में 6 महीने में 16 प्रतियोगी छात्रों और कोटा में कोटा में साल भर में 27 छात्रों द्वारा सुसाइड किया गया......

Update: 2024-01-24 13:00 GMT

Lucknow news : बेरोजगार युवाओं द्वारा लगातार मानसिक दबाव में आत्महत्या की घटनायें बढ़ती जा रही हैं। इस पर चिंता व्यक्त करते हुए युवा मंच संयोजक राजेश सचान ने राष्ट्रपति द्रोपदी मूर्मू को पत्र भेज चिंता व्यक्त की है।

राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू को ईमेल के माध्यम से पत्र प्रेषित कर सुसाइड के मामलों में अप्रत्याशित बढ़ोत्तरी पर चिंता व्यक्त की गयी है। एक महीने की अवधि में आईआईटी कानपुर जैसे प्रतिष्ठित संस्थान में तीन छात्र-छात्राओं द्वारा सुसाइड के हाल के मामले का जिक्र करते हुए एनसीआरबी के आंकड़ों के हवाले संज्ञान में लाया गया कि 2022 में 13 हजार से ज्यादा छात्रों ने सुसाइड किया, उसमें 10 हजार से ज्यादा नाबालिग हैं।

Full View

इसी तरह बेरोज़गारी से त्रस्त होकर 2018 में 2781, 2019 में 2851 और 2020 में 3548 युवाओं ने सुसाइड किया। देश में प्रतियोगी छात्रों के दो प्रमुख केन्द्र प्रयागराज में 6 महीने में 16 प्रतियोगी छात्रों और कोटा में कोटा में साल भर में 27 छात्रों द्वारा सुसाइड करने की मीडिया में प्रकाशित खबरों को भी उनके संज्ञान में लाते हुए युवा मंच संयोजक ने कहा कि इस संवेदनशील मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार चुप्पी साधे हुए है, जबकि केंद्र सरकार की अर्थनीतियों से बेइंतहा बढ़ी बेकारी छात्रों व युवाओं में अपने भविष्य को लेकर पैदा हुए असुरक्षाबोध से मानसिक अवसाद व सुसाइड की बढ़ती प्रवृत्ति की मुख्य वजह है।

हालत यह है कि देश में सरकारी विभागों में रिक्त पड़े एक करोड़ पदों को तत्काल भरने की युवाओं की मांगों की भी अनदेखी की जा रही है। इसी तरह उत्तर प्रदेश में भी 6 लाख रिक्त पदों को भरने के वायदे को पूरा नहीं किया जा रहा है। इन सवालों को लेकर लखनऊ, प्रयागराज समेत प्रदेशभर में युवा आवाज उठा रहे हैं, जिसे अनसुना किया जा रहा है। 

Tags:    

Similar News