UGC का फैसला : अब एकसाथ ले सकेंगे दो अलग-अलग कोर्स की फुलटाइम डिग्री, शिक्षाविदों ने की आलोचना

UGC : यूजीसी अध्यक्ष ने कहा कि छात्रों को फिजिकल मोड और ऑनलाइन मोड से भी एक साथ दो डिग्री कार्यक्रमों में पढ़ाई करने की अनुमति दी जाएगी....

Update: 2022-04-13 14:19 GMT

UGC का फैसला : अब एक साथ ले सकेंगे दो अलग-अलग कोर्स की फुलटाइम डिग्री, शिक्षाविदों ने की आलोचना 

UGC : विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) के अध्यक्ष एम. जगदीश कुमार (M. Jagdish Kumar) ने मंगलवार को जानकारी दी कि केंद्र सरकार ने छात्रों को अब एक ही विश्वविद्यालय से या अलग-अलग संस्थानों से समान स्तर के दो पूर्णकालिक डिग्री कार्यक्रमों में एक साथ प्रत्यक्ष तरकी से पढ़ाई करने की अनुमति देने का फैसला किया है। कुमार ने बताया कि आयोग जल्द ही इस बारे में विस्तृत दिशानिर्देश जारी करेगा और शिक्षण सत्र 2022-23 से छात्रों को यह विकल्प मिल सकेगा।

कुमार ने बताया कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (New Education Policy) में की गई घोषणा के अनुसार यूजीसी छात्रों को विविध कौशल प्राप्त करने देने के लिए नए दिशानिर्देश ला रहा है जिसमें किसी अभ्यर्थी को एक साथ प्रत्यक्ष तरीके से दो डिग्री कार्यक्रम की पढ़ाई करने की अनुमति दी जाएगी। डिग्री कार्यक्रम या तो एक ही विश्वविद्याल से या अलग-अलग विश्वविद्यालय से किया जा सकता है। 

यूजीसी अध्यक्ष ने कहा कि छात्रों को फिजिकल मोड और ऑनलाइन मोड से भी एक साथ दो डिग्री कार्यक्रमों में पढ़ाई करने की अनुमति दी जाएगी। यूजीसी लंबे समय से इस तरह की योजना बना रहा था लेकिन उसे इसके लिए 2020 में मंजूरी मिली थी। आयोग ने 2012 में भी इस विचार पर अध्ययन के लिए समिति बनाई थी और विचार विमर्श किया था लेकिन अंतत: इस विचार को छोड़ दिया गया था। 

उन्होंने संवाददाताओं को बताया कि छात्रों द्वारा एक ही समय पर अपनाए गए दो कार्यक्रम एक स्तर के होने चाहिए। उदाहरण के लिए वे दो स्नातक या दो स्नातकोत्तर या दो डिप्लोमा पाठ्यक्रम एक साथ कर सकते हैं।  

वही कई शिक्षाविद इस फैसले की आलोचना कर रहे हैं। उनका दावा है कि पूर्णकालिक डिग्री कार्यक्रम में विषय पर पूरा ध्यान बनाए रखने की आवश्यकता होती है। दिल्ली विश्वविद्यालय की प्रोफेसर आभा देव हबीब ने हा कि डिग्री हो या नौकरी जब पूर्णकालिक हो तो इसका मतलब है कि व्यक्ति की पूरी एकाग्रता उसी पर होनी चाहिए। एक छात्र को एक डिग्री में अतिरिक्त क्रेडिट अर्जित करने की अनुमति देना एक बात है और उन्हें एक अतिरिक्त डिग्री अर्जित करने देना अलग चीज है। यह फैसला सिर्फ हमारे डिग्री कार्यक्रमों की गुणवत्ता को कमजोर करेगा।

वहीं दिल्ली विश्वविद्यालय के ही प्रोफेसर राजेश झा ने कहा कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग मान रहा है कि छात्र सुपरह्यूमन हैं या ऐसा व्यक्ति है जो 24 घंटे अध्यययन कर सकता है। उन्होंने कहा कि दो डिग्री कार्यक्रमों की पेशकश करके आप ऑनर्स पाठ्यक्रम को कमतर कर रहे हैं। ऑनर्स पाठ्यक्रमों का मूल दर्श छात्रों को व्यापक, गहन और उन्नत ज्ञान प्रदान करना है और यहां तक कि ऑनर्स पाठ्यक्रमों के तहत भी छात्र संकाय केंद्रित पाठ्यक्रमों का विकल्प चुन सकते हैं।  

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