'क्या फायदा ऐसी डिग्री का जो एक नौकरी न दिला सकी-आधी उम्र निकल गई' डिग्रियां जला कन्नौज के बेरोजगार युवक ने की आत्महत्या

बृजेश पाल ने मौत से पहले जो सुसाइड नोट छोड़ा है वह लाखों-लाख नौकरियों का दावा करती मोदी-योगी सरकार की नाकामियों की पोल खोलकर रख देता है क्योंकि ‘सुसाइड नोट’ में ब्रजेश पाल ने अपनी आत्महत्या करने का कारण बेरोजगारी बताया है....

Update: 2024-02-24 06:55 GMT

Kannauj News : यह जो हैडिंग लिखी गयी है, वह किसी नाटक या कहानी की लाइन नहीं बल्कि एक बेरोजगार युवा का दर्द है, जो उसने आत्महत्या करने से पहले अपने सुसाइड नोट में उकेरा है और डिग्रियों को आग के हवाले कर दिया। यह मामला ठीक यूपी पुलिस पेपरलीक के बाद सामने आया है। गौरतल है कि पिछले शनिवार और रविवार को पुलिस भर्ती की परीक्षा आयोजित की गयी थी, जिसमें कई जगहों से पेपर लीक होने की खबरें सामने आयीं।

आरोप है कि इसी के बाद कन्नौज जिले के बेरोजगार युवा बृजेश पाल ने पेपरलीक होने की खबर के बाद आत्महत्या कर ली है। यह मामला कन्नौज जनपद के सदर कोतवाली क्षेत्र के भूड पुरवा गांव का है। बृजेश ने सुसाइड करने से अपने एक नोट भी छोड़ा है और युवक ने आत्महत्या से पहले एक सुसाइड नोट भी लिखा है, जो बेहद ही मार्मिक है। युवक ने आत्महत्या से पहले अपनी सारी डिग्रियों को यह कहते हुए जला दिया है कि आखिर ऐसी डिग्री का क्या फायदा, जो एक नौकरी न दिला सकी।

इस मामले की जांच कर रहे कोतवाली प्रभारी विष्णु कांत तिवारी कहते हैं, पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। बृजेश के सुसाइड नोट में लिखी तारीख से पता चलता है कि यह मामला 22 फरवरी का है।

बृजेश का सुसाइड नोट, सरकार की नाकामी की खोलता है पोल

बृजेश पाल ने मौत से पहले जो सुसाइड नोट छोड़ा है वह लाखों-लाख नौकरियों का दावा करती मोदी-योगी सरकार की नाकामियों की पोल खोलकर रख देता है क्योंकि ‘सुसाइड नोट’ में ब्रजेश पाल ने अपनी आत्महत्या करने का कारण बेरोजगारी बताया है।

युवक ने सुसाइड नोट में लिखा है कि 'मेरे माता पिता मुझको माफ कर देना, मैं आपको धोखा देने जा रहा हूं। मेरी मौत के बाद किसी को परेशान न किया जाये। मैं अपनी मौत का खुद जिम्मेवार हूं। मैं अब और जीना नहीं चाहता हू्ं। हमें किसी प्रकार की कोई तकलीफ नहीं थी। बस हमारा मन भर गया है और आज मैं सबका साथ न छोड़ने जा रहा हूं, हो सके तो हमको माफ कर देना।'


बृजेश ने आगे लिखा है, 'आज का दिन हमारे लिए आखिरी है। आज हमने अपनी मां के साथ खाना खाया और हम अपने मां-बाप को धोखा देने जा रहे हैं। पापा का ख्याल रखना और बोल देना हमारा तुम्हारा इतना ही साथ था। संगीता की शादी अच्छे से करना भले ही हम नहीं हैं। हमने B.Sc. के सारे कागज जला दिये हैं। क्या फायदा ऐसी डिग्री का जो एक नौकरी न दिला सकी। हमारी आधी उम्र पढ़ते-पढ़ते निकल गई, इसलिए हमारा मन भर गया है।'

युवा हल्लाबोल ने सरकार की नीतियों पर उठाया सवाल

युवा हल्लाबोल के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष गोविंद मिश्रा कहते हैं, 'बेरोज़गारी के कारण आत्महत्या करने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। इसके भयावह आकड़े व उदाहरण हर रोज़ सामने आ रहे हैं। आकड़ों पर भरोसा ना हो तो बृजेश पाल के इस आख़िरी पत्र को पढ़ लीजिए। वैसे किसी भी युवा को हताशा में ऐसा कदम बिल्कुल भी नहीं उठाना है। आप कभी भी इस तरह के निराशा में हों तो युवा हल्ला बोल के हेल्पलाइन नंबर पर 24*7 कभी भी फ़ोन कर सकते हैं। हम मिलकर आपकी समस्या से लड़ेंगे और ज़रूर कोई न कोई हल निकाल लेंगे। NCRB के आकड़ों पर विचार करे सरकार। अपनी नीति और राजनीति में युवाओं के असल मुद्दों पर काम करे सरकार।'

अखिलेश हुए योगी सरकार पर हमलावर

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव बृजेश पाल की हत्या पर सवाल उठाते हुए योगी—मोदी की डबल इंजन सरकार को जमकर लताड़ा है। अखिलेश यादव ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर लिखा है, 'ये एक बेहद दुखद खबर है कि बेरोजगारी की त्रासदी से निराश होकर कन्नौज में एक युवा बृजेश पाल ने फांसी लगाकर जान दे दी और और ऐसा करने से पहले उसने अपनी सारी डिग्रियां जला डालीं। जीवन देना कोई समाधान नहीं होता, संघर्ष ही समाधान का रास्ता निकालता है। भाजपा सरकार में नौकरी की उम्मीद बेमानी है। जो भाजपा अपनी सरकार बनाने के लिए हर हथकंडा अपनाती है, वो नौकरी देने के नाम पर क्यों मुकर जाती है।'

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