विश्व भारती विज्ञान विभाग के एचओडी ने आखिर क्यों कहा, 'हम शिक्षक हैं, चौकीदार नहीं?'
विश्व भारती के विभिन्न विभागों में आने-जाने वालों की जानकारी रखने के मामले में भड़के साइंस विभाग के अध्यक्ष, कहा- शिक्षक हैं, चौकीदार नहीं
जनज्वार कोलकाता। शांति निकेतन स्थित देश का प्राचीन विश्वविद्यालय विश्व भारती एकबार फिर चर्चा में है। वो भी विश्व भारती प्राधिकरण के आदेश को लेकर। जिस पर यूनिवर्सिटी के विज्ञान विभाग के प्रमुख ने आपत्ति जताते हुए कहा कि वो शिक्षक हैं, चौकीदार नहीं। खबर है कि साइंस डिपार्टमेंट के एचओडी ने अपने पद से इस्तीफा तक देने की बात कही है। जिसके बाद यूनिवर्सिटी प्रबंधन आदेश पर फिर से विचार करने की बात कर उन्हें नौकरी नहीं छोड़ने को कहा है। हालांकि, विश्व भारती प्राधिकरण की ओऱ से पूरे मामले पर किसी तरह की टिप्पणी नहीं की गयी है।
दरअसल, विश्व भारती प्राधिकरण की ओर से यूनिर्सिटी के विभिन्न भवनों और स्कूलों में प्रवेश को लेकर ये आदेश जारी किया गया था। इस मौखिक आदेश में कहा गया था कि सभी विभाग के प्रमुख इस बात निगरानी रखेंगे कि भवनों कौन प्रवेश कर रहा है, कौन नहीं। जिसके बाद कुछ विभागों के प्रमुख ने आपत्ति जताई। विज्ञान के एचओडी ने इस आदेश का ये कहकर विरोध किया कि वो लोग शिक्षक हैं, चौकीदार नहीं। पहरा रखना उनका काम नहीं है।
मिली जानकारी के मुताबिक, ये विभिन्न विभागों के एचओडी को अपने विभाग में प्रवेश को नियंत्रित रखने का ये मौखिक आदेश, केमेस्ट्री डिपार्टमेंट में पानी के एक पाइप की चोरी के बाद मिला है। वहीं कुछ दिनों पहले विभाग का एक वाश बेसिन भी टूटा पाया गया था। लेकिन विभागों के प्रमुख ने इस पर आपत्ति जताई है।
बता दें कि बुधवार 30 जून को वीसी विद्युत चक्रवर्ती ने विभाग का दौरा किया था औऱ शिक्षा भवन के गेट को बंद रखने को कहा। इसके दूसरे दिन गुरुवार एक जुलाई को भी वीसी चक्रवर्ती ने शिक्षा भवन के प्रिंसिपल और विज्ञान विभाग के एचओडी ताराप्रसाद चट्टोप्पाधाय को गेट बंद रखने को लेकर निर्देश दिये। साथ ही कहा कि सभी विभागों के प्रमुख को इसकी जानकारी दें कि उन्हें अपने संबंधित विभाग में कौन आ रहा है, कौन जा रहा है, इसकी जानकारी रखनी होगी। और समय-समय पर रजिस्ट्रार को इसकी रिपोर्ट देनी होगी।
एक अंग्रेजी पेपर के मुताबिक, इस आदेश के बाद शुक्रवार तीन जुलाई को शिक्षा भवन, विद्या भवन और भाषा भवन के गेट बंद रहे। एकबार में दो लोगों को ही जाने की इजाजत दी गयी। जबकि तीसरे को गेट के बाहर इंतजार करना पड़ा। दूसरे के निकलने के बाद तीसरे शख्स को भवन में प्रवेश की इजाजत मिली। वही किसी भवन में प्रवेश से पहले संबंधित विभाग के एचओडी को इसकी जानकारी दी गयी। उनके स्वीकृति के बाद सिक्योरिटी ऑफिसर को प्रवेश को लेकर सूचित किया गया, तब प्रवेश की अनुमति मिली। बताया जा रहा है कि लोगों के आने-जाने को लेकर एक रजिस्टर भी मेंटेन किया जा रहा है।
ऐसा पहली नहीं है कि विश्व भारती प्राधिकरण अपने किसी आदेश को लेकर चर्चा में रहा हो। इससे पहले विश्व भारती प्रबंधन के एक फरमान ने यहां के कर्मचारियों की बेचैनी बढ़ा दी थी। जिसमें विश्व भारती ऑथोरिटी ने अपने प्रोफेसर औऱ स्टॉफ से बगैर यूनिवर्सिटी को जानकारी दिये किसी भी तरह की शिकायत कहीं बाहर नहीं करने को कहा था। साथ ही ऐसा करने पर शिकायतकर्ता के खिलाफ कार्रवाई की बात कही गयी थी।