Environment More Important Than Civil Rights : आपके नागरिक अधिकारों से ज्यादा महत्वपूर्ण है पर्यावरण- सुप्रीम कोर्ट

Environment More Important Than Civil Rights : अदालत पंजाब भूमि संरक्षण अधिनियम 199 के तहत उन दलीलों पर सुनवाई कर रही थी जिनमें वन और गैर वन भूमि से जुड़ा मुद्दा उठाया गया था.......

Update: 2022-03-31 13:46 GMT

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Environment More Important Than Civil Rights : सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) ने मंगलवार को मौखिक रूप से टिप्पणी करते हुए कहा कि पर्यावरण (Environment) आपके नागरिक अधिकारों से ज्यादा महत्वपूर्ण है। आपके नागरिक अधिकार पर्यावरण के अधीन हैं। एक जंगल हमेशा एक जंगल होता है जब तक कि उसे डीनोटिफाइड (अधिसूचित) नहीं किया जाता है। यह बात वन संरक्षण अधिनियम 1980 (Forest Conservation Act 1980) भी कहता है।

'जनता के विश्वास के सिद्धांत' को रेखांकित करते हुए अदालत ने आगे कहा कि इस अदालत की व्याख्या की वजह से ही वन आवरण (Forest Cover) बढ़ रहा है।

न्यायमूर्ति ए.एम. खानविलकर, न्यायमूर्ति ए.एस.ओका और न्यायमूर्टी सीटी रविकुमार की पीठ पंजाब भूमि संरक्षण अधिनियम 199 के तहत  उन दलीलों पर सुनवाई कर रही थी जिनमें वन और गैर वन भूमि से जुड़ा मुद्दा उठाया गया था। 

एनजीटी द्वारा पारित आदेश में इसने सभी गैर वन गतिविधियों पर रोक लगा दी थी जो कि 1990 के पंजाब भूमि संरक्षण अधिनियम के नियम 4 के तहत अधिसूचित है।  सर्वोच्च न्यायालय ने अपील पर नोटिस जारी किया और अपीलकर्ताओं को अपने व्यवसाय को जारी रखने की अनुमति दी थी। 

वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह की प्रस्तुतियों के बाद न्यायमूर्ति ए.ए. खानविलकर ने कहा कि पर्यावरण आपके नागरिक अधिकारों से ज्यादा महत्वपूर्ण है। आपके नागरिक अधिकार पर्यावरण के अधीन हैं। एक जंगल हमेशा जंगल होता है जब तक कि इसे डीनोटिफाइड नहीं किया जाता है। यह वन संरक्षण अधिनियम भी कहता है। 

उन्होंने आगे कहा, यह टाउन प्लानिंग स्कीम के तहत एक रिजर्वेशन नहीं है। टाउन प्लानिंग एक मैटरियलिस्टिक (भौतिकवादी) अप्रोच है। यह एक अलग स्कीम है, यह एनवायरोनमेंटल अप्रोच है। पर्यावरण सभी पर हावी होना चाहिए..35 (भारतीय वन अधिनियम) लागू किया जाता है क्योंकि हर कोई महसूस करता है कि इस क्षेत्र को संरक्षित किए जाने की आवश्यकता है। निजी हो या सरकारी जमीन, सबकुछ इस अधिसूचना के तहत कवर किया गया है।

 उन्होंने आगे कहा, वन परिभाषित नहीं है। इसलिए इसे आम बोलचाल में समझना होगा कि इस क्षेत्र को वन क्षेत्र के रूप में समझा गया है और आने वाले समय के लिए वन संरक्षण के लिए ऐसा होना चाहिए।  

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