चंपावत में नेपाली मजदूर गुलदार के हमले घायल और मार्निंग वॉक पर निकले अधेड़ को ततैयों ने किया बुरी तरह जख्मी

चम्पावत जिले में गुलदार के हमले में एक साल में दो महिलाओं की मौत हो चुकी है, जबकि पांच लोग जख्मी भी हुए हैं। मवेशियों पर हमले के 276 मामले दर्ज हैं....

Update: 2022-12-05 13:11 GMT

प्रतीकात्मक फोटो

Champawat news : राज्य के अन्य जनपदों की तरह चम्पावत जिले में भी गुलदार का आतंक बढ़ने लगा है। चम्पावत नगर से करीब 20 किमी दूर सिप्टी में सड़क के पास गुलदार ने हमला कर एक नेपाली मजदूर को जख्मी कर दिया तो दूसरी घटना में मॉर्निंग वॉक पर निकले एक बुजुर्ग पर के झुण्ड ने हमला कर घायल कर दिया है। राहत की बात यह है कि हमले की जद में आए घायल दोनों लोगों के जीवन का कोई खतरा नहीं है।

गुलदार के हमले की घटना चम्पावत नगर से बीस किमी. दूरी पर सिप्टी क्षेत्र में सिप्टी-सैंदर्क सड़क से करीब 100 मीटर की दूरी पर जंतोला में उस समय हुई जब यह मजदूर काम करने जा रहे थे। तभी एक गुलदार ने डडेलधूरा नेपाल निवासी मजदूर गणेश बिष्ट (53) पर हमला बोल दिया। वह अन्य मजदूरों से करीब 15 मीटर आगे जा रहा था। सिर पर हुए गुलदार के हमले से घायल मजदूर पेट के बल गिर गया। इसके बावजूद उसने बहादुरी से गुलदार का सामना किया। इस बीच दूसरे मजदूरों ने शोर मचाया। वीरभद्र और वीरेंद्र ने फावड़े-बेलचे दिखाकर गुलदार को भगाया। इससे गुलदार गणेश को छोड़ कर भाग गया, जबकि मॉर्निंग वॉक पर गए अधेड़ पर ततैयों के झुंड ने जिले के टनकपुर में हमला कर दिया, जिस कारण वह बुरी तरह घायल हो गया। अधेड़ को उपचार के लिए अस्पताल लाया गया। जहां उसका उपचार किया जा रहा है।

जानकारी के मुताबिक विष्णुपुरी कॉलोनी निवासी चक्रपाणी ओली पुत्र जय दत्त ओली मॉर्निंग वॉक पर निकले थे। तभी रोडवेज स्टेशन के पास ततैयों के झुंड ने उन पर हमला कर दिया। एक साथ झुंड में हमला करने से अधेड़ बुरी तरह घायल हो गया। अधेड़ के चिल्लाने पर वहां मौजूद लोगों में भी हड़कंप मच गया। किसी तरह ततैयों से बचते हुए स्थानीय लोगों ने अधेड़ को तुरंत निजी वाहन के जरिए उपजिला अस्पताल पहुंचाया।

डॉ. आफताब आलम ने बताया कि मरीज को प्राथमिक उपचार दिया गया है। फिलहाल उनकी हालत ठीक है। दूसरी ओर गुलदार के हमले में घायल की बाबत वन दरोगा संजय त्रिपाठी ने बताया कि मजदूर की हालत खतरे से बाहर है।

ट्रेंकुलाइजर गन लेकर पहुंचा विशेषज्ञ दल

जिले में गुलदार की दस्तक से सिप्टी क्षेत्र के लोग दहशत में हैं। वन विभाग ने गुलदार को पकड़ने के लिए वनकर्मियों की क्षेत्र में गश्त बढ़ा दी है। सिप्टी क्षेत्र में पिछले सप्ताह पिंजरा लगाया गया था, लेकिन गुलदार पिंजरे में नहीं फंस पाया है। अब वन विभाग इस गुलदार को पकड़ने के लिए दूसरे उपाय कर रहा है। डीएफओ आरसी कांडपाल ने बताया कि अब ट्रेंकुलाइजर गन का सहारा लिया जाएगा। इसके लिए रानीबाग से विशेषज्ञ डॉ. हिमांशु पांगती के नेतृत्व में वन विभाग की चम्पावत पहुंच गई है।

गुलदार के हमले में एक साल में 2 महिलाओं की मौत, 5 लोग जख्मी 

जिला चम्पावत के सिप्टी समेत सूखीढांग, बड़ोली, बाराकोट आदि क्षेत्र में इन दिनों गुलदार की दहशत से ग्रामीण आतंक के साए में जीने को अभिशप्त हैं। सिप्टी-अमकड़िया सड़क के आसपास 24 नवंबर से गुलदार नजर आ रहा है। पीएलवी गोविंद सिंह के प्रयास के बाद वन विभाग ने वहां पिंजरा लगाया लेकिन गुलदार नहीं पकड़ा जा सका। बाराकोट, सूखीढांग क्षेत्र में पिछले महीने नवंबर में ही दो बार बाइक सवारों पर गुलदार झपट चुका है।

चम्पावत जिले में गुलदार के हमले में एक साल में दो महिलाओं की मौत हो चुकी है, जबकि पांच लोग जख्मी भी हुए हैं। मवेशियों पर हमले के 276 मामले दर्ज हैं। वन विभाग के आंकड़ों के अनुसार जिले में 76 गुलदार हैं लेकिन इनमें से अभी तक किसी को भी नरभक्षी घोषित नहीं किया गया है।

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