तपोवन विष्णुगाड़ तपोवन विद्युत परियोजना सहित सभी निर्माण कार्य पर रोक, जोशीमठ औली रोपवे हुआ बंद, 43 परिवारों ने ली शिविरों में शरण

चमोली जिले का जोशीमठ शहर पिछले एक साल से लगातार भूधंसाव की चपेट में है। भूस्खलन की कच्ची मिट्टी पर बसे जोशीमठ शहर में एनटीपीसी की तपोवन विष्णुगाड जल विद्युत परियोजना शुरू होने के बाद परियोजना व अन्य निर्माण कार्यों के चल रहे निर्माण कार्यों के चलते जोशीमठ शहर में भूगर्भीय परिवर्तन के कारण शहर का धंसाव शुरू हो गया था

Update: 2023-01-05 16:16 GMT

मकान और जमीनों में भारी दरारों के बाद अब जोशीमठ में हाइटेंशन तारों के खंभे हुए तिरछे, एक कदम और बढ़ा खतरा

देहरादून। चमोली जिले के जोशीमठ में हो रहे भू धंसाव पर खतरे की घंटी बजने के बाद जागी राज्य सरकार ने एनटीपीसी तपोवन विष्णुगाड जल विद्युत परियोजना के चल रहे निर्माण कार्यों के साथ ही नगरपालिका जोशीमठ के दायरे में आने वाले सभी निर्माण कार्यो पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाते हुए जोशीमठ-औली रोपवे का संचालन भी अग्रिम आदेशों तक रोक दिया है। तबाही के मुहाने पर पहुंच चुके उस जोशीमठ को बचाने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार की शाम एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक भी आयोजित की है, जिस जोशीमठ की समस्या के लिए मिलने गए शिष्टमंडल को गुजरे सप्ताह उन्होंने बमुश्किल चालीस सेकंड का समय देकर उनकी आधी अधूरी ही बात सुनी थी।

जैसा की मालूम ही है कि चमोली जिले का जोशीमठ शहर पिछले एक साल से लगातार भूधंसाव की चपेट में है। भूस्खलन की कच्ची मिट्टी पर बसे जोशीमठ शहर में एनटीपीसी की तपोवन विष्णुगाड जल विद्युत परियोजना शुरू होने के बाद परियोजना व अन्य निर्माण कार्यों के चल रहे निर्माण कार्यों के चलते जोशीमठ शहर में भूगर्भीय परिवर्तन के कारण शहर का धंसाव शुरू हो गया था। शहर के चिंतित तमाम लोग बीते लंबे समय से जोशीमठ को बचाए जाने की मुहिम चला रहे थे। लेकिन सरकार ने इस तरफ से आंखे ही मूंद रखी थीं। लेकिन अब जब जोशीमठ की तबाही तय हो ही चुकी थी, तब जाकर सरकार नींद से जागी।

जिसके चलते जोशीमठ में हो रहे भूधसाव को लेकर कल शुक्रवार 6 जनवरी को शाम छः बजे सचिवालय स्थित अब्दुल कलाम भवन के चतुर्थ तल पर एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई की गई है। खुद मुख्यमंत्री इस समीक्षा बैठक में तो शामिल होंगे ही उनके साथ बैठक में मुख्य सचिव, सचिव आपदा प्रबंधन, सचिव सिंचाई, पुलिस महानिदेशक, आयुक्त गढवाल मण्डल, पुलिस महानिरीक्षक एसडीआरएफ, जिलाधिकारी चमोली भी मौजूद रहेंगे। जो अधिकारी मुख्यालय में उपस्थित हैं वह खुद मौजूद रहकर और जो अन्य अधिकारी मुख्यालय से बाहर हैं वह वीडियो कान्फ्रेंन्सिंग के माध्यम से इस बैठक में जुड़ेंगे। इस बैठक से एक दिन पूर्व ही जोशीमठ में भूधंसाव की समस्या के चलते जिला प्रशासन ने बीआरओ के अन्तर्गत निर्मित हेलंग वाई पास निर्माण कार्य, एनटीपीसी तपोवन विष्णुगाड जल विद्युत परियोजना के अन्तर्गत निर्माण कार्य एवं नगरपालिका क्षेत्रान्तर्गत निर्माण कार्यो पर अग्रिम आदेशों तक तत्काल प्रभाव से रोक लगाते हुए जोशीमठ-औली रोपवे का संचालन भी अग्रिम आदेशों तक रोक दिया है।

अधिकारियों की टीम ने जोशीमठ में डाला डेरा

जोशीमठ के अस्तित्व का सवाल बन चुकी इस समस्या के निदान के लिए जहां पूर्व में जिलाधिकारी चमोली तक जोशीमठ जाने को तैयार नहीं हो रहे थे, सरकार की नजर बदलते ही अब गढवाल कमिश्नर सुशील कुमार सहित पूरी सरकार जोशीमठ में उतरने को तैयार है। गढ़वाल कमिश्नर के अलावा बृहस्पतिवार को ही आपदा प्रबंधन सचिव रन्जीत कुमार सिन्हा, आपदा प्रबंधन के अधिशासी अधिकारी पीयूष रौतेला, एनडीआरएफ के डिप्टी कमांडेंट रोहितास मिश्रा, भूस्खलन न्यूनीकरण केन्द्र के वैज्ञानिक सांतुन सरकार, आईआईटी रूडकी के प्रोफेसर डा.बीके माहेश्वरी सहित तकनीकी विशेषज्ञों की पूरी टीम भी जोशीमठ पहुंच गई है। गढवाल कमिश्नर एवं आपदा प्रबंधन सचिव ने तहसील जोशीमठ में अधिकारियों की बैठक में स्थिति की समीक्षा की गई। विशेषज्ञों की टीम द्वारा प्रभावित क्षेत्रों का विस्तृत सर्वेक्षण किया जा रहा है।

43 परिवारों ने छोड़ा अपना घर

जोशीमठ नगर क्षेत्र से 43 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर अस्थायी रूप से शिफ्ट कर लिया गया है। जिसमें से 38 परिवार को प्रशासन ने जबकि पांच परिवार स्वयं सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट हो गए है। भूधसाव बढने से खतरे की जद में आए भवनों को चिन्हित करने के साथ ही राहत शिविरों में बिजली, पानी, भोजन, शौचालय एवं अन्य मूलभूत व्यवस्थाओं के लिए नोडल अधिकारी बना दिए गए हैं। प्रभावित परिवारों को शिफ्ट करने के लिए जिला प्रशासन ने एनटीपीसी व एचसीसी कंपनियों को एहतियातन अग्रिम रुप से 2-2 हजार प्री-फेब्रिकेटेड भवन तैयार कराने के आदेश जारी किए है। जबकि प्रभावित परिवारों के अस्थाई तौर पर रहने के लिए नगरपालिका, ब्लाक, बीकेटीसी गेस्ट हाउस, जीआईसी, गुरुद्वारा, इंटर कालेज, आईटीआई तपोवन सहित अन्य सुरक्षित स्थानों पर रहने की व्यवस्था की जा रही है।

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