Landslide In Uttarakhand : रुद्रप्रयाग-चमोली जिले की सीमा पर हुआ खतरनाक भू-स्खलन, खौफनाक वीडियो देखकर अटकी सांसें

Landslide In Uttarakhand : सारी ग्राम पंचायत के झालीमठ गांव में सुबह के समय पूरे गांव की दिनचर्या सामान्य रूप से चल रही थी, इसी दौरान गांव के पिछले हिस्से की तरफ बहने वाले गधेरे से सटी पहाड़ी पर भूस्खलन शुरू हो गया....

Update: 2022-03-01 09:29 GMT

 (रुद्रप्रयाग-चमोली जिले की सीमा पर हुआ खतरनाक भू-स्खलन)

Landslide In Uttarakhand : उत्तराखण्ड के रुद्रप्रयाग-चमोली जिले (Rudraprayag-Chamoli Border) की सीमा पर ग्राम पंचायत सारी के राजस्व गांव झालीमठ के पिछले हिस्से में कावेरी गधेरे पर हुए एक खतरनाक भूस्खलन (Landslide) देखकर ग्रामीणों के होश उड़ गए। भयानक भूस्खलन को देखकर लोगों के रोंगटे खड़े हो गए। अचानक हुए इस भूस्खलन से पहले कुछ देर तक तो ग्रामीणों को कुछ नहीं सूझा लेकिन जैसे ही ग्रामीणों को भूस्खलन की गंभीरता का एहसास हुआ तो दहशतजदा ग्रामीणों ने किसी तरह मौके से भागकर अपनी जान बचाई। भूस्खलन होने से गांव के 22 परिवार डर के साये में हैं। इस खतरनाक भूस्खलन से सारी-झालीमठ गांव का पूरा क्षेत्र खतरे की जद में आ गया है।

सारी ग्राम पंचायत के झालीमठ गांव (Jhalimath Village) में सुबह के समय पूरे गांव की दिनचर्या सामान्य रूप से चल रही थी। इसी दौरान गांव के पिछले हिस्से की तरफ बहने वाले गधेरे से सटी पहाड़ी पर भूस्खलन शुरू हो गया। इससे पहले की कोई कुछ समझ पाता ग्रामीणों की आंखों के सामने देखते ही देखते पूरे का पूरा पहाड़ भरभराकर गिरते हुए गधेरे में समा गया। अचानक हुए इस भूस्खलन से ग्रामीणों में खौफ पसर गया। मौके पर मौजूद ग्रामीणों ने किसी तरह घटनास्थल से भागकर अपनी जान बचाई।

इस भूस्खलन से हरेंद्र कुमार व वीरेंद्र कुमार की दो गौशालाएं, दो शौचालय मलवे के साथ गधेरे में समा गए। भूस्खलन के चलते कुछ आवासीय भवनों में जगह-जगह दरारें पड़ गयी। भूस्खलन की वजह से हटी मिट्टी से खाली हुई जगह से कई भवनों की बुनियाद हिल गयी। आस-पास के दर्जन भर आवासीय मकानों को भी भूस्खलन के बाद खतरा बना हुआ है। गांव में हुए भूस्खलन के बाद नौ परिवारों के 67 लोगों ने रिश्तेदारों व दो परिवारों ने स्कूल में शरण ली।

ग्राम पंचायत सारी के राजस्व ग्राम झालीमठ के ठीक पीछे कावेरी गदेरे की ओर अचानक हुए इस भूस्खलन से ग्रामीणों में अफरा-तफरी मच गई। ग्रामीणों ने सुरक्षित स्थानों पर भागकर बमुश्किल जान बचाई। ग्रामीण कुछ समझ पाते, तब तक दो गोशाला व दो शौचालय भरभराकर मलबे के साथ कावेरी गदेरे में समा गए। जब तक ग्रामीण कुछ समझ पाते, तब तक दो गोशाला व दो शौचालय भरभराकर मलबे के साथ सीधे कावेरी गदेरे में समा गए। साथ ही दो आवासीय मकानों पर जगह-जगह दरारें पड़ गई। भूस्खलन के असर से दोनों मकानों की बुनियाद पूरी तरह से हिल चुकी है।

साथ ही आसपास के नौ और आवासीय मकानों को भी खतरा पैदा हो गया है, जिससे ग्रामीणों में भय बना हुआ है। दो आवासीय भवनों का मौके पर ढांचा ही खड़ा रह गया है। इन भवनों में रहने वाले परिवारों ने सुरक्षा के लिहाज से गांव के ही विद्यालय में शरण ली हुई है। जबकि बीरेश चंद्र, उमेश चंद्र, रमेश चंद्र, दिनेश, प्रेम लाल, धीरज लाल सहित जिन 9 लोगों के मकानों के लिए खतरा पैदा हुआ है, इन सभी परिवारों के 67 लोगों ने गांव में ही अपने रिश्तेदारों के यहां शरण ली हुई है। गांव के नंदलाल, दर्शन लाल, प्रेम लाल, धीरज लाल के साथ ही 22 परिवार खतरे की जद में आ गए हैं।

घटना की सूचना जिला प्रशासन तक पहुंचने के बाद तहसीलदार व आपदा प्रबंधन की टीम मौके पर पहुंच चुकी है। आपदा प्रबंधन की टीम ग्रामीणों के घरों से सामान निकाल रही है और ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर ठहराया जा रहा है। ग्रामीणों के अनुसार कावेरी गाड गधेरा चमोली और रुद्रप्रयाग जिले की सीमा का विभाजन बिंदु है। दाई तरफ पहाड़ी से वर्षों से हल्का भूस्खलन होता आ रहा है। पूर्व में सुरक्षा के लिए दीवारें भी लगाई गई थी, लेकिन इस बार भूस्खलन का दायरा अचानक बढ़ गया है।

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