दुधवा रिजर्व में 19 दिनों केअंदर बाघ के हमले में गयी तीसरी जान, मवेशी चराने गये युवक को बनाया निशाना
अवधेश मवेशी को चराने के दौरान एक तालाब के पास बैठा था, तभी बाघ ने अचानक उस पर हमला कर दिया, उसके चिल्लाने की आवाज सुनकर दूसरे मवेशी चराने वाले उसकी मदद के लिए दौड़े, शोर मचाते हुए बाघ पर पत्थर फेंके, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी...
लखीमपुर खीरी। दुधवा टाइगर रिजर्व (डीटीआर) के मध्यवर्ती जंगलों से सटे एक गांव में मवेशियों को चराने निकला 32 वर्षीय व्यक्ति बाघ के हमले का शिकार हो गया। इस महीने बाघ के हमले का शिकार होने वाला अवधेश यादव तीसरा पीड़ित है।
इससे पहले दुधवा के सिंगाही फॉरेस्ट रेंज के पास मझरा पुरव गांव का एक 60 वर्षीय व्यक्ति भी जानवर के हमले का शिकार हो गया था।
डिविजनल फॉरेस्ट ऑफिसर (बफर) अनिल पटेल ने यादव का शव पाए जाने वाले स्थान पर एक बाघ के पैरों के निशान की पुष्टि की। चोटों की प्रकृति भी एक बाघ के हमले की ओर इशारा करती है।
उन्होंने आगे कहा, "हम क्षेत्र में आवारा बाघों की संख्या की पहचान करने की कोशिश कर रहे हैं। बाघों की एक जोड़ी या शावकों के साथ एक बाघिन इन हमलों के लिए जिम्मेदार हो सकती है। साथ ही उन्होंने कहा कि गांववालों ने क्षेत्र में एक बाघिन को अपने शावकों के साथ देखा था।"
प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि यादव मवेशी को चराने के दौरान एक तालाब के पास बैठा था, तभी एक बाघ ने अचानक उस पर हमला कर दिया। उसके चिल्लाने की आवाज सुनकर दूसरे मवेशी चराने वाले उसकी मदद के लिए दौड़े, शोर मचाते हुए बाघ पर पत्थर फेंके, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। यादव ने पहले ही दम तोड़ दिया था।
पहले भी बाघ दो पीड़ितों को जंगल में घसीट कर ले गए थे और बाद में उनकी भी आधी-अधूरी लाशें बरामद हुयी थीं।