झारखंड में नए विधानसभा व हाईकोर्ट भवन पर एनजीटी ने लगाया 113 करोड़ का जुर्माना
एनजीटी ने झारखंड में 19 अन्य भवनों के निर्माण को भी नियम विरुद्ध माना है, निर्माणाधीन भवनों में कार्य रोकने का आदेश दिया गया है...
जनज्वार। झारखंड में नए विधानसभा भवन, नए हाइकोर्ट भवन सहित अन्य सरकारी भवनों के निर्माण में पर्यावरणीय नियमों का उल्लंघन हुआ है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के पूर्वी बेंच कोलकाता ने विधानसभा भवन व हाइकोर्ट भवन निर्माण में नियमों के हुए उल्लंघन के लिए 113 करोड़ रुपये का जुमार्ना लगाया है। हाइकोर्ट भवन के लिए 66 करोड़ रुपये और विधानसभा भवन के लिए 47 करोड़ रुपये का भारी जुर्माना लगाया गया है।
एनजीटी ने इसके अलावा भी झारखंड में 19 अन्य भवनों के निर्माण को पर्यावरण के अनुकूल नहीं माना है और उन्हें चिह्नित किया है। इसमें रांची स्मार्ट सिटी भी शामिल है। इस संबंध में सरकार से कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी गई है।
इस मामले के याचिकाकर्ता आरके सिंह ने कहा है कि ट्रिब्यूनल ने केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड की ओर से जुर्माने की अनुशंसा को भी स्वीकार किया है। इस संबंध में आदेश की विस्तृत रिपोर्ट या काॅपी आने के बाद यह पता चलेगा कि इस हाइकोर्ट भवन व विधानसभा भवन पर लगाए गए जुर्माने की राशि कौन भरेगा। एनजीटी ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए हुई सुनवाई में यह आदेश दिया है।
इस मामले के याचिकाकर्ता आरके सिंह का कहना है कि एनजीटी ने यह माना है कि इन भवनों का निर्माण बिना पर्याप्त पर्यावरणीय स्वीकृति के हुआ औार नियमों का उल्लंघन किया गया है।
इस मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि विस्तृत आर्डर प्राप्त होने के बाद कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकारी भवनों का निर्माण नियमों के दायरे में होता है। सरकार गलत कार्याें को प्रोत्साहित नहीं करती है।
वहीं, निर्दलीय विधायक व पर्यावरण कार्यकर्ता सरयू राय ने ट्विटर पर लिखा है कि झारखंड में पर्यावरण स्वीकृति के बिना बने उच्च न्यायालय, विधानसभा व अन्य भवनों पर एनजीटी ने भारी जुर्माना लगाया है। उच्च न्यायालय भवन पर 66 करोड़ व विधानसभा भवन पर 47 करोड़ रुपये का जुर्माना कौन देगा। संवेदक, सरकारी अफसर या जनता के कर से बना राजकोष। उन्होंने याचिका के लिए पर्यावरणविद डाॅ आरके सिंह की प्रशंसा की है।
उन्होंने अपने एक अन्य ट्वीट में कहा है कि जुर्माना के साथ ही बिना पर्यावरण स्वीकृति के भवन बनाने वालों पर पर्यावरण संरक्षण अधिनियम के तहत आपराधिक मुकदमा भी दर्ज होगा, निर्माणाधीन भवनों के निर्माण पर रोक रहेगी। अनियमित व अधूरे विधानसभा भवन का निर्माण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कराने वाले क्या अपनी गलती मांनेगे।
मालूम हो कि विधानसभा भवन का उदघाटन रघुवर दास के शासनकाल में पूरा हुआ था और उसी समय उसका उदघाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कराया गया था।