10 जनवरी को आजमगढ़ एयरपोर्ट के खिलाफ खिरिया बाग में चल रहे आंदोलन के 3 माह पूरे होने पर पर्यावरण-कृषि संकट पर सम्मेलन होगा आयोजित

Khiriya bagh protest 3 Month complete : खिरिया बाग के आंदोलनकारियों ने कहा पर्यावरण-कृषि संकट पर सम्मेलन कर हम शासन-प्रशासन को बताएंगे कि कृषि-पर्यावरण अगर नहीं बचेगा तो देश ही नहीं दुनिया भी नहीं बच सकती...

Update: 2023-01-09 12:33 GMT

Khiriya bagh protest 3 Month complete : खिरिया बाग आंदोलन के तीन महीने पूरे होने पर 10 जनवरी को पर्यावरण-कृषि संकट पर सम्मेलन होगा। वरिष्ठ पर्यावरणविद और जलवायु विशेषज्ञ सौम्य दत्ता, पूर्व विधायक उत्तर प्रदेश किसान सभा महामंत्री राजेन्द्र यादव, किसान जागृति संगठन के अध्यक्ष दिल्ली किसान आंदोलन में शामिल हरियाणा-पंजाब के किसान नेता राजकुमार भारत, सीपीआई के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य डॉ गिरीश शर्मा, सीपीआई राज्य सचिव अरविंद राज स्वरूप, जय किसान आंदोलन के नेता रामजनम यादव, भारतीय किसान यूनियन के लक्ष्मण मौर्य, पूर्वांचल किसान यूनियन के अध्यक्ष योगिराज पटेल, विवेक यादव, संजीव सिंह, जन आंदोलन के राष्ट्रीय समन्वय के राज्य समन्वयक सुरेश राठौड़, बनारस वाले मिश्रा जी हरीश मिश्रा, अखिल भारतीय मजदूर-किसान सभा के नेता धर्मपाल सिंह सम्मेलन को संबोधित करेंगे।

जमीन-मकान बचाओ संयुक्त मोर्चा के संयोजक रामनयन यादव ने कहा कि पर्यावरण-कृषि संकट पर सम्मेलन कर हम शासन-प्रशासन को बताएंगे कि कृषि-पर्यावरण अगर नहीं बचेगा तो देश ही नहीं दुनिया भी नहीं बच सकती।

जन आंदोलन के राष्ट्रीय समन्वय के राष्ट्रीय समन्वयक किसान नेता राजीव यादव ने कहा कि सरकार अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा बनाने के लिए जमीनों का अधिग्रहण करना चाहती है जिससे पर्यावरण की बड़ी तबाही होगी और हवाई यातायात से कार्बन उत्सर्जन भी बहुत ज्यादा बढ़ेगा। लोगों के पुरखों की जमीनें-घर छिन जाएंगे। जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिए हाल ही में मिस्र देश के शर्म अल-शेख़ नामक स्थान पर आयोजित हुए CoP-27 जलवायु सम्मेलन में हिस्सा लेने वाले वरिष्ठ पर्यावरणविद और जलवायु विशेषज्ञ सौम्य दत्ता 10-11 जनवरी को खिरिया बाग में रहेंगे। पर्यावरण की वर्तमान स्थिति और CoP-27 की अपनी यात्रा के अनुभवों को साझा करेंगे और अपनी धरती को बचाने के मार्ग सुझाएंगे।

आंदोलन को विस्तार देने के लिए किसान नेता वीरेंद्र यादव, राजीव यादव के नेतृत्व में कप्तानगंज बाजार में संपर्क किया गया पर्चा वितरण हुआ। जमुआ गांव के बसन्ता राम के देहांत के बाद 89वें दिन धरना शोक सभा में तब्दील हो गया।

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