पलामू टाइगर रिजर्व के छह हिरणों की मालगाड़ी से कट कर मौत, एक गर्भवती भी शामिल, होगी कार्रवाई

पलामू टाइगर रिजर्व के अधिकारियों ने कहा है ट्रेन में ड्यूटी पर तैनात ड्राइवर व गार्ड के खिलाफ कार्रवाई के लिए रेलवे को पत्र लिखा जाएगा और भविष्य में वन्य जीवों की इस तरह मौत नहीं हो इसके लिए बातचीत की जाएगी...

Update: 2020-09-01 02:55 GMT

जनज्वार। झारखंड के पलामू इलाके में स्थित प्रसिद्ध बेतला टाइगर रिजर्व के छह हिरणों की सोमवार, 31 अगस्त 2020 को ट्रेन से कट कर मौत हो गई। गढवा रोड-बरकाकाना रेलखंड पर केचकी रेलवे स्टेशन के पास यह घटना घटी। घटना सोमवार सुबह साढे पांच बजे की बतायी जाती है।

मरे छह हिरणों में एक गर्भवती हिरणी थी, जिसके पेट में पल रहा बच्चा बाहर आ गया। ट्रेन की चपेट में आने से 3 हिरण 50 फीट तक घसीटते चले गए। हिरणों का झुंड जब ट्रेन लाइन पर था, उसी समय आ रही मालगाड़ी ने उन्हें अपने चपेट ले लिया।

घटना की सूचना के बाद वन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे और मामले की पड़ताल की। इसके बाद तीन घंटे तक रेल लाइन पर परिचालन बंद रहा। जिस जगह यह हादसा हुआ वह पलामू टाइगर रिजर्व के कोर एरिया में पड़ता है।

पलामू टाइगर रिजर्व के अधिकारियों को घटना की सूचना सोमवार को सुबह साढे दस बजे करीब मिली। इसके बाद वे मौके पर पहुंचे। मृत हिरणों के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया। बताया जाता है कि मालगाड़ी स्पीड में थी जिस वजह से हादसा हुआ। जबकि संरक्षित वन क्षेत्र में वन्य पशुओं की सुरक्षा के लिए ट्रेनों को धीमी गति से चलाने का नियम है और उसके लिए अधिकतम स्पीड भी निर्धारित है। देश के अलग-अलग हिस्सों से अक्सर ऐसी खबरें आती हैं जब ट्रेनों की चपेट में आने से संरक्षित वन्य जीवों की जान चली जाती है।

वन विभाग से संबंधित एक अधिकारी कुमार आशीष ने कहा है कि ट्रेन के ड्राइवर व गार्ड के खिलाफ कार्रवाई के लिए रेलवे को पत्र लिखा जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि रेलवे के वरीय अधिकारियों के साथ बैठक कर इस बात का हल निकाला जाएगा कि कैसे टाइगर रिजर्व से हो कर ट्रेनों के गुजरने पर वन्य प्राणी सुरक्षित रहें और उनकी जान का नुकसान न हो। 

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