टूलकिट केस: पर्यावरण कार्यकर्ता शुभम कर चौधरी ने अग्रिम जमानत के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट का खटखटाया दरवाजा

शुभम कर चौधरी ने याचिका में अदालत को यह भी बताया कि दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने उनसे हाल ही में गोवा में उनके ठिकाने का पता करने के लिए संपर्क किया था और इसलिए उन्हें अपनी गिरफ्तारी की आशंका है।

Update: 2021-03-02 15:23 GMT

पणजी। गोवा के एक पर्यावरण एक्टिविस्ट शुभम कर चौधरी ने अग्रिम जमानत के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उन्हें डर है कि किसान विरोध से जुड़े टूलकिट ममाले में दिशा रवि, शांतनु मुलुक और निकिता जैकब के खिलाफ हाल ही में दर्ज एफआईआर के संबंध में दिल्ली पुलिस के विशेष सेल द्वारा उन्हें 'गलत तरीके से फंसाया' जाएगा।

29 वर्षीय चौधरी, जो वर्तमान में संयुक्त राष्ट्र के एक निकाय के साथ गोवा की 'खजान' (एस्टुरीन) भूमि की मान्यता के लिए आधार बनाने के लिए गोवा में हैं, ने अपनी अग्रिम जमानत अर्जी में यह भी कहा है कि वह मुलुक और जैकब से मिले हैं। लेकिन विवादास्पद किसान आंदोलन टूलकिट के संबंध में नहीं, जिसके कारण हाल ही में युवा तिकड़ी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।

चौधरी ने गोवा में बॉम्बे हाईकोर्ट बेंच को सौंपी अपनी अग्रिम जमानत याचिका में कहा, "हालांकि उक्त प्राथमिकी में याचिकाकर्ता का नाम नहीं दिया गया है, जाहिर तौर पर प्रतिवादी नंबर 2 (दिल्ली पुलिस) याचिकाकर्ता को कथित रूप से उक्त प्राथमिकी में गलत तरीके से फंसाना चाहती है, जिसके साथ उसका कोई संबंध नहीं है।"

चौधरी ने याचिका में अदालत को यह भी बताया कि दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने उनसे हाल ही में गोवा में उनके ठिकाने का पता करने के लिए संपर्क किया था और इसलिए उन्हें अपनी गिरफ्तारी की आशंका है।

याचिका में यह भी कहा गया है कि चौधरी पूर्व में जैकब और मुलुक से मिल चुके हैं, लेकिन टूलकिट बनाने के संबंध में नहीं और वह किसी भी खालिस्तानी तत्वों के संपर्क में नहीं है।

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