Uttarakhand Heavy Rain Alert : अब तक 42 लोगों की मौत की खबर, मृतकों के परिजनों को मिलेगी 4 लाख की मदद

Uttarakhand Heavy Rain Alert : आधिकारिक आंकड़ों में मृतकों की संख्या हालांकि 35 बताई गई है। प्रदेश में दो दिनों की बारिश से आई आपदा में मृतकों की कुल संख्या 42 पहुंच गई है।

Update: 2021-10-20 14:04 GMT

सलीम मलिक की रिपोर्ट

Uttarakhand Heavy Rain Alert। उत्तराखंड के कुमाऊं (Kumaon) में बेमौसम बादल काल बनकर बरसने से हुए भूस्खलन, मकान ढहने, पानी में करंट आदि कारणों से 42 लोगों की मौत हो गई। जबकि कुछ लोग लापता हैं। नैनीताल (Nainital) में 29, अल्मोड़ा में 6, चंपावत में 4, पिथौरागढ़, बागेश्वर और ऊधमसिंह नगर में एक-एक व्यक्ति की मौत हो गई।

आधिकारिक आंकड़ों में मृतकों की संख्या हालांकि 35 बताई गई है। प्रदेश में दो दिनों की बारिश से आई आपदा में मृतकों की कुल संख्या 42 पहुंच गई है। गढ़वाल में मंगलवार को किसी की मौत की खबर नहीं है। सोमवार को यहां तीन मौतों की सूचना थी। गढ़वाल (Garhwal) में मौसम साफ होने से बंद मार्गों को खोलकर चारधाम यात्रियों व अन्य फंसे लोगों को निकालने का काम दिन भर चलता रहा।

कुमाऊं में प्रलयंकारी बारिश ने सोमवार रात और मंगलवार को भारी तबाही मचाई। नैनीताल जिले में सबसे अधिक 29 लोगों की मौत हुई है। इनमें तोषापानी (धारी तहसील) में पांच, चौकुटा में छह, सकूना (रामगढ़) में नौ, कैंची में दो, बोहराकोट (रामगढ़) में दो, क्वारब में दो और रामगढ़ में एक और नैनीताल में एक व्यक्ति की मौत हो गई।

अल्मोड़ा (Almora) जिले में आपदा की भेंट चढ़े छह लोगों में तीन लोग रापड़ गांव के एक ही परिवार के थे। इनकी पहचान अमर उजाला के पूर्व पत्रकार आनंद नेगी और उनके परिवार के दो अन्य सदस्यों के रूप में हुई है। चितई की एक महिला और अल्मोड़ा के एनटीडी क्षेत्र की एक युवती की भी मलबे में दबने से मौत हो गई। स्याल्दे में भी एक महिला की मलबे में दबने से मृत्यु हुई है। चंपावत के तेलवाड़ में भूस्खलन की चपेट में आने तीन और पाटी में एक महिला की जान चली गई।

पिथौरागढ़ (Pithoragarh) जिले के गंगोलीहाट में पहाड़ी से गिरे पत्थर की चपेट में आने से बिहार निवासी एक मजदूर की मौत हो गई जबकि दो घायल हो गए। रुद्रपुर (Udham Singh Nagar) में रामपुर के विधायक कमलेश शुक्ला की पुत्रवधू की बारिश के दौरान करंट लगने से मौत हो गई। वहीं, बाजपुर में सोमवार को बहे किसान का शव बरामद कर लिया गया है।


टनकपुर में शारदा नदी (Sharda River) के विकराल रूप को देखते हुए प्रशासन ने नदी के किनारे रहने वाले करीब चार हजार लोगों को होटल और धर्मशालाओं में शिफ्ट कर दिया है। पुलिस की टीम भी शहर में पेट्रोलिंग कर नदी किनारे रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थान पर जाने की अपील कर रहा है। शारदा नदी का जलस्तर और पहाड़ों पर हो रही मूसलाधार बारिश से लगातार बढ़ रहा है। बूम स्थित आदि शक्ति घाट समेत तटबंध नदी में समा गए हैं। जबकि टनकपुर शारदा घाट पूरी तरह पानी में डूब चुका है। लगभग सभी घरों में जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो गई है। लोगों के खाने-पीने का सामान भी पूरी तरह पानी में डूब गया है।

प्रशासन बाढ़ प्रभावित इलाकों के लोगों को सुरक्षित जगह पर पहुंचाकर उनके खाने पीने की व्यवस्था कर रहा है। एसडीएम हिमाशुं कफल्टिया ने बताया कि अब तक करीब चार हजार से अधिक शारदा घाट पर इस तरह नदी के पानी से हजार लोगों को तटीय क्षेत्रों से रेस्क्यू कर पंचमुखी धर्मशाला, नंदा होटल, जीआईसी, जीजआईसी समेत अन्य क्षेत्र जलमग्न हो गये। एसडीएम हिमांशु कफल्टिया के आग्रह करने के बाद लेफ्टिनेंट जनरल संकल्प राठौर ने दो सेना के वाहनों में जवानों को भेजकर राहत कार्य शुरू करवाया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रुद्रपुर (Rudrapur) क्षेत्र में जलभराव से हुए नुकसान का जायजा लिया। उन्होंने प्रभावितों को हरसंभव मदद का भरोसा दिया। कहा कि प्रदेश में बड़ी आपदा आई है, जिसमें जनहानि के साथ ही पशु हानि भी हुई है। आपदा में जान गंवाने वालों के परिजनों को चार लाख रुपये की आर्थिक मदद दी जाएगी। बुधवार को मुख्यमंत्री आपदा प्रभावित भिकियासैंण (अल्मोड़ा) नहीं पहुंच पाए। जिसके बाद उन्होंने यहां हवाई सर्वेक्षण ही किया। पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने प्रदेश में आपदा के दौरान जान गंवाने वाले लोगों की मौत पर शोक व्यक्त किया।

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